बिहार में कैश किल्लत से आम लोगों की बढ़ीं मुश्किलें, केंद्र से हस्तक्षेप की मांग
बिहार में पिछले दो तीन महीनों से अधिकतर एटीएम खाली पड़े हैं। इसके आगे नो कैश का बोर्ड लगा है। लोगों ने इस पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
पटना [जेएनएन]। पिछले दो-तीन महीनों से बिहार के अधिकतर एटीएम खाली पड़े हैं। इनके आगे ‘नो कैश’ की तख्तियां टंगी हुई हैं। शुरू में हर शहर के कुछ एटीएम में कैश रहता था, पर अब लगभग सारी मशीनें खाली पड़ी हैं। कैश का संकट नोटबंदी के काल जैसी शक्ल ले रहा है। अब इस कैश क्राइसिस से आम आदमी की मुश्किलें तो बढ़ी ही है, व्यवसायियों को भी काफी नुकसान हो रहा है। नेताओं के साथ आम आदमी ने भी केंद्र सरकार से इस मामले पर हस्क्षेप की मांग की है।
जदयू नेता अशोक चौधरी ने कैश किल्लत पर कहा कि इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए। लोगों को कैश की कमी की वजह से काफी परेशानी हो रही है।
लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस ने कहा कि इस समस्या पर केंद्र सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए। बड़े लोगों ने दो हजार के नोटों से अपनी तिजोरी भर ली है।
बिहार के जहानाबाद में हार्डवेयर दुकान चलाने वाले शुभम कुमार का कहना है कि जिस तरह से कैश की समस्य उत्पन्न हो गई है, उससे हमारे व्यवसाय पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। पहले की अपेक्षा ब्रिकी काफी कम गई है। जो लोग आते भी हैं, वो कैश की किल्लत होने का बहाना बनाकर उधार में सामान ले जाना चाहते हैं। सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए।
इस बीच कैश की किल्लत पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि हमने देश में करेंसी की समीक्षा की है और फिलहाल जरूरत से ज्यादा पैसा उपलब्ध है। नोटों की आचनक हुई कमी का कारण कुछ इलाकों में बढ़ी खपत है जिसका निपटारा किया जा रहा है। वहीं कैश की किल्लत को लेकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एसपी शुक्ला ने कहा है कि हमारे पास फिलहाल 1,25,000 करोड़ का कैश है। एक समस्या है कि कुछ राज्यों में कैश कम है वहीं कुछ में ज्यादा है। सरकार ने राज्य स्तर पर कमेटियां बनाईं हैं साथ ही रिजर्व बैंक ने भी कमेटी बनाई है ताकि यह नकदी एक राज्य से दूसरे राज्य भेजी जा सके।
वहीं, वित्त राज्यमंत्री एसपी शुक्ला ने कहा है कि 3 दिन में कैश की दिक्कत दूर हो सकती है। उन्होंने कहा है कि सरकार के पास मौजूदा समय में लगभग 1.25 करोड़ रुपये की कैश करंसी पड़ी हुई है, लेकिन किसी राज्य में कैश कम है और किसी राज्य में ज्यादा है, सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कैश को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने के लिए समिति का गठन किया है और कैश का ट्रांसफर 3 दिन में पूरा हो जाएगा।