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जाना था आगरा, पहुंच गए पटना, तीन दिन बाद ट्रेन के शौचालय में मिली लाश

कोटा-पटना एक्सप्रेस के टॉयलेट से कानपुर के एक व्‍यवसायी का शव बरामद हुआ। वे कानपुर से आगरा जा रहे थे, लेकिन इस बीच उनकी मौत हो गई।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 09:22 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 11:18 PM (IST)
जाना था आगरा, पहुंच गए पटना, तीन दिन बाद ट्रेन के शौचालय में मिली लाश
जाना था आगरा, पहुंच गए पटना, तीन दिन बाद ट्रेन के शौचालय में मिली लाश

पटना [जेएनएन]। रेल पुलिस ने रविवार की सुबह राजेंद्र नगर टर्मिनल यार्ड में खड़ी कोटा-पटना एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी के टॉयलेट से तीन दिन पुराना शव बरामद किया है। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के आनंदपुरी में मकान संख्या 321 निवासी व्यवसायी संजय अग्रवाल (48) के रूप में हुई है।

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वह कानपुर से आगरा जाने के लिए निकले थे लेकिन गंतव्य तक नहीं पहुंचे। खोजबीन करने के बाद उनके साले जयदीप ने कानपुर सेंट्रल रेल पुलिस को गुमशुदगी की तहरीर दी थी। सूचना पर उनके रिश्तेदार राजेंद्र नगर टर्मिनल पहुंचे। जहां पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव उन्हें सौंप दिया। लाश सड़ी हुई थी।

राजेंद्र नगर जीआरपी प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि प्रथमदृष्टया हार्ट अटैक से मौत की आशंका है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर सही कारण का पता चल सकेगा। फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।

मंदिर दर्शन करने जा रहे थे आगरा

कानपुर के अनवरगंज स्थित 64 तेजाब मिल कैंपस निवासी जयदीप के मुताबिक संजय अग्रवाल का इंवर्टर का व्यापार है। उन्हें आगरा स्थित पारिवारिक मंदिर में दर्शन के लिए जाना था। 24 मई की सुबह संजय को बेटे वात्सल्य ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर छोड़ा। वह एसी में जगह नहीं मिलने पर पटना-कोटा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में बैठे थे। सुबह साढ़े आठ बजे अंतिम बार पत्नी दीपाली अग्रवाल से उन्होंने बात की और बताया कि वह फफूंद स्टेशन पार कर रहे हैं। काफी गर्मी है, इससे उन्हें बेचैनी हो रही है।

शरीर पर नहीं थे कपड़े

जीआरपी ने रेलवे अधिकारियों के सामने अंदर से बंद टॉयलेट के गेट को तोड़कर संजय का शव निकाला। शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। उनके कपड़े गेट में लगी खूंटी से टंगे मिले। उसमें रखे मोबाइल, पैसे, टिकट आदि सुरक्षित थे। यात्रा टिकट कानपुर से टूंडला तक का था। आशंका है कि बेचैनी बढऩे पर टॉयलेट गए संजय ने  कपड़े उतारे होंगे। इस बीच दिल का दौरा पडऩे से उनकी मौत हो गई।

तीन दिन तक शौचालय में पड़ी रही लाश

घटना में रेलवे की लापरवाही सामने आई है। 24 मई की सुबह 6:40 बजे संजय ट्रेन में बैठे थे और उनका शव 72 घंटे बाद रविवार सुबह सात बजे बरामद हुआ। शव तीन दिन तक स्लीपर कोच के टॉयलेट में घूमता रहा। गाड़ी कोटा तक गई और वहां से वापस पटना आई, लेकिन इस बीच न तो सफाईकर्मियों ने शौचालय को साफ करने की जहमत उठाई और न ही सुरक्षाबलों ने लंबे समय से बंद दरवाजे को खोल कर देखना उचित समझा।


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