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लॉकडाउन के दौरान बैंकों ने आम लोगों को दी है ये राहत, जान लीजिए ये बड़ी बात

लॉकडाउन के दौरान बैंकों ने अपने नियम में बदलाव किया है। इसमें लोन ईएमआइ के साथ ही आधार को पैन से लिंक करने की भी तयसीमा बढ़ा दी है। इसके साथ ही कई बैंकों का विलय भी किया गया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 11:38 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 11:17 PM (IST)
लॉकडाउन के दौरान बैंकों ने आम लोगों को दी है ये राहत, जान लीजिए ये बड़ी बात
लॉकडाउन के दौरान बैंकों ने आम लोगों को दी है ये राहत, जान लीजिए ये बड़ी बात

पटना, जेएनएन। केंद्र सरकार ने आमजन को लॉकडाउन के दौरान कई सहूलियत प्रदान की हैं। एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है। इसको लेकर बैंकों में कई नए नियम व बदलाव लागू हो गए हैं। केंद्र सरकार ने देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर नियमों में ढील देते हुए 31 मार्च की डेडलाइन आगे बढ़ा दी है। कोरोना वायरस की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन महीने तक किसी भी तरह की EMI और क्रेडिट कार्ड बिल नहीं चुकाने की मोहलत दी है तो वहीं टैक्स जमा करने की तय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी गई है।

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आधार से पैन लिंक की तिथि भी 30 जून तक बढ़ाई गई

ग्राहकों के टैक्स छूट को लेकर 30 जून तक निवेश की संभावना बनी रहेगी। हालांकि, 80सी, 80जी, 80डी के तहत निवेश के लिए तीन महीने की मोहलत दी गई है। 19-20 का आइटी रिटर्न 30 जून तक भरा जा सकेगा। आधार से पैन लिंक करने की तिथि भी 30 जून तक बढ़ा दी गई है। इंडायरेक्ट टैक्स पर केंद्र ने पहले ही राहत देते हुए र्टिन 30 जून तक भरने की पहले ही घोषणा कर चुकी है।

 स्टेट बैंक अॉफ इंडिया के डीजीएम ने बताया-

नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है। किसान सम्मान योजना, डीबीटी, उज्ज्वला योजना, पेंशन आदि योजनाओं की राशि एक-दो दिनों में आएगी। केंद्र सरकार एक-दो दिन में डीबीटी के माध्यम से राशि भेजेगी।

संजय श्रीवास्तव डीजीएम, एसबीआई।

टर्म लोन-क्रेडिट कार्ड पेमेंट तीन महीने टाली

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस के बीच नकदी संकट से जूझ से लोगों को राहत देते हुए टर्म लोन और क्रेडिट कार्ड पेमेंट तीन महीने तक टालने के लिए बैंकों को सलाह दी थी सबसे पहले देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने अपने यहां RBI के नियमों को लागू किया और धीरे-धीरे सभी बैंक लागू कर रहे हैं।

बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़ा विलय, अब इतिहास बन गए ये बैंक

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी), यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआइ), सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इलाहाबाद बैंक अब इतिहास का हिस्सा हो गए हैं। केंद्र सरकार ने बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़े विलय का एलान करते हुए पिछले वर्ष 30 अगस्त को इन बैंकों को सरकारी क्षेत्र के चार अलग-अलग बैंकों में मिलाने का फैसला किया था। पहली अप्रैल यानी बुधवार से यह विलय लागू हो गया है।

विलय की प्रक्रिया पूरी होने में लगेगा समय

चार बैंकों में छह बैंकों के विलय के साथ ही सरकारी क्षेत्र के बैंकों की संख्या 18 से घट कर 12 रह गई है। इससे पहले बीओबी में विजया बैंक व देना बैंक के विलय का फैसला किया गया था, जो पिछले वर्ष अमल में आ गया। तकनीकी तौर पर बुधवार से इन बैंकों का विलय हो चुका है। लेकिन जमीनी तौर पर अभी इस प्रक्रिया के पूरा होने में समय लगेगा।

मौजूदा लॉकडाउन की वजह से विलय से संबंधित कई काम अभी नहीं हो पाए हैं। ग्राहकों को नया चेकबुक, एटीएम कार्ड देने का काम भी प्रभावित हुआ है। हालांकि ग्राहकों के पुराने एटीएम और चेकबुक पहले की तरह काम करते रहेंगे। शाखाएं बढ़ने से ग्राहकों को दी जाने वाली सुविधा भी बढ़ेगी।


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