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बिहार में अब नहीं चलेगा पकड़उआ ब्याह, कोर्ट ने इंजीनियर की शादी कर दी कैंसिल

बिहार में पकड़उआ शादी की परंपरा पुरानी है लेकिन अब इस परंपरा पर कोर्ट ने लगाम लगाते हुए एक इंजीनियर द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शादी को कैंसिल कर दिया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 01:19 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 10:17 PM (IST)
बिहार में अब नहीं चलेगा पकड़उआ ब्याह, कोर्ट ने इंजीनियर की शादी कर दी कैंसिल
बिहार में अब नहीं चलेगा पकड़उआ ब्याह, कोर्ट ने इंजीनियर की शादी कर दी कैंसिल

 पटना, जेएनएन। बिहार में 'पकड़उआ शादी' की परंपरा काफी पुरानी है। अब तो बॉलीवुड में इसके ऊपर 'जबरिया जोड़ी' फिल्म भी बन रही हैं, लेकिन अब कोर्ट ने एक ऐसी ही शादी को कैंसिल कर दिया है। पटना में एक इंजीनियर की ऐसे ही पकड़उआ शादी करा दी गई थी, जिसके बाद पीड़ित इंजीनियर ने कोर्ट में इसकी शिकायत की थी, जिसको अब कोर्ट ने गलत ठहराते हुए रद कर दिया है।

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पटना के एक फैमिली कोर्ट ने घटना में पीड़ित इंजीनियर विनोद कुमार की याचिका पर संज्ञान लिया है। विनोद कुमार बोकारो में इंजीनियर हैं, उनके कुछ परिचित लोगों ने ही  उन्हें पहले शादी के बहाने अगवा कर उनकी 2017 दिसंबर महीने में शादी करा दी थी, हालांकि विनोद ने शुरू से ही अपनी इस शादी का विरोध किया और इस मामले में कोर्ट चले गए और इस संबंध में सारी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की। 

विनोद ने अपनी इस शादी की शिकायत थाने में की और फिर कोर्ट में इस शादी को रद करने का आवेदन भी दिया था। बता दें कि इस मामले में पुलिस शुरू से ही शिथिलता दिखा रही थी लेकिन जब खबर मीडिया में आई तो पुलिस भी हरकत में आई और शादी को पकड़उआ शादी करार दिया। कोर्ट ने अब इस शादी को सारी कानूनी प्रक्रिया और सभी पक्षों को सुनने के बाद गलत करार देते हुए रद करने का आदेश दिया है।

जबरन शादी के मामले में किसी कोर्ट का ऐसा फैसला हाल के समय में पहला है। विनोद जो करीब डेढ़ साल से काम छोड़कर कोर्ट का चक्कर लगा रहे थे, उनका कहना है कि आखिरकार उन्हें न्याय मिला है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस की शिथिलता के कारण ही ये अपराध बिहार में फिर से पनप रहा है।

बिहार में किसी जमाने में ऐसी शादी हजारों की संख्या में होती थी। इस तरह की शादी में दूल्हे का जबरन अपहरण कर लिया जाता था और फिर जबर्दस्ती उसे मंडप में बैठाकर उसकी शादी करा दी जाती थी।  जब विधि व्यवस्था में सुधार हुआ और बहुत बड़ी संख्या में विवाहित महिलाओं को जब उनके ससुराल पक्ष के लोगों ने स्वीकार करने से मना कर दिया दो ऐसे घटना में कमी आने लगी।

इंजीनियर विनोद कुमार के साथ जब ये घटना हुई तब एक बार सबको फिर से पुराने समय का एहसास हुआ। लेकिन अब कोर्ट ने इंगित कर दिया है कि कानून इसे गलत मानता है और अब ऐसी शादियां मान्य नहीं होंगी।

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