जानवर के मांस को नष्ट करने पर कोर्ट ने पुलिस से मांगा जवाब
मांस जलाने के संबंध में कोर्ट ने पुलिस से मांगा जवाब
पटना (धनरुआ)। तीस किलो जानवर के मास को नष्ट करने के मामले में कोर्ट ने कादिरगंज पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है। मसौढ़ी व्यवहार न्यायालय ने इस मामले में पुलिस की मंशा पर शक जाहिर करते हुए तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। दरअसल तीन अप्रैल को थाना अंतर्गत पकौड़ा प्राथमिक विद्यालय के समीप एक मोटरसाइकिल पर थैला में रखे तकरीबन तीस किलो जानवर के मास को स्थानीय ग्रामीणों ने गो मास ले जाने के संदेह के आधार पर पकड़ा। बाद में इसकी सूचना कादिरगंज पुलिस को दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस ने जानवर के मांस के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया। उसकी बाइक भी जब्त कर ली गई थी। एसडीपीओ सोनू कुमार राय ने बताया कि ग्रामीणों ने जफिर कुरैसी को शराब का धंधेबाज समझकर पकड़ लिया था। लेकिन बाद में जाच के दौरान उसके पास से मास जब्त किया गया। पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया। छानबीन की जा रही है।
वहीं एक सप्ताह बाद पुलिस ने जब्त मांस के कुछ हिस्से को न्यायालय में प्रस्तुत कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच की अनुमति मांगी। देर से न्यायालय में मांस को प्रस्तुत करने पर न्यायिक दंडाधिकारी भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी ने इस मामले को गंभीरता से लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने मांस को बगैर न्यायालय की अनुमति के नष्ट भी कर दिया। न्यायालय ने पूछा कि किसकी अनुमति से जब्त मांस को नष्ट किया गया। पकड़ा गया युवक जफिर कुरैसी जहानाबाद के पाली थाना के पाली ढिबरा गांव का रहने वाला बताया जाता है।