हमारे योद्धा: कोरोना पॉजिटिव को देते हैं प्यार और हौसला, मेहनत व जज्बा देखकर डॉक्टर भी हैरान
आइडीएच में भर्ती कोरोना पॉजिटिव की 24 घंटे सेवा में लगा है वार्ड अटेंडेंट। मेहनत व जज्बा देखकर डॉक्टर भी रह जाते हैं हैरान। जानें इनके बारे में।
पटना, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ जंग में तमाम आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों की प्रतिबद्धता सबसे महत्वपूर्ण अस्त्र है। इनके समर्पण के बगैर कोरोना को मात देना संभव नहीं है। ऐसे कर्मियों में बड़े अफसरों से लेकर अनुबंध पर कार्यरत आखिरी पंक्ति के स्टाफ भी शामिल हैं। सभी का काम उतना ही महत्वपूर्ण और खतरे से भरा है। निजी एजेंसी की ओर से अनुबंध के आधार पर बहाल किए गए कर्मियों का मानदेय बेहद कम और काम की शर्तें काफी कड़ी हैं। बीमा और सुरक्षा उपकरणों जैसी सुविधाओं के बगैर ऐसे कर्मचारी राज्य के अलग-अलग अस्पतालों में बिना खुद और स्वजनों की परवाह किए मरीजों की सेवा कर रहे हैं।
ऐसे ही योद्धा हैं एनएमसीएच के संक्रामक रोग अस्पताल एवं नशा मुक्ति इकाई में तैनात वार्ड अटेंडेंट। उन्हें कोरोना पॉजिटिव मरीजों की देखभाल में लगाया गया है। डॉक्टर जितना बताते हैं, उसके मुताबिक खुद को सुरक्षित रखने की भरपूर कोशिश करते हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में सबसे ज्यादा देर तक उन्हीं को रहना होता है। वह बीमार मरीजों के साथ बातचीत करते रहते हैं, ताकि उनका तनाव न बढ़े। वह ठीक होने वाले मरीजों की कहानी सुनाकर बीमार लोगेां का हौसला भी बढ़ाते हैं। मरीजों से दूरी बनाते हुए उनके बेड तक खाना, पानी, चाय पहुंचाते हैं। इन्हें समय पर दवा देते हैं। सामने खड़ा होकर खाना खिलाते हैं।
अस्पताल के परिसर में ही गुजरता है पूरा वक्त
जब से यहां कोरोना मरीजों का इलाज शुरू हुआ है, वार्ड अटेंडेंट ने अपने घर जाना ही छोड़ दिया है। उनका पूरा वक्त अस्पताल के परिसर में ही गुजरता है। बताते हैं कि मरीजों की सेवा करने में सुकून मिलता है। सभी मरीज मेरे बच्चे और परिवार की तरह हैं। सामान्य दिनों में भी अस्पताल में मरीजों के साथ हंसते-मुस्कुराते रहते हैं। शायद यही वजह है कि डॉक्टर से लेकर नर्स तक उनकी हर समय तलाश करते हैं। वह बताते हैं कि इस अस्पताल से पहले दो युवक अपनी हिम्मत, हौसला और डॉक्टर के निर्देशों का पालन कर पूरी तरह से ठीक होकर घर लौट चुके हैं। कई मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं। ईश्वर सबको जल्दी स्वस्थ करें।
ऐसे योद्धाओं को सम्मान की जरूरत
अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी बताते हैं कि कोरोना से लडऩे में हर स्टाफ की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसलिए हर स्टाफ को पूरी सुरक्षा और सम्मान मिलना चाहिए।