दादा और द्रविड़ ने बदली जूनियर क्रिकेट की तस्वीर
-भारतीय जूनियर क्रिकेट टीम चयन समिति के सदस्य ज्ञानेंद्र पांडेय बोले युवा क्रिकेटरों से बिहार क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल।
-भारतीय जूनियर क्रिकेट टीम चयन समिति के सदस्य ज्ञानेंद्र पांडेय बोले, युवा क्रिकेटरों से बिहार क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल
अरुण सिंह, पटना
कभी भारतीय क्रिकेट की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ और टीम इंडिया को आक्रामक बनाने वाले सौरव गांगुली वर्तमान में भारतीय जूनियर क्रिकेट की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। भारतीय जूनियर क्रिकेट टीम चयन समिति के सदस्य पूर्व क्रिकेटर ज्ञानेंद्र पांडेय ने बुधवार को जागरण से विशेष बातचीत में बताया कि अंडर-19 और भारत ए टीम के मुख्य कोच के रूप में राहुल ने इशान किशन, पृथ्वी शॉ, रिषभ पंत जैसे कई प्रतिभाओं को तलाश कर उन्हें तराशा है। अब वे बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में निदेशक के तौर पर अपनी भूमिका को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। साथ ही भारत ए और अंडर-19 टीम की प्रगति पर वे कड़ी नजर रखे हुए हैं। न्यूजीलैंड दौरे पर भारतीय ए टीम को देखने मैं भी गया था और मैं दावे से कह सकता हूं कि द्रविड़ के कारण काफी फर्क पड़ा है।
उसी तरह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं, जैसा कभी वे कप्तान के रूप में थे। उनके आने से सीनियर, जूनियर और महिला क्रिकेट में काफी बदलाव नजर आ रहा है। इतना ही नहीं, राज्य संघों के क्रिकेट संचालन में भी वे बढ़-चढ़ कर मदद कर रहे हैं। दादा के कहने पर एमपी वर्मा क्रिकेट टूर्नामेंट देखने पटना पहुंचे ज्ञानेंद्र पिछले दिनों बांग्लादेश के खिलाफ अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में भारत की हार से निराश दिखे। उन्होंने बताया कि भारत का स्कोर अगर दौ सौ के पार होता तो हमे लगातार दूसरी बार खिताब जीतने से कोई नहीं रोक सकता था। बहरहाल यशस्वी जायसवाल, प्रियम गर्ग, रवि विस्नोई जैसे कई क्रिकेटरों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर सीनियर टीम के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की है।
इस सत्र में कूच बिहार अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए बिहार टीम का चयन करने वाले ज्ञानेंद्र स्थानीय क्रिकेटरों के प्रदर्शन से बेहद खुश नजर आए। सूरज राठौर, पीयूष सिंह का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल नॉर्थ-ईस्ट की टीमों से उनका आसान मुकाबला था, जबकि इस बार कई तगड़ी टीमों को बिहार के जूनियर क्रिकेटरों ने टक्कर देकर अपनी उपस्थिति का अहसास कराया। मुझे उम्मीद है कि वे इससे भी बेहतर प्रदर्शन अगले सत्र में करेंगे और सीनियर टीम में स्थान बनाने में कामयाब होंगे।
-बिहार क्रिकेट को पटरी पर लाने में आदित्य वर्मा की अहम भूमिका
अपने करियर में दो वनडे और सौ प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके ज्ञानेंद्र पांडेय ने कहा कि बिहार क्रिकेट को पटरी पर लाने में आदित्य वर्मा की अहम भूमिका रही है। बिहार को रणजी की मान्यता उन्हीं के कारण मिली है और मैं उनसे काफी प्रभावित हूं। उनके पिता के नाम पर आयोजित एमपी वर्मा ऑल इंडिया आमंत्रण टूर्नामेंट में क्रिकेटरों के प्रदर्शन को देखने मैं यहां आया हूं और मुझे विश्वास है कि इस आयोजन से कई प्रतिभाएं निखरेंगी।