पटना में प्रोफेसर की दिनदहाड़े गाेली मार कर हत्या, हत्यारे सीसीटीवी में कैद; इलाके में कोहराम
बिहार में नहीं थम रहा है अपराध। शहर हो या गांव अपराधियों का खौफ कम नहीं हो रहा है। बुधवार को ऐसे ही एक मामले में पटना में कॉलेज के प्रोफेसर की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पटना, जेएनएन। बिहार में नहीं थम रहा है अपराध। शहर हो या गांव, अपराधियों का खौफ कम नहीं हो रहा है। बुधवार को ऐसे ही एक मामले में पटना में कॉलेज के प्रोफेसर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कंकड़बाग थानांतर्गत चांदमारी रोड के रोड नंबर आठ के मोड़ पर अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया। टीपीएस कॉलेज के प्रोफेसर शिवनारायण राम (55) की हत्या को अंजाम देने के बाद अपराधी आसानी से निकल भागे। घटना उस वक्त हुई, जब वह पूर्वी इंदिरा नगर स्थित घर से पैदल कॉलेज जा रहे थे। बताया जाता है कि हत्यारे सीसीटीवी में कैद हैं।
वारदात की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घर वालों को कॉल कर हत्या की जानकारी दी। साथ ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) भेज दिया। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि घटनास्थल से कुछ दूरी पर लगे सीसीटीवी कैमरे में दो बदमाश दिखे हैं। उनकी पहचान की जा रही है। वारदात के बाद वे पैदल ही फरार हो गए।
गांव की जमीन को लेकर विवाद
मूलरूप से रोहतास जिले के दिनारा निवासी शिवनारायण राम कंकड़बाग के टीपीएस कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर थे। पूर्वी इंदिरा नगर में उनका बड़ा मकान है। इसमें उनके दो छोटे भाइयों का परिवार भी रहता है। उनके मंझले भाई शैलेंद्र सहायक प्राध्यापक हैं, जबकि छोटे भाई नौसेना में सेवारत हैं। छानबीन के दौरान मालूम हुआ कि गांव की जमीन को लेकर कुछ विवाद चल रहा था।
घर से जुड़े दो बाहरी पर भी शक
प्रोफेसर के साथ उनकी पत्नी अनीता देवी (38) और बेटा अंकित (11) रहते थे। अनीता नृत्य सीख रही हैं। उन्हें डांस सिखाने के लिए शिक्षक आते हैं। वहीं, अंकित निजी स्कूल में पढ़ाई करता है। तफ्तीश में पुलिस को जानकारी मिली है कि दो बाहरी लोगों का उनके घर में अक्सर आना-जाना होता है। पुलिस का शक उन दोनों पर भी है। इसके अलावा घटना को पारिवारिक विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सभी लोगों की कॉल रिकॉर्ड निकाली जा रही है। वाट्सएप कॉल पर ज्यादा बात करने वाले एक शख्स पर पुलिस को गहरा शक है।
सुपारी देकर कराई गई हत्या
प्रोफेसर की हत्या करने वाले दोनों अपराधी पेशेवर बताये जाते हैं। अंदेशा है कि सुपारी देकर उनकी हत्या कराई गई। हत्यारों को मालूम था कि वह घर से कब निकले और किस रास्ते कॉलेज जाने वाले हैं। अपराधियों ने जिस गली में प्रोफेसर को निशाना बनाया, वह सुनसान थी। वहां नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी खड़ी थी, लेकिन चालक अंदर सो रहा था। गोली चलने की आवाज सुनकर मोहल्ले के लोग दौड़े तो देखा कि खून से लथपथ प्रोफेसर जमीन पर पड़े थे। चालक भी हत्यारों का चेहरा नहीं देख पाया।