CoronaVirus: यही हाल रहा तो पटना पर कहर बन टूटेगा कोरोना, खुले में फेंका जा रहा संक्रमित कचरा
CoronaVirus बिहार में कोरोना के इलाज के लिए बनाए गए अस्पताल एनएमसीएच में इलाज के बाद संक्रमित कचरे को खुले में फेंका जा रहा है। इससे आसपास के बड़े इलाके में संक्रमण का खतरा है।
पटना, जेएनएन। CoronaVirus: कोरोना (Corona) से पूरी दुनिया डरी हुई है। इसके संक्रमण की कड़ी को तोडऩे के लिए देशभर में लॉकडाउन (Lockdown) है। लेकिन बिहार में कोरोना के इलाज में लगा नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (NMCH) कोरोना मरीजों के मेडिकल कचरे (Medical Waste) को खुले (Open) में व तालाब किनारे (On the Bank of Pond) फेंक दिया जा रहा है। लापरवाही का यह आलम कितने लोगों पर संक्रमण का कहर ढ़ा सकता है, इसकी कल्पना ही सिहरा देती है। हालांकि, एनएमसीएच के अधीक्षक की माने तो मेडिकल कचरे के निष्पादन की पूरी व्यवस्था है।
खुले में फेंका जा रहा कोरोना मरीजों का मेडिकल कचरा
एनएमसीएच के संक्रामक रोग अस्पताल में कोरोना के सात पॉजिटिव (Corona Positive)और दो दर्जन से अधिक संदिग्ध (Corona Suspected) मरीज भर्ती हैं। उनके इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले किट सहित मेडिकल कचरे को खुले में फेंका जा रहा है। रविवार को यह कचरा निकटवर्ती तालाब के किनारे लगा दिखा।
इस मेडिकल कचरा को नियमानुसार नष्ट करना है। लेकिन ऐसा नहीं किए जाने से स्थानीय लोगों में भी भय का माहौल बन गया है।
संक्रमित मेडिकल कचरे को नष्ट करने की उचित व्यवस्था नहीं
स्वास्थ्यकर्मियों ने माना कि इस संक्रमित मेडिकल कचरे को नष्ट करने की उचित व्यवस्था नहीं की गयी है। नाम नहीं देने के आग्रह के साथ कई डॉक्टरों (Doctors) ने कहा कि तालाब किनारे संक्रमित कचरा फेंकने से पानी में संक्रमण फैलने पर स्थिति भयावह हो सकती है। उनके अनुसार इस तरह के कचरे को बेहद सावधानी से गढ़े में नष्ट किया जाना चाहिए।
अस्पताल उपाधीक्षक ने कहा# इस्तेमाल किट को जलाने का निर्देश
इस बाबत अस्पताल के उपाधीक्षक (DS) डॉ. गोपाल कृष्ण ने कहा कि इस्तेमाल हुए किट को जलाने का निर्देश दिया गया है। कुछ डॉक्टरों ने यह भी कहा कि किट को पहले जलाया गया है, लेकिन इसे विधिवत और नियमित रूप से नष्ट किया जाना बेहद आवश्यक है।