जागरण अभियान में सुशील मोदी ने ललकारा, भीख जैसा दहेज न मांगे युवा
दैनिक जागरण ने जो 21 दिन पहले पूरे बिहार में दहेज की कुप्रथा के खिलाफ जो अलख जलाई थी, उसके प्रथम चरण का समापन हो गया। हजारों युवाओं ने दहेज के खिलाफ मशाल को जलाए रखने का प्रण लिया।
पटना [राज्य ब्यूरो]। दहेज भीख जैसा ही तो है। युवा इससे परहेज करें। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने समाज में व्याप्त दहेज प्रथा को लेकर युवाओं को झकझोरा और कहा कि कोई कुछ भी कहे, लेकिन अपने आत्मसम्मान और गरिमा को बरकरार रखें। दहेज की भीख न मांगे। खुद की क्षमता पर भरोसा करें। दहेज की मांग करने पर अभिभावक के खिलाफ आवाज उठाएं। यह धरती जयप्रकाश और क्रांति की है। इस धरती के युवा दहेज न लेने का संकल्प लें।
दहेज कुप्रथा के खिलाफ दैनिक जागरण का महाअभियान 'दहेज को ना कहें' के पहले चरण के समापन पर मंगलवार को सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लड़कियां खुद को कमजोर न समझें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें। जबतक लड़कियां अपने पांव पर खड़ी नहीं होंगी, तब तक दहेज के दानव को खत्म करना कठिन होगा।
गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के समीप संकल्प सभा में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह कुप्रथा गरीब तबके में भी तेजी से फैल रही है। लड़की के पैदा होने के दिन से ही अभिभावक एक- एक पैसा जोडऩे लगते हैं। दहेज समाज को खोखला कर रहा है। मोदी ने कहा कि प्राचीन काल में दहेज का प्रचलन नहीं था।
दो हजार साल पहले मेगास्थनीज ने भारत में दहेज नहीं देखा था। आज लड़की लड़के को चुनती नहीं हैं, बल्कि खरीदती हैं। मोदी ने दहेज कुप्रथा के जारी रहने के पीछे महिलाओं को भी जिम्मेदार बताया। कहा, लड़कों को भी लगता है कि दहेज लेने में खराबी क्या है, बगैर कुछ किए अच्छे पैसे मिल जाते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को दहेज मुक्त बनाने का संकल्प लिया है, जिसे दैनिक जागरण ने आगे बढ़ाया है। इस मुहिम में सबको योगदान देना चाहिए। अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बेटों की शादी में कोई दहेज न लें। इतना ही नहीं उन्हें इस बात की निमंत्रण पत्र पर बकायदा घोषणा भी करनी चाहिए।
इससे पहले दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर सदगुरु शरण अवस्थी और मुख्य महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को 'दहेज मुक्ति' मशाल सौंपी। उपमुख्यमंत्री ने गुब्बारा उड़ाकर दहेज के खिलाफ लिखे गए नारों को आसमान तक पहुंचा दिया। मोदी ने इस अभियान के आकाश छूने की कामना की।
दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर सदगुरु शरण अवस्थी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि दैनिक जागरण ने इस अभियान के माध्यम से प्रदेश में दहेज के खिलाफ माहौल बनाया। इस दौरान लोगों खासकर युवाओं और महिलाओं का अकल्पनीय समर्थन मिला।
मौके पर उपस्थिति अन्य वक्ताओं ने कहा कि यह दहेज के खिलाफ अभियान का समापन नहीं बल्कि शुरुआत है। दहेज रूपी दानव को खत्म करने के लिए जलाई गई मशाल की लौ और ज्यादा तेज होगी। एमिटी के छात्र- छात्राओं ने नाटक प्रस्तुत कर दहेजप्रथा पर चोट की। ऋचा राजपूत ने दहेज मुक्ति पर आधारित मधुबनी पेंटिंग समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को समर्पित की।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा, मेयर सीता साहु, विधायक संजीव चौरसिया, अरुण सिन्हा, राजीव रंजन, जदयू नेता अरविन्द कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह, ओम प्रकाश सिंह सेतु, संगिनी क्लब की अध्यक्ष मोनी त्रिपाठी, बागबान क्लब के अध्यक्ष श्याम जी सहाय, इस्लामिक शिक्षाविद् मौलाना रिजवान अहमद इसलाही, आचार्य संजय तिवारी, सरदार सत्यलोक सिंह, फादर जोसकलपुरा, आनंद माधव, नीरज कुमार, बंटी कुमार चंद्रवंशी, शत्रुघ्न पासवान आदि ने भी विचार व्यक्त किए।