दीन बचाओ-देश बचाओ सम्मेलन में बोले वली रहमानी: खतरे में मुल्क व इस्लाम
पटना में रविवार को 'दीन बचाओ-देश बचाओ' सम्मेलन हुआ। इसमें नफरत के खिलाफ आवाज उठी तथा हिंदू-मुस्लिम सद्भाव पर बल दिया गया। साथ ही वक्ताओं ने देश व इस्लाम को खतरे में बताया।
पटना [जेएनएन]। मुस्लिमों की महत्वपूर्ण संस्था इमारत-ए-शरिया और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने संयुक्त रूप से पटना के गांधी मैदान में दीन बचाओ-देश बचाओ रैली का आयोजन कर मुल्क और इस्लाम पर खतरा बताया। दलितों के प्रति हमदर्दी जताते हुए वक्ताओं ने मुसलमानों को उनसे दोस्ती करने के लिए प्रेरित किया। वक्ताओं ने केंद्र की पीएम मोदी सरकार को जमकर कोसा और मुल्क की हिफाजत के लिए संघर्ष का एलान किया।
मुल्क से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
कार्यक्रम का उद्घाटन अमीर-ए-शरीयत मौलाना वली रहमानी ने किया। दबे-कुचले लोगों को एकजुट होने की अपील करते हुए रहमानी ने कहा कि मुस्लिम और दलित एक-दूसरे का साथ दें। मसला सिर्फ जानमाल का नहीं, बल्कि मुल्क और तहजीब की हिफाजत का है। मुल्क से खिलवाड़ हम बर्दाश्त नहीं कर सकते।
रहमानी ने कहा कि हमने चार साल इंतजार किया और सोचा कि भाजपा संविधान के तहत देश चलाना सीख लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पर्सनल लॉ पर हमला किया जा रहा है। हमें बताना पड़ रहा है कि देश के साथ-साथ इस्लाम पर भी खतरा है।
रहमानी ने केंद्र सरकार पर देश का दस्तूर बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में तालिम और तहजीब का माहौल नहीं है। एससी-एसटी समुदाय पर हमले हो रहे हैं। संविधान खत्म करने की कोशिश हो रही है। दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थलों को खत्म किया जा रहा है। देश में जुल्म करने वालों का एक बड़ा वर्ग तैयार हो गया है। दलितों और मुसलमानों को परेशान करने में उन्हें मजा आता है।
हालांकि रहमानी ने मुस्लिमों से सब्र से काम लेने की भी अपील की। कहा कि बिना वजह जोश में आना मसले का हल नहीं है, दिमाग से फैसला करना है। लंबी प्लानिंग करनी है। नए दोस्तों को तलाश करना है। दुश्मनों की पहचान करना है। दलित-मुस्लिम भाई-भाई बनकर रहें। मुसीबत में दूसरे की मदद करें। हमारी जिम्मेवारी नफरतों को खत्म करके कौमी एकता को मजबूत करना है।
जनता ने केंद्र को दिया तीन तलाक
रैली में तीन तलाक से लेकर कानून व्यवस्था की स्थिति तक को कठघरे में खड़ा किया गया। मौलाना महफूज रहमानी ने कहा कि अररिया, फूलपुर और गोरखपुर में जनता ने केंद्र को तीन तलाक दे दिया है। तीन तलाक की चर्चा करते हुए अबू तालिब रहमानी ने कहा कि इस मुद्दे पर लाखों मुस्लिम महिलाओं ने हस्ताक्षर करके केंद्र को सौंपा फिर भी तीन तलाक बिल को लाकर सारे मसले हल करने के दावे किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा जब सीमा पर फौज को नौजवानों की दरकार हो तो सरकार सिर्फ एक बार कह दे। हम अपने बच्चों को मदरसों से निकाल कफन पहनकर फ़ौज को सुपुर्द कर देंगे। इमारत-ए-शरिया के नाजिम अनीसुर रहमान कासमी ने कार्यक्रम को राजनीति से जोड़कर नहीं देखने का आग्रह किया।
सियासी वजहों से शरीयत से खिलवाड़
सम्मेलन में संकल्प जारी करके आरोप लगाया कि सियासी वजहों से हमारे धर्म और शरीयत से खिलवाड़ किया जा रहा है। हम सभी इसकी निंदा करते हैं। नेताओं ने कहा कि एक ओर सरकार महिला सुरक्षा की बात करती है तो दूसरी ओर मासूम बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्नाव और जम्मू की घटना की निंदा करते हुए कहा गया कि दोषियों को ऐसी सजा दी जाए कि फिर ऐसी घटना दोबारा नहीं हो। कार्यक्रम के संयोजक खालिद अनवर ने कहा कि सम्मलेन का उद्देश्य हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव को बहाल करना और हमारे दीन की रक्षा करना है।