बिहार के शिल्पकार को अब पुरस्कार में मिलेंगे 50 हजार, ऑनलाइन मार्केट से जोड़े जाएंगे शिल्प
बिहार के शिल्पकारों के लिए अच्छी खबर। अब बिहार के शिल्पकारों को राज्य पुरस्कार के रूप में अब 50 हजार रुपये मिलेंगे। अभी तक शिल्पकार को 22 हजार रुपये मिलते थे।
पटना, जेएनएन। बिहार के शिल्पकारों के लिए अच्छी खबर। अब बिहार के शिल्पकारों को राज्य पुरस्कार के रूप में अब 50 हजार रुपये मिलेंगे। अभी तक शिल्पकार को 22 हजार रुपये मिलते थे। हालांकि, इस साल भी उन्हें पुरुस्कार में 22 हजार रुपये ही मिले हैं। नयी घोषणा अगले साल से लागू होगी। इतना ही नहीं, पटना एयरपोर्ट पर शिल्प कलाकृति बिक्री केंद्र खुलेगा। ये बातें मंगलवार को उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहीं।
दरअसल, बिहार के शिल्पकारों के लिए मंगलवार का दिन खास था। उद्योग विभाग के विकास भवन में आयोजित सरकारी समारोह के दौरान प्रदेश के चयनित 20 शिल्पकारों को राज्य शिल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उद्योग विभाग के अंतर्गत उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की ओर से वर्ष 2016-2017 के लिए चयनित शिल्पकारों को राज्य पुरस्कार के रूप में 22-22 हजार रुपये और प्रमाणपत्र दिये गये। इनके अलावा, मेरिट लिस्ट में आने वाले अन्य 20 शिल्पकारों को 11-11 हजार रुपये से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि शिल्पकला को बढ़ावा देने वाले कलाकारों के लिए राज्य पुरस्कार में संख्या और राशि दोनों बढ़ाई जाएगी। राज्य पुरस्कार में मिलने वाली राशि को 22 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया जाएगा। साथ ही शिल्प अनुसंधान संस्थान को और समृद्ध बनाने के लिए काम होगा, ताकि अधिक से अधिक लोग शिल्प कला का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। उन्होंने कलाकारों को सामाजिक मुद्दों पर जागरुकता के लिए काम करने को कहा।
मंत्री ने कहा कि आज पूरा मार्केट ऑनलाइन हो रहा है। इसे देखते हुए बिहार के शिल्प को भी बाजार से जोडऩे का प्रयास हो रहा है। पटना स्थित म्यूजियम में उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान की ओर से बिक्री केंद्र खोला गया है, जहां हस्तशिल्प कलाकृति की बिक्री हो रही है। राजधानी के खादी मॉल में भी शिल्प कलाकृतियों की बिक्री के लिए स्थान दिया गया है। आने वाले दिनों में पटना एयरपोर्ट पर शिल्प कलाकृति बिक्री केंद्र खोला जाएगा।
उद्योग मंत्री श्याम रजक ने सभी शिल्पियों को पुरस्कृत कर उनका हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम का उद्घाटन मंत्री के साथ ही उद्योग निदेशक पंकज कुमार सिंह, उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल ने किया। कार्यक्रम के दौरान उद्योग विभाग की ओर से 'उद्योग संवाद' त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन किया गया। मंत्री श्याम रजक ने कहा कि आजादी के बाद कला को जितना सम्मान मिलना चाहिए था उतना मिला नहीं। बिहार सरकार शिल्प कला और शिल्पकारों को आगे बढ़ाने के लिए अपने स्तर से हरसंभव प्रयास कर रही है।
विभाग के निदेशक पंकज कुमार सिंह ने कहा कि राज्य पुरस्कार के होने वाली प्रतियोगिता काफी रोचक रही। प्रतियोगिता के लिए शिल्पियों की संख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ी है। विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल ने कहा कि सरकार और विभाग अपने स्तर से कला के प्रचार-प्रसार के लिए लगातार काम कर रहा है। वही शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने कहा संस्थान की ओर से शिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण के साथ शिविर का आयोजन कराया जा रहा है। अपर सचिव प्रदीप कुमार, बिहार ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष आनंदी प्रसाद बादल और बिहार उद्योग संघ की अध्यक्ष उषा झा ने भी अपने विचार दिए। वही नेशनल अवार्डी शांति देवी ने अपने संघर्ष और सफलता के बारे में जानकारी देकर सभी का मनोबल बढ़ाया।
इन्हें अवार्ड से नवाजा गया
रश्मि सिंह - पेपरमैशी
विशुद्धानंद मिश्र - मंजूषा
सुफिया कौसर - एप्लिक
कौशल्या देवी - सुजनी
चंद्र कुमार ठाकुर - सिक्की
अजय कुमार पंकज - टेराकोटा
भोला कुमार पंडित - टेराकोटा
किरण कुमारी - टिकुली
सुभाष कुमार - काष्ठ
प्रीति कुमारी पंडित - जूट
रणविजय कुमार - पाषाण
मधबुनी पेंटिंग - संजय कुमार जायसवाल, प्रीति कर्ण, अनीता देवी, चंचल मिश्रा, प्रिया दास, हेमा देवी, रंजीत पासवान, उषा मिश्रा।