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CYBER ATTACK : रूस और यूक्रेन के निशाने पर भारत के एटीएम

रूस और यूक्रेन में बैठे हैकर्स के निशाने पर देश के एटीएम हैं। एसबीआइ, बीओबी और एक्सिस बैंक के एटीएम इनके निशाने पर रहते थे। इन तीनों बैंकों के सर्वर मुंबई से संचालित होते हैं। इसका ख्‍ुालासा गुजरात में पकड़े गए नौ अपराधियों ने किया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2015 07:46 AM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2015 12:11 PM (IST)
CYBER ATTACK : रूस और यूक्रेन के निशाने पर भारत के एटीएम

पटना [आशीष शुक्ला]। रूस और यूक्रेन में बैठे हैकर्स के निशाने पर देश के एटीएम हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और एक्सिस बैंक के एटीएम इनके निशाने पर रहते थे। इन तीनों बैंकों के सर्वर मुंबई से संचालित होते हैं। इसका ख्ुालासा गुजरात पुलिस द्वारा पकड़े गए नौ साइबर अपराधियों ने किया है। गिरोह के तार बिहार से भी जुड़े हैं।

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गिरोह का सरगना कई राज्यों का हवाई सफर करके ऐसे एटीएम की रेकी करता था, जिसमें कैश ज्यादा डाला जाता हो और सुरक्षा की व्यवस्था कम होती हो। विभिन्न राज्यों में सैकड़ों एटीएम खाली कर चुके गिरोह का सरगना सुनील उर्फ सैम है, जो दिल्ली और मुंबई में बैठकर देशभर के गुर्गों को निर्देशदिया करता था।

गुजरात पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों ने पटना पुलिस को बताया कि सैम उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात सहित करीब एक दर्जन राज्यों में फ्लाइट से सफर करता था। हर क्षेत्र में कुछ ही दिन रुकता और एक नजर में ही शिकार वाले एटीएम को पहचान लेता था।

वह हर राज्य में धावा बोलने से पहले यूक्रेन और रूस में बैठे हैकर्स से बातचीत कर सलाह लेता था, जिसके एवज में मोटी रकम भी अदा करता था।

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जयपुर के बाद आगरा था निशाने पर

गिरोह के निशाने पर वही एटीएम हुआ करते थे, जिनका कंट्रोल रूम मुम्बई में होते थे। हैकर्स का गिरोह खासकर बीओबी, एसबीआइ और एक्सिस बैंक को निशाना बनाते थे। पटना पुलिस की पूछताछ में पकड़े गए आरोपी सुनील ने उक्त जानकारी दी।

उसने बताया कि मई में उसे आगरा के एक होटल में सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया। उस वक्त वह जयपुर के करीब दो दर्जन एटीएम खाली कर आगरा में एटीएम की तलाश में आया हुआ था।

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कई बैंकों के अधिकारियों की भी संलिप्तता

पूछताछ में पता चला है कि कई बड़े बैंकों के अधिकारी भी इन हैकर्स के संपर्क में थे। आरोपियों के पास से मिले फोन की डिटेल्स के जरिए कई नंबर उनके भी मिले हैं जो मुम्बई स्थित बैंक के मुख्यालय में तैनात हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार फिलहाल ऐसे लोगों पर नजर रखी जा रही है। जांच में ये भी पता चला है कि बैंक कर्मचारी की सांठगांठ के बगैर इतने बड़े पैमाने पर उक्त घटना को अंजाम नहीं दिया जा सकता।

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एक और हैकर को लिया जाएगा रिमांड पर

पटना पुलिस सुनील के अलावा आठ और हैकर्स से पूछताछ कर रही है। इसमें दो बिहार के हैं। जबकि, सत्यम नाम का नाबालिग हैकर्स अभी न्यायिक हिरासत में रिमांड होम में है। पुलिस की मानें तो एटीएम कार्ड बनाने वाली कंपनी में सत्यम एक्सपर्ट रह चुका है।

पटना पुलिस सत्यम को भी जल्द ही रिमांड पर लेने वाली है। उससे पूछताछ में मैग्नेटिक चिप की क्लोनिंग कर हुई ठगी के बारे में भी कई जानकारियां हाथ लग सकती है।

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ऐसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़

1. मार्च-अप्रैल में पटना और बेगूसराय के 14 एटीएम से करीब दो करोड़ रुपये गायब हो गए थे। बैंक ने जब जांच की तो मालूम हुआ कि किसी सॉफ्टवेयर के जरिए एटीएम को हैक कर पैसे निकाल लिए गए हैं।

2. इसी बीच सूरत में पटना व बेगूसराय की तरह ही एक एटीएम को हैक कर तेरह लाख रुपये निकाल लिए गए थे। सूरत की क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच कर गिरोह के सरगना सहित नौ लोगों को दबोच लिया।

3. तब मालूम हुआ कि इस गिरोह के तार बिहार से भी जुड़े हैं। पटना पुलिस 26 अगस्त को नौ हैकर्स को पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर ली और न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब पटना पुलिस ने सभी हैकर्स को तीन दिनों की रिमांड पर लिया है।

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ऐसे निकालते थे पैसे

- हैकर्स बैंक सर्वर को हैक करने के लिए मैलवेयर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे।

- जैसे ही किसी एटीएम में कार्ड डाला जाता है, बैंक के सर्वर से उस कार्ड में लगी मैग्नेटिक चिप पर दर्ज जानकारी मिलाई जाती है।

- एटीएम में कार्ड डालने से पहले आरोपी नासिक में बैठे हैकर्स से मोबाइल पर जुड़ते थे।

- वहां से जैसे ही निर्देश मिलता, एटीएम के की-बोर्ड के तार को निकालकर लैपटॉप से जोड़ देते थे।

- इसके बाद नासिक में बैठे हैकर्स बैंक के मुख्य सर्वर में सेंध लगाकर कार्ड के सभी फीचर्स को एक्टिवेट कर देते थे।

- इस बीच मशीन के सिस्टम का कनेक्शन अपने लोकल सर्वर पर लेकर बैंक सर्वर से उसका संबंध तोड़ देते थे।

- मशीन का कनेक्शन लोकल सर्वर पर आते ही महज पांच मिनट में पूरा कैश खाली कर दिया जाता था।

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बेगूसराय के हैं दो हैकर्स

बेगूसराय निवासी संजू उर्फ करण सिंह व सत्यम (नाबालिग है), अहमदाबाद का रतन गुप्ता, कानपुर का विकास चतुर्वेदी, मध्य प्रदेश का सुनील सिंह ऊर्फ सेमी व मेहराज अंसारी, महाराष्ट्र का मुहम्मद शोएब शेख और साहेब खान उर्फ छोटा साहिब, गौतम सिंह व जहांगीर शेख

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पुलिस ने कहा

'गुजरात पुलिस द्वारा पकड़े गए 10 हैकर्स को ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाया गया था, जिन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। अभी पूछताछ जारी है। इस संबंध में कुछ ज्यादा बताने से जांच प्रभावित हो सकती है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।' - चंदन कुशवाहा, सिटी एसपी (मध्य)


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