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दूसरे के कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग कर OLX पर बेचता था सामान, यूं अाया गिरफ्त में

एक निजी फाइनेंस कंपनी के ग्राहकों और कर्मियों के शॉपिंग कार्ड से ऑनलाइन मार्केटिंग करने वाले साइबर अपराधी को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 08 Mar 2018 10:16 AM (IST)Updated: Fri, 09 Mar 2018 11:41 PM (IST)
दूसरे के कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग कर OLX पर बेचता था सामान, यूं अाया गिरफ्त में
दूसरे के कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग कर OLX पर बेचता था सामान, यूं अाया गिरफ्त में

पटना [जेएनएन]। पुलिस ने बुधवार को साइबर क्राइम के एक बड़े मामले के उद्भेदन में सफलता हासिल की है। एक निजी फाइनेंस कंपनी के ग्राहकों और कर्मियों के शॉपिंग कार्ड से ऑनलाइन मार्केटिंग करने वाले साइबर अपराधी रूपक कुमार ओझा को गिरफ्तार कर लिया। वह मूलरूप से झारखंड के देवघर जिलान्तर्गत मधुपुर थाना क्षेत्र के कुर्मीडीह का रहने वाला है।

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रूपक यहां बेउर थानान्तर्गत गंगा विहार कॉलोनी में रह रहा था। उसके पास से पुलिस ने फर्जी आइ कार्ड, मोबाइल, छह आइ फोन, कैमरा, कैमरा स्टैंड, लैपटॉप, म्यूजिक सिस्टम, मिक्सर ग्राइंडर, विभिन्न बैंकों के पांच एटीएम कार्ड आदि बरामद हुए हैं।

प्रभारी एसएसपी सह ग्रामीण एसपी ललन मोहन प्रसाद ने बताया कि रूपक के गिरोह में झारखंड के जामताड़ा क्षेत्र के कई शातिर साइबर ठग शामिल हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

ऐसा करता था साइबर ठगी

रूपक एक निजी फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी था। उसके मोबाइल में उस फाइनेंस कंपनी का एक एप्लीकेशन डालनलोड था, जिसमें केवल मोबाइल नंबर डालने से शॉपिंग कार्डधारक का कार्ड नंबर सहित अन्य जानकारियां मिल जाती थी। वह गूगल के माध्यम से विभिन्न शहरों के मोबाइल नंबर के आगे वाले चार कोड पता करता और अपने मन से अंतिम छह नंबर बनाकर एप्लीकेशन में डालता था। औसतन सौ में से एक-दो मोबाइल नंबर धारक उस फाइनेंस कंपनी के ग्राहक या कर्मचारी होते थे, जिनके पास शॉपिंग कार्ड होता था।

एप्लीकेशन से सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद वह ऑनलाइन मार्केटिंग साइट पर खरीददारी करता था। सामान खरीदने के लिए उसे मोबाइल नंबर और शॉपिंग कार्ड का नंबर डालना पड़ता था। इसके बाद ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी से कार्ड धारक के मोबाइल पर एसएमएस के द्वारा ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भेजा जाता था। तब रूपक कंपनी का कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव बनकर फोन करता और कार्ड एक्सपायर होने का भय दिखा ओटीपी पूछ लेता था। ऑनलाइन साइट पर ओटीपी डालते ही कंपनी से उसके द्वारा बताए गए पते पर सामान पहुंच जाता था। बड़ी बात है कि वह शहर बदल-बदलकर सामान की डिलीवरी लेता था।

40 लाख की चपत से बौखलाई कंपनी

लगातार ग्राहकों और कर्मियों से फर्जी शॉपिंग की शिकायत मिलने पर उस फाइनेंस कंपनी ने जांच शुरू की तो पता चला कि वित्तीय वर्ष 2017-2018 में जालसाज ने 40 लाख रुपये की चपत लगा दी। कंपनी अपने स्तर से छानबीन कर रही थी। तभी रूपक ने एक ग्राहक को कॉल कर ओटीपी पूछा और उसके तुरंत बाद शॉपिंग कार्ड से एक कीमती मोबाइल सेट की खरीदारी हो गई।

शिकायत मिलते ही ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी से मोबाइल डिलीवरी का पता पूछा तो मालूम हुआ कि जालसाज सामान लेने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर आने वाला है। तब मंगलवार को फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों ने प्रभारी एसएसपी से मुलाकात की।

सूचना मिलते ही जुट गई टीम

फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों की लिखित शिकायत पर गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई। सिटी एसपी (मध्य) अमरकेश दारपीनोनी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस ने हवाई अड्डा के पास जाल बिछा रखा था। जैसे ही ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी के कर्मी ने रूपक को मोबाइल की डिलीवरी दी, वैसे ही पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने संलिप्तता स्वीकार कर ली और बताया कि वह पटना के कंकड़बाग और बेउर इलाके में रहकर ठगी का कारोबार कर रहा था।


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