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CoronaVirus ने बिहार के 38 में से 37 जिलों में पसारे पैर, जमुई ने घुसने नहीं दिया, जानिए क्या है जादू

CoronaVirus बिहार के 38 में से 37 जिलों में कोरोना वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं लेकिन अबतक वो जमुई जिले में नहीं घुस सका है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह है। जानिए क्या जादू है...

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 11:03 AM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 03:04 PM (IST)
CoronaVirus ने बिहार के 38 में से 37 जिलों में पसारे पैर, जमुई ने घुसने नहीं दिया, जानिए क्या है जादू
CoronaVirus ने बिहार के 38 में से 37 जिलों में पसारे पैर, जमुई ने घुसने नहीं दिया, जानिए क्या है जादू

जमुई, जेएनएन। लॉक डाउन के 51 वें दिन तक कोरोनावायरस संक्रमण से अछूता महावीर की धरा को किसी की नजर ना लग जाए। जी हां, यह भय जमुई वासियों को सता रही है। दरअसल संक्रमण से अछूता जमुई को लेकर इन दिनों देश और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रहनेवाले लोगों द्वारा पूछे जा रहे तरह-तरह के सवाल से कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। हालांकि इसके पीछे लोगों का उद्देश्य प्रशासनिक प्रबंधन और आमजन के साथ-साथ कोरोना योद्धाओं की प्रतिबद्धता जानने की जिज्ञासा मात्र है।

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डीएम ने उठाया बड़ा कदम, एसपी ने दिया साथ

बहरहाल संक्रमण से जंग में सफलता का श्रेय जिलाधिकारी पहली गेंद से धुआंधार बल्लेबाजी और जमुई की जनता के धैर्य और संयम का संगम मान रहे हैं। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि जब 22 मार्च की रात्रि प्रदेश केे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉक डाउन की घोषणा की तभी सेे जिला प्रशासन होमवर्क में जुट गया। पौ फटते ही लोग कुछ समझ पाते इसके पहले ही जिला प्रशासन सड़कों पर दिखा। डीएम धर्मेंद्र कुुुमार व एसपी डॉ इनामुुलहक मेेंंगनू ने खुद से कमान संभाल ली और सख्ती के संदेश के साथ साथ लोगोंं से सहयोग की अपील भी की।

जमुई की जनता ने नियम का किया है पालन

इस निर्णय का फलाफल यह रहा कि दोपहर होते होते शहर से लेकर ग्रामीण सड़कें तक सूनी हो गईं। लोगों ने भी समझदारी दिखाई और परदेस से घर वापसी करने वालों की सूचना प्रशासन तक पहुंचाने में दिलचस्पी दिखाने लगे। इस कार्य में प्रशासन ने भी पंचायती राज व्यवस्था के सबसे निचले पायदान के प्रतिनिधियों व सुरक्षा व्यवस्था की निचली सीढ़ी अर्थात चौकीदारों के पीठ पर हाथ रखा।

आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जीविका दीदियों के उत्साहवर्धन में भी प्रशासन ने कोई कोताही नहीं की। लिहाजा आशातीत परिणाम सामने आने लगे। जिले में 80 स्थानों पर दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी तैनात किए जाने के साथ ही सीमाएं सील कर दी गई। हद तो तब हुई जब रेड जोन से आवाजाही करने वाले कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर तक दर्ज करने का आदेश जिलाधिकारी ने निकाल दिया। तब वैसे कुछेक कर्मियों व अधिकारियों को यह आदेश नागवार गुजरा। लेकिन, अब उन्हीं आदेशों की प्रशंसा भी हो रही है।

लोगों की आपसी समझ-बूझ ने अबतक कोरोना को घुसने नहीं दिया

बाहर से आने वाले एक-एक लोगों की पहचान कर उसके घरों तक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा दस्तक दिया जाना और उन्हें होम क्वॉरेंटाइन के लिए पोस्टर लगाकर बाध्य किया जाना भी संक्रमण को रोकने में अहम कारक माना गया। इस लड़ाई में अभी और भी जंग बाकी है। लिहाजा प्रशासन कोई भी कोताही के मूड में नहीं है। अब तक 7100 लोगों के क्वारंटाइन किए जाने की व्यवस्था की जा चुकी है। 2250 लोग क्वारंटाइन हो रहे हैं।

परदेस से वापसी करने वाले प्रवासियों की अनुमानित संख्या के लिहाज से व्यवस्थाओं को विस्तार दिया जा रहा है। रेड जोन से आने वाले लोगों को अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर पर भेजने की जगह एक ही स्थान पर लोगों को रखने की कोशिश की जा रही है। आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खोलने के सरकारी निर्देश को भी जिला प्रशासन ने अपने हिसाब से अनुपालन कराया है। यहां दुकानें तो हर दिन खुलती है लेकिन उसकी अवधि दोपहर 12:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक निर्धारित की गई है। लिहाजा जरूरतमंद लोग ही बाजार निकलते हैं। इससे बाजारों में अनावश्यक भीड़ नहीं लग रही है।

बताया जिलाधिकारी, जमुई ने

पहले दिन से ही प्रशासनिक सजगता जिले वासियों व मीडिया कर्मियों का सहयोग तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व पुलिस के जवानों की प्रतिबद्धता कोरोना से जंग में महत्वपूर्ण कारक बना है। यही कारण है कि अब तक भगवान महावीर की भूमि कोरोना संक्रमण से दूर है।

धर्मेंद्र कुमार, जिलाधिकारी, जमुई


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