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बारिश से पहले राजधानी को डूबने से बचाने में जुटा निगम, छोटी नालियों की सफाई शुरू

पटना नगर निगम बारिश आने से पहले शहर को डूबने से बचाने की जुगत में जुट गया है। पटना के सभी 75 वार्डों में छोटे नाले-नालियों की सफाई शुरू हो गई।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 01:07 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 01:07 PM (IST)
बारिश से पहले राजधानी को डूबने से बचाने में जुटा निगम, छोटी नालियों की सफाई शुरू
बारिश से पहले राजधानी को डूबने से बचाने में जुटा निगम, छोटी नालियों की सफाई शुरू

पटना, जेएनएन। राजधानी को डूबने से बचाने की तैयारी में निगम जुट गया है। मंगलवार से सभी 75 वार्डों में छोटे नाले-नालियों की सफाई शुरू हो गई। बड़े नालों की सफाई निजी एजेंसियां करेंगी। एजेंसी तय करने के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। छह पैकेज में से चार की वित्तीय निविदा खुल गई है।

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छह भागों में बांटे गए बड़े नाले

शहर के बड़े नालों को छह भागों में बांटा गया है। नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने 15 जून तक सभी नालों की सफाई करा लेने का निर्देश दिया है। निगरानी कार्यपालक पदाधिकारी और सफाई निरीक्षक करेंगे। नाले की सफाई की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

लगाए जाएंगे अतिरिक्त मजदूर

समय पर काम पूरा करने के लिए अतिरिक्तसफाई मजदूर लगाए जाएंगे। सभी वार्डों के नालों का पानी निर्बाध रूप से बड़े नालों में जाएगा। प्री-मानसून तक नाले बेहतर स्थिति में रहेंगे। नगर आयुक्त की मानें तो बारिश में पटना डूब नहीं पाएगा। बता दें कि राजेंद्र नगर सहित शहर के कई मोहल्ले पिछले वर्ष बारिश में डूब गए थे। नगर आयुक्त ने बताया कि पिछले वर्ष से सबक लेते हुए युद्धस्तर पर कार्य शुरू कराए जा रहे हैं।

पांच अंचल चल रहे प्रभार में मिले महज तीन ईओ

पटना नगर निगम के छह अंचलों में पांच प्रभार में चल रहे हैं। प्रभार वाले पदाधिकारी कार्य के बोझ से दब गए हैं। बावजूद सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन कार्यपालक पदाधिकारियों को ही नगर विकास विभाग में स्थानांतरित किया है। पटना नगर निगम के नूतनराजधानी, पाटलिपुत्र, बांकीपुर, कंकड़बाग और अजीमाबाद अंचल प्रभार में चल रहा है। बारिश से निपटने की तैयारी भी शहर में चल रही है। ऐसे में पटना नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारियों का पद रिक्त होना चर्चा का विषय है। बताते चलें पिछले साल भारी बारिश की वजह से पटना के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। इस दौरान राजधानीवासी पलायन करने पर मजबूर हो गए थे।


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