खांसी-बुखार है, गंध-स्वाद भी नहीं है, लेकिन पटना के लोग कहने पर भी नहीं करा रहे हैं कोरोना जांच
तीसरी लहर की आशंका के बीच आज से बिहार अनलाक हो गया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सावधानी बरतें। लेकिन राजधानी के लोग ही लापरवाही कर रहे हैं। लक्षण होने के बावजूद वे जांच नहीं करा रहे।
पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के नए मामले कम होते ही राजधानीवासी बेपरवाह हो गए हैं। आलम है कि वे सर्दी-खांसी, बुखार के साथ गंध व स्वाद जाने की शिकायत तो डाक्टरों से कर रहे हैं, लेकिन प्रिस्क्रिप्शन में लिखने के बावजूद कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं। लोगों के इस रवैये से स्वास्थ्य विभाग परेशान है। अब अधिकारी लोगों को उनकी व उनके अपनों की सुरक्षा के लिए लक्षणों के आधार पर जांच कराने के लिए जागरूकता अभियान दोबारा शुरू करने पर विचार कर रहे हैं।
शहरी क्षेत्र में ज्यादा दिख रही है लापरवाही
जिले में 51 से अधिक अस्पतालों में कोरोना की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के विगत 15 दिनों के आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमण के लिए संवेदनशील रहे बाढ़, संपतचक, फुलवारीशरीफ, पंडारक, मसौढ़ी जैसे प्रखंडों में जांच संख्या ज्यादा है। इसके विपरीत पटना सदर के शहरी क्षेत्र जहां कोरोना काल में सबसे अधिक जांचें हो रही थीं, इनकी संख्या कम हुई है। शहरी क्षेत्र के लोग सरकारी डाक्टरों से लेकर सिविल सर्जन तक को फोन कर सर्दी-खांसी और एक या दो दिन बुखार आने पर ठीक होने की सूचना दे रहे हैं। इनमें से कई लोग गंध और स्वाद जाने की भी बात कहते हैं लेकिन जब उन्हें नजदीकी अस्पताल जाकर कोरोना जांच कराने को कहा जाता है तो वे इन्कार कर जाते हैं।
सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी ने बताया कि ऐसे कई लोगों के फोन आए हैं। अन्य अस्पतालों के प्रभारियों ने भी सूचना दी है कि आशंकित लक्षण होने पर भी लोग कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं। हालांकि, जो लोग जांच करा रहे हैं, उनकी सही रिपोर्ट आ सके इसलिए आरटी-पीसीआर जांच (RTPCR Test) की संख्या बढ़ाने को कहा गया है।
मालूम हो कि राज्य में आज से अनलाक शुरू हो गया है। सीएम नीतीश कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे लापरवाही नहीं बरतें। अभी ज्यादा सावधानी की जरूरत है।