CoronaVirus Bihar: बिहार के इस थाने में सुरक्षा की 'दीवार' पहले सैनिटाइजेशन तब FIR, जानिए
CoronaVirus Bihar बिहार के एक थाने में कोरोना संक्रमण से बचाव की चार स्तरीय व्यवस्था की गई है। जल्दी ही इसे अन्य थानों में भी लागू किया जाएगा। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें खबर।
पटना, आशीष शुक्ल। CoronaVirus Bihar: बिहार में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे छह सौ से अधिक पुलिसकर्मी व अधिकारी कोरोना पॉजिटिव (COVID-19 Positive) पाए जा चुके हैं। ऐसे में अब पुलिस भी फासले से मिल रही है। थाने (Police Station) पहुंचने वाले फरियादी की शिकायत चार चरणों के बाद थानेदार तक पहुंच रही है। राजधानी के आदर्श थाना गांधी मैदान (Gandhi Maidan PS, Patna) में इसकी झलक दिख रही है। गांधी मैदान राज्य का पहला थाना है, जहां यह व्यवस्था की गई है। जल्द ही राजधानी समेत राज्य के और प्रमुख थानों में बचाव के ऐसे उपाय किए जाएंगे।
सैनिटाइज कर थानेदार तक पहुंचाए जा रहे आवेदन
बुधवार को दलदली रोड की युवती पुराने मामले को लेकर आवेदन देने थाने आई। मुख्य गेट से प्रवेश पर हेल्प डेस्क पर तैनात जवान फेस शील्ड (Face Shield) और मास्क (Mask) लगाकर खड़ा था। युवती को टोका। थर्मल स्क्रीनिंग (Thermal Screening) की गई। इसके बाद ऑटोमेटिक मशीन से युवती के हाथ सैनिटाइज (Sanitize) कराए । आगे आवेदन लेने के लिए ओडी अफसर हेल्प डेस्क पर शीशे की दीवार के पीछे बैठे थे। आवेदन सीधे हाथ में लेने के बजाय अल्ट्रावॉयलेट बॉक्स (UV Box) में डालने को कहा गया। करीब 15 मिनट बाद सैनिटाइज आवेदन लेकर जवान थानेदार तक पहुंचा।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए गए इंतजाम
गांधी मैदान थाना के इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह बताते हैं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए ये इंतजाम किए गए हैं। बिना मास्क के थाने में एंट्री नहीं है। थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क लगाकर ही जवान काम कर रहे हैं।
बिहार में छह सौ से अधिक पुलिसकर्मी हो चुके संक्रमित
दरअसल, पुलिस के लिए यह व्यवस्था जरूरी है। कोरोना संक्रमण से जूझ रही पुलिस के छह सौ से अधिक जवान व अधिकारी संक्रमित हो चुके हैं। इनमें भोजपुर के एसपी व डीएसपी, बेगूसराय में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी तथा गया के डीएसपी शामिल हैं। औरंगाबाद में एक दारोगा की तो मौत भी हो चुकी है।
थाने में सैनिटाइजेशन की यह है पूरी प्रक्रिया
पहला चरण: अपराधी, फरियादी या पुलिसकर्मी सभी की गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग। तापमान सामान्य रहने पर ही थाने में प्रवेश।
दूसरा चरण: हेल्प डेस्क के बगल में लगे ऑटोमेटिक सैनिटाइजर से हाथ सैनिटाइज करना होगा। फिर हेल्प डेस्क से उन्हें ओडी अफसर के पास भेजा जा रहा।
तीसरा चरण: फरियादी से थाने में आने का कारण पूछा जाता है। फिर दूर से ही आवेदन को यूवी बॉक्स में डालने को कहा जा रहा।
चौथा चरण: यूवी बॉक्स से 15 मिनट बाद जवान सैनिटाइज हुए आवेदन को निकालकर थानेदार तक पहुंचा रहा है।