महज 50 रुपये के मास्क पर दम तोड़ देगा कोरोना, ISO से सर्टिफायड है ये वायरस का दुश्मन
IIT दिल्ली और पटना के इंक्यूबेशन सेंटर में ऐसा मास्क तैयार किया गया है जिसपर वायरस बैक्टीरिया और फंगस टिक नहीं पाएगा। जानें इसकी खूबी।
जयशंकर बिहारी, पटना। पटना के हर्ष के नेतृत्व में आइआइटी दिल्ली और पटना के इंक्यूबेशन सेंटर में ऐसा मास्क तैयार किया गया है, जिसपर वायरस, बैक्टीरिया और फंगस टिक नहीं पाएगा। इस मास्क की कीमत महज 50 रुपये है। मास्क को देश के 40 लैब ने कसौटी पर खरा पाया है।
एक से दो नहीं होंगे वायरस
आइआइटी दिल्ली के छात्र हर्ष ने बताया कि मास्क के कपड़े का ट्रीटमेंट एंटी माइक्रोबियल केमिकल के साथ किया गया है। मास्क पर वायरस आने के बाद इनकी संख्या में वृद्धि नहीं होती है। जब वायरस एक से दो नहीं होंगे तो चेन टूट जाएगी। हर्ष और उसकी टीम का दावा है कि एन-95 मास्क में बदबू रोकने की क्षमता नहीं होती। जबकि यह बदबू रोकने में भी सक्षम है।
छात्रों ने मिलकर किया निर्माण
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र हर्ष ने बताया कि टीम में सहपाठी हंसराज सागर, कमिया गर्ग, आकाश शर्मा, सूरज पुनिया तथा अनुराधा शामिल हैं। हर्ष का स्टार्टअप मेडिक फाइबर्स मेक इन इंडिया के तहत मेडिकल से जुड़ी सामग्री का निर्माण करता है।
25 बार तक धोने के बाद भी करेगा काम
हर्ष के अनुसार मास्क 25 बार धोने के बाद भी काम करता है। इसके फैब्रिक्स काफी हल्के हैं। कम वजन और मुलायम फैब्रिक्स के कारण ज्यादा देर तक पहनने से चेहरे पर तनाव या निशान नहीं होता। गंदा होने पर इसे सामान्य कपड़े की तरह साबुन या डिटर्जेंट से धोया जा सकता है। डिमांड के अनुसार हर दिन 10 हजार से अधिक मास्क तैयार किए जा रहे हैं।
एंटी माइक्रोबियल नहीं फैलने देता है वायरस
आइआइटी पटना इंक्यूबेशन सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि मास्क के फैब्रिक्स का ट्रीटमेंट एंटी माइक्रोबियल केमिकल के साथ किया गया है। प्रदूषण और धूलकण को भी रोकने में सक्षम है। कोराना काल खत्म होने के बाद भी इसका उपयोग किया जा सकता है।