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उपाधि प्राप्त करने के बाद शुरू होता असल संघर्ष

बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पटना कैंपस में शनिवार को दीक्षा समारोह आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 09:32 PM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 09:32 PM (IST)
उपाधि प्राप्त करने के बाद शुरू होता असल संघर्ष
उपाधि प्राप्त करने के बाद शुरू होता असल संघर्ष

पटना। बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआइटी, पटना कैंपस) के सेमिनार हॉल में शनिवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि राज्यपाल लाल जी टंडन ने पीएचडी सहित कई कोर्स के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। दीक्षांत भाषण में उन्होंने छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि उपाधि के बाद असल संघर्ष शुरू होता है। प्राप्त ज्ञान से खुद, परिवार व समाज की बेहतरी के लिए काम करने का समय प्रारंभ हो गया है। अभी तक परिवार और समाज से प्राप्त किया है। अब देने की बारी है। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है। युवा अपने हुनर से राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। अब रोजगार याचक नहीं, बल्कि रोजगार प्रदाता बनें। उपभोक्ता नहीं, उत्पादक के रूप में तैयार हों। उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में 10 स्वर्ण पदक विजेताओं में से छह-सात छात्राएं होती हैं। नारी सशक्तीकरण अब नारा नहीं, राज्य में उसका वास्तविक प्रभाव दिखाई पड़ रहा है।

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: दीक्षांत समारोह में 478 को मिली उपाधि :

दीक्षांत समारोह में पटना के साथ-साथ देवघर व इलाहाबाद कैंपस के 478 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। बीआइटी पटना कैंपस की कंप्यूटर साइंस की छात्रा प्रत्यक्षा को ओवरऑल टॉपर बनने पर गोल्ड मेडल दिया गया। समारोह में बीबीए, बीसीए, बीई और बीआर्किटेक्ट के छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई।

: राज्य में मिल रही हर महत्वपूर्ण डिग्री :

गेस्ट ऑफ ऑनर उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड बनने के बाद राज्य के पास बेहतर संस्थान नहीं थे। सीएम नीतीश कुमार की पहल पर आज राज्य में हर महत्वपूर्ण डिग्री मिल रही है। आइआइटी, एनआइटी, निफ्ट, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रबंधन संस्थान सभी के सेंटर पटना में हैं। राज्य तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में हब बन रहा है। सभी 38 जिलों में राजकीय पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का लक्ष्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

: 80 फीसद छात्रों का हो रहा प्लेसमेंट :

ब आइटी मेसरा के वीसी एमके मिश्र ने कहा कि आज की सोसाइटी तकनीकी शिक्षा वाली है। पटना कैंपस पीपीपी मोड में 2007 में स्थापित किया गया था। यहा के 80 प्रतिशत छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है। ओरेकल की तरफ से सबसे ज्यादा नौ लाख रुपये सालाना का पैकेज ऑफर किया गया है। देवघर के निदेशक प्रो. आरसी झा और पटना व इलाहाबाद के निदेशक डॉ. बीके सिंह ने अपने-अपने सेंटर का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इस अवसर पर बीआइटी मेसरा के रजिस्ट्रार एपी कृष्णा, बीआइटी पटना कैंपस की असिस्टेंट रजिस्ट्रार तृषा कुमार, फैकल्टी श्रीधर कुमार आदि मौजूद थे।


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