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तीन साल की मासूम की रेप के बाद कर दी थी हत्‍या, अब मिली मौत की सजा

तीन वर्षीय बच्‍ची के साथ हत्‍या और दुष्‍कर्म मामले में कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। अरोपी बिस्कुट दिलाने के बहाने गोद में लेकर बाहर चला गया था और जघन्‍य अपराध किया था।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 29 Nov 2017 07:05 PM (IST)Updated: Wed, 29 Nov 2017 09:54 PM (IST)
तीन साल की मासूम की रेप के बाद कर दी थी हत्‍या, अब मिली मौत की सजा
तीन साल की मासूम की रेप के बाद कर दी थी हत्‍या, अब मिली मौत की सजा

नालंदा [जेएनएन]। बिहार के नालंदा जिले में जिला न्यायालय के पास्को स्पेशल न्यायधीश प्रथम एडीजे शशिभूषण प्रसाद सिंह ने दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपित रोहन बिंद को फांसी की सजा सुनाई है। जिले में दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में इस तरह की पहली सजा कोर्ट ने सुनाई है। 

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आरोपित पटना जिला के गौरीचक थाना के बरावां टोला बेलदरिया गांव का निवासी है। यह मामला वर्ष 2014 में हिलसा थाना के बभनबरूई गांव में तीन वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद साक्ष्य मिटाने के ख्याल से उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पीडि़ता के पिता दुखहरण बिंद के बयान पर हिलसा थाना कांड संख्या 433-14 के तहत 22 सितम्बर 14 को आरोप दर्ज किया गया था।

विचारण के दौरान पास्को स्पेशल पीपी जगत नारायण सिन्हा ने 11 साक्षियों का परीक्षण करते हुए अभियोजन पक्ष से बहस किया था। बीते 16 नवम्बर 17 को न्यायाधीश ने आरोपित को सभी साक्ष्य सही पाते हुए दोषी करार कर सजा निर्धारण पर फैसले की तिथि 25 नवम्बर निर्धारित की थी।

निर्धारित तिथि पर दोनों पक्षों के बहसोपरांत फैसला सुरक्षित रखा था। गहन विचार-विमर्श के बाद हत्या के अपराध के लिए फांसी की सजा तथा दुष्कर्म के लिए आजीवन कारावास तथा अन्य भादसं की धारा 201 के तहत सात वर्ष पास्कों एक्ट की धारा 4,6,8 के तहत 10-10 व पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। सभी धाराओं के तहत दो-दो हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा।

यहां बता दें कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। स्पेशल पीपी के अनुसार आरोपित हिलसा थाना क्षेत्र स्थित बभववरूई टोला में अपने ससुराल घटना के दिन बीते वर्ष 21 सितम्बर 14 की शाम 3.30 बजे पहुंचा। ससुराल के घर में ताला बंद होने की स्थिति में पीडि़ता की मां ने अपने घर में बैठाकर आरोपित की सेवा सत्कार किया।

इस दौरान तीन वर्षीया बच्ची भी वहीं थी। आरोपित उससे बात कर रहा था। उसके बाद बिस्कुट दिलाने के बहाने उसे गोद में लेकर बाहर चला गया और शाम तक घर नहीं पहुंचने पर परिवार वालों ने खोजबीन शुरू की।

रास्ते में कुछ लोगों ने बताया कि आरोपित काली टोपी पहनकर गांव से उत्तर टोला में बच्ची को लेकर गया है। गांव से एक किलोमीटर दूर जाने पर अलंग किनारे पटवन के गड्ढे में बच्ची का शव पड़ा था। उसके गर्दन पर जख्म तथा गाल पर दांत काटने के निशान के साथ जननांग भी जख्मी था। आरोपी की काली टोपी उसी गड्ढे में थी जो कोर्ट में भी प्रस्तुत की गई थी।

15 जनवरी 17 को आरोपित का कोर्ट में बयान हुआ था तथा 30 सितम्बर 14 को स्वीकारोक्ति बयान भी दिया था। पाक्सो स्पेशल पीपी जगतनारायण सिन्हा ने कहा कि ऐसे कुकृत्य करने वाले अपराधियों के लिए ऐसी सजा दिलाने का उनका हर संभव प्रयास रहता है। ताकि ऐसे अपराध पर न केवल लगाम लगे। बल्कि समाज से इसकी जड़ ही साफ हो जाए।


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