बिहार की जनता की गुहार- मुख्यमंत्री जी! अपराध नहीं, हमें सुशासन चाहिए
बिहार में हत्या, रंगदारी और लूट की जो वारदातें शुरू हुई हैं उससे जनता के बीच जहां भय का माहौल है वहीं विपक्ष सरकार पर हमलावर होने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहता।
पटना [ काजल]। बिहार में अपराधी बेलगाम होते जा रहे हैं। आए दिन हत्या, रंगदारी और लूट आदि की घटनाओं से जनता भयभीत है। विपक्ष ने इसे जंगल राज करार दिया है। बिहार की जनता ने विश्वास के साथ महागठबंधन की सरकार को अपना बहुमत दिया, लेकिन बिहार पुलिस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही है।
सत्ता संभालने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की अहम बैठक कर कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने की हिदायत दी थी। कानून-व्यवस्था और सुशासन नीतीश सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे उपर है। इसके लिए हाल में भी मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासनिक महकमे को झकझोरने वाली बैठकें बुलाकर स्थिति को संभालने के सख्त निर्देश दिए।
लेकिन, बीते कुछ दिनों के भीतर अपराध की कुछ बड़ी घटनाओं ने सरकार के लिए असहज स्थितियां पैदा कर दी हैं तो विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिल गया है।
घटनाएं जो चर्चा में हैं...
सड़क निर्माण कंपनी से मांगी एक करोड़ की रंगदारी
दरभंगा के बहेड़ा थाने के शिवराम गांव में गत 26 दिसंबर 2015 को दो अभियंताओं की हत्या के पांच माह बाद फिर सड़क निर्माण कंपनी बीएससी एंड सीएंडसी ज्वाइंट वेंचर के लोगों को धमकियां मिलने लगी हैं। फोन कर एक करोड़ की राशि मांगी जा रही है। चर्चा है कि इंजीनियर्स हत्याकांड में वांटेड इनामी व फरार मुकेश पाठक ने फोन कर धमकियां दी हैं। मंगलवार को तीन बार तो बुधवार को दो बार रंगदारी के लिए फोन किए गए।
गौरतलब है कि कंपनी के बिहार चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर बीके झा ने इंजीनियर्स हत्याकांड के तीसरे दिन 29 दिसंबर 2015 को ही संतोष झा गैंग के शूटर मुकेश पाठक द्वारा कंपनी से साढ़े सात सौ करोड़ के प्रोजेक्ट में से 10 प्रतिशत यानी 75 करोड़ रंगदारी मांगे जाने की बात कहकर सनसनी फैला दी थी।
दो डॉक्टरों से मांगे डेढ़ करोड़
राजधानी में एक और डॉक्टर से रंगदारी मांगने का मामला उजागर होने पर पुलिस महकमे में हड़कंप है। इस बार कंकड़बाग के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत कुमार वर्मा को निशाना बनाया गया है। उनके मोबाइल पर रंगदारी का एसएमएस आया, जिसमें एक करोड़ रुपये की मांग की गई है। रकम नहीं देने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है। कंकड़बाग थाने से लगभग 200 मीटर दूर गायत्री मंदिर के पास डॉ. हेमंत कुमार वर्मा का क्लीनिक है। मंगलवार दोपहर उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से एसएमएस आया, जिसमें एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। इसके बाद उन्होंने थाने में सूचना दी। पुलिस ने गुरुवार को इस मामले में एक गिरफ्तारी का दावा किया है।
इसके दो दिन पहले भी राजधानी के प्रतिष्ठित रूबेन अस्पताल के संचालक डॉ. एके सिंह को .38 बोर के जिंदा कारतूस के साथ 50 लाख रुपये की रंगदारी के लिए पत्र भेजा गया था। पत्र के साथ कारतूस भेजने का यह अपने ढ़ंग का अकेला मामला था।
शिक्षण संस्थान के मालिक से मांगे एक करोड़
अपराधियों ने दानापुर क्षेत्र के सगुना मोड़ पर स्थित एक नामी शिक्षण संस्थान के मालिक से भी एक करोड़ की रंगदारी मांगी है। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस ने संस्थान की सुरक्षा बढ़ा दी है। करीब 10 दिनों पहले नामी शिक्षण संस्थान के मालिक से बदमाशों ने फोन पर एक करोड़ की रंगदारी मांगी। संस्थान के मालिक ने पहले इसकी अनदेखी कर दी। इसके बाद गुर्गों ने अपने आका से संस्थान के मालिक से फोन से बात कराई। पैसा न देने पर अंजाम भुगतने की धमकी तक दे डाली।
सहमे संस्थान के मालिक और गुर्गों के बीच रंगदारी की रकम कम करने की डील शुरू हुई। बात एक करोड़ से 70 लाख पर पहुंच गई। रंगदारी मांगने वाले जिस कुख्यात का नाम सामने आया है, वह जेल में है।मॉल मालिक से 30 लाख की मांगी रंगदारी
अधिक दिन नहीं हुए, जब आरा जिले के एनएस मॉल के मालिक आलोक बेरिया से अपराधियों ने 30 लाख रुपये की रंगदारी मांगी । रंगदारी नहीं देने पर बेखौफ अपराधियों ने 20 मिनट के अंदर ही ने बम ब्लास्ट कर मॉल के सुरक्षाकर्मी समेत आधा दर्जन ग्राहकों को जख्मी कर दिया। इस बम ब्लास्ट में आरा जेल में बंद कुख्यात लंबू शर्मा के नाम से अलग-अलग नंबरों से एनएस मॉल समेत तीन प्रमुख प्रतिष्ठानों से एक करोड़ की रंगदारी एक ही दिन मांगी गई।
डॉक्टर के अपहरण की कोशिश, कार लूटी मंगलवार की रात करीब सवा नौ बजे राजधानी से 50 किलोमीटर की दूरी पर दुल्हिनबाजार थाना के सामने एनएमसीएच के डॉक्टर पीके झा के अपहरण का प्रयास किया गया। इस दौरान हथियारबंद अपराधियों ने उनके कंपाउंडर राजीव रंजन को गोली मार दी। ड्राइवर मिथिलेश कुमार को भी मारपीट कर जख्मी कर दिया आैर डाॅक्टर की काले रंग की अल्टो कार लूट कर भाग निकले। डॉ. झा एनएमसीएच में प्राध्यापक हैं।
एक ही दिन 24.60 लाख की लूट
पिछले एक महीने में दो बड़ी बैंक डकैती के लिए चर्चा में रहे मुजफ्फरपुर में अपराधियों ने सोमवार को कैश वैन को निशाना बनाया। भीड़भाड़ वाले इलाके में दोपहर बाद तीन बजे लुटेरे वैन के गार्ड और कस्टोडियन को गोली मार 15 लाख रुपये ले भागे।
उधर, सिवान में हथियारबंद लुटेरों ने युवक को गोली मारकर आठ लाख रुपये लूट लिए। सुबह करीब 10 बजे बैंक में रुपये जमा करने जा रहे 22 वर्षीय युवक को गोली मारी गई। जहानाबाद में भी 1.60 लाख रुपये लूट लिए गए।
एक्सिस बैंक की शाखा से 50 लाख की लूट
हाल ही में मुजफ्फरपुर जिले के काजी मोहम्मदपुर (माड़ीपुर) के पास स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में दिन-दहाड़े घुसकर आधा दर्जन अपराधियों ने करीब 50 लाख रुपये लूट लिए।
बेगूसराय व वैशाली में लूटे 19.649 लाख
हाल ही में बेगूसराय जिले के फुलवरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मिरचैया चौक के समीप स्थित आइसीआइसीआइ बैंक में सुरक्षा-व्यवस्था को धता बताते हुए बदमाशों ने बैंक में रुपये जमा कराने जा रहे बीमा कंपनी के कर्मचारी को गोली मारकर 16.89 लाख रुपये लूट लिए।
हाल में बेखौफ अपराधियों ने स्टेट बैंक आफ इंडिया की वैशाली शाखा के मेन गेट के समीप एक गैस एजेंसी कर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी तथा 2.75 लाख रुपये लूट ले गए। अपराधियों ने लूट के दौरान बम फोड़े तथा जमकर फायरिंग की। घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने थाना में तोड़फोड़ की तथा सड़क जाम रखा।
आदित्य सचदेवा हत्याकांड आदित्य सचदेवा हत्याकांड ने पूरे देश में मीडिया की सुर्खियों में रहा। यह घटना सात मई को हुई। मामूली सी बात पर सत्तारूढ जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव ने अपनी इटालियन बरेटा पिस्तौल से छात्र आदित्य सचदेवा की गोली मारकर हत्या कर दी। उसका 'कसूर' इतना था कि उसने रॉकी की गाड़ी को साइड नहीं दी।
आदित्य की हत्या के बाद रॉकी फरार हो गया।इसके बाद उसे भगाने व साक्ष्य छिपाने के आरोप में उसके पिता कुख्यात बिंदी यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। घर में शराब बरामद होने के बाद पुलिस ने उसकी मां मनोरमा देवी को भी गिरफ्तार कर लिया। जदयू ने मनोरमा देवी को पार्टी से निलंबित कर दिया। इस बीच रॉकी भी पकड़ा जा चुका था। सभी आरोपी जेल में हैं।
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड
सिवान में 13 मई की शाम हिंदुस्तान दैनिक समाचारपत्र के ब्यूरो हेड राजदेव रंजन की अपराधियों ने सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी। पेशेवर शूटरों ने पत्रकार को बिल्कुल करीब से पांच गोलियां मारीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पत्रकार की हत्या सोची-समझी साजिश का नतीजा लगता है। हत्या क्यों और किस उद्देश्य से की गई, यह अभी भी जांच का विषय बना हुआ है। इस घटना के राजनीतिक पहलू की भी पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने शूटर्स को गिरफ्तार करने का दावा किया है, लेकिन घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है।
इस घटना के तार सिवान जेल से जुड़ते दिखाई पड़े। सिवान के बाहुबली पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन पर भी शक की सुई घमती नजर आई। हालांकि, इस बाबत फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
घटना के बाद शहाबुद्दीन को भागलपुर जेल भेजा गया है। सिवान जेल में बंद उसके शूटरों को भी इधर-उधर के जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है। इस हत्याकांड की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआइटी गठित की है। अब सीबीआई इसकी अपने तरीके से पड़ताल कर रही है। कुछ शूटर गिरफ्तार किए गए हैं, जिन्होंने कबूला है। उन्होंने शहाबुद्दीन के खास लड्डन मियां के कहने पर हत्या करने की बात बताई है।
दैनिक जागरण के पत्रकार को हत्या की धमकी
राजदेव रंजन की हत्या की गुत्थी अभी सुलझी भी नहीं थी कि बिहारशरीफ के दौनिक जागरण कार्यालय में घुसकर एमएलसी हीरा प्रसाद बिंद के कथित गुर्गों ने पत्रकार राजेश सिंह के साथ बदतमीजी की तथा एमएलसी से माफी नहीं मांगने पर हत्या की धमकी दी। पुलिस ने आरोप के घेरे में आए एमएलसी से फोन पर पूछताछ की जिसमें कुछ साफ तथ्य सामने नही आ सके।
अपराधी बेलगाम
आंकड़े बताते हैं कि जघन्य अपराधों (हत्या, अपहरण और रंगदारी जैसी घटनाएं) का सिलसिला तेज है। पुलिस का दावा है कि वह दोषियों को पकड़ रही है। लेकिन, आम जनता का सवाल है कि ऐसी हालत ही क्यों, जिसमें अपराधी बेलगाम हो गए हैं। दूसरी ओर हमलावर विपक्ष का सीधा आरोप है कि बिहार जंगलराज की ओर बढ रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार को कानून का राज दिखाने के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे।