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बिहार में बना देश का पहला सूफी रिसर्च सेंटर, सूफिज्‍म पर होगा शोध

बिहार के पटना सिटी के खानकाह मुनएमिया परिसर देश का पहला सूफी रिसर्च सेंटर बना है। यहां सभी धर्मों के सूफी-संतों व उनके संदेशों पर शोध व अध्ययन होगा।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 12:58 PM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 08:32 PM (IST)
बिहार में बना देश का पहला सूफी रिसर्च सेंटर, सूफिज्‍म पर होगा शोध
बिहार में बना देश का पहला सूफी रिसर्च सेंटर, सूफिज्‍म पर होगा शोध

पटना [अहमद रजा हाशमी]। सभी धर्मों के सूफियों और संतों के उपदेशों और संदेशों पर शोध और तुलनात्मक अध्ययन के लिए मीतन घाट स्थित खानकाह मुनएमिया में देश का पहला सूफी रिसर्च सेंटर तैयार हो चुका है। संस्थान में सूफिज्म पर स्नातकोत्तर व पीएचडी किए जाने की व्यवस्था होगी।

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खानकाह के दक्षिणी भाग में तैयार सूफी रिसर्च सेंटर का भवन सफेद मार्बल व हरे ग्रेनाइट पत्थर से तैयार किया गया है। मेहराब और बनाई गईं कलाकृतियां देश के विभिन्न हिस्सों तथा दूसरे देशों से आए जायरीनों को आकर्षित कर रही हैं। सेंटर में देश-विदेश से आने वाले विद्यार्थी सूफिज्म पर शोध करेंगे। स्थायी क्षेत्र अभियंत्रण विभाग के इंजीनियर महेश कुमार ने कहा कि योजना के अनुसार निर्माण कार्य 18 महीने यानी जून 2015 तक पूरा हो जाना था, लेकिन पुराने भवन को तोडऩे व अन्य प्रक्रिया को पूरी करने इतना समय लग गया। अब भवन तैयार हो चुका है।

11 करोड़ से तैयार होंगी कई परियोजनाएं

महेश कुमार ने बताया कि राज्यसभा सांसद डॉ. महेंद्र प्रसाद की निधि से 1.30 करोड़ रुपये मिले जिससे सूफी रिसर्च सेंटर का भवन तैयार हुआ है। सांसद कोष की 1.60 करोड़ राशि से ही डोरमेटरी का निर्माण हुआ है। इसके अलावा पश्चिम में 2.25 करोड़ रुपये से महिला विश्राम गृह बन चुका है। पांच करोड़ रुपये से उत्तर में पुरुष विश्राम गृह का निर्माण होना है। यह दोनों कार्य पर्यटन विभाग करा रहा है। यह अगले वर्ष तैयार हो जाएगा। लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार का काम 70 लाख रुपये से हुआ है।

मुहब्बत व इंसानियत की शिक्षा का होगा प्रसार

खानकाह मुनएमिया मीतनघाट के सज्जादानशीं सैयद शाह प्रो. शमीमुद्दीन अहमद मुनएमी ने बताया कि यह सूफी रिसर्च सेंटर देश में पहला और अनूठा होगा। मुहब्बत व इंसानियत की शिक्षा देना तथा इसका प्रचार-प्रसार करना ही सूफियों के जीवन का उद्देश्य रहा है। इसी संदेश व उपदेश को जन जन तक पहुंचाने में सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

बिहार में शेख शरफुद्दीन यहिया मनेरी की बिहारशरीफ, शाह मखदूम शाह दौलत की मनेरशरीफ, बीबी कमाल की काको, खानकाह मुनएमिया, खानकाह इमादिया समेत अन्य खानकाह है। यहां से सूफियों की शिक्षा लोगों का पहुंचाई जाएगी। इससे देश की एकता एवं अखंडता और भी प्रगाढ़ होगी।

शोध व तुलनात्मक अध्ययन से दूर होंगी गलतफहमियां

सज्जादानशीं ने बताया कि संस्थान में सूफियों एवं संदेशों पर शोध कर तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा ताकि गलतफहमियां दूर कर सही बातें लोगों तक पहुंचाई जा सके। राष्ट्रीय स्तर के शोध संस्थान में अलग-अलग विषयों के विभाग होंगे। पढ़ाने के लिए विशेषज्ञ प्रोफेसर नियुक्त किए जाएंगे।

नीतीश ने किया मुआयना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 26 दिसंबर 2013 को खानकाह मुनएमिया में सेंटर की नींव रखी थी। आज चादरपोशी के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री ने सेंटर और इसकी परियोजनाओं की प्रगति के बारे में जिलाधिकारी कुमार रवि एवं सज्जादानशीं सैयद शाह प्रो. शमीमउद्दीन अहमद मुनएमी से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कार्यस्थल का मुआयना भी किया।


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