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AKU दीक्षांत समारोह: टॉपरों को मिले 22 कैरेट वाले गोल्ड मेडल, खिल उठे चेहरे

आज आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) का दीक्षांत समारोह में आज टॉपर छात्रों को 22 कैरेट का खरा सोना दिया गया। खादी के कुर्ता पायजामा पहने टॉपर्स ने गोल्ड मेडल लिया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 29 Nov 2017 09:12 AM (IST)Updated: Wed, 29 Nov 2017 09:45 PM (IST)
AKU दीक्षांत समारोह: टॉपरों को मिले 22 कैरेट वाले गोल्ड मेडल, खिल उठे चेहरे
AKU दीक्षांत समारोह: टॉपरों को मिले 22 कैरेट वाले गोल्ड मेडल, खिल उठे चेहरे

पटना [जेएनएन]। बुधवार को आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) के चौथे दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र में सर्वाधिक तरक्की हुई है। कई ऐसे अनुसंधान के हुए हैं, जो लोगों को आश्चर्यचकित करते हैं।

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ज्ञान भवन के बापू सभागार में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि मुल्क की पहचान काबिलियत और ज्ञान से होती है। काबिल बनने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राएं मेहनत करें। उन्होंने टॉपर की सूची में लड़कियों की संख्या अधिक होने पर कहा कि नौजवानों में जबर्दस्त प्रतिभा है।

यहां से बाहर बेहतर प्रतिभा का प्रदर्शन करते है। ऐसे में लड़कों को कम से कम लड़कियों के बराबर तो हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की तुलना में कोई भी दूसरी चीज ज्यादा मजबूत नहीं बना सकती है। चाहे वह दौलत, भूमि या राजनीति ही क्यों न हो, सभी शिक्षा से पीछे हैं।

शिक्षामंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने एकेयू की ओर से खुले वाले सेंटर फॉर स्टेम सेल टेक्नोलॉजी, सेंटर फॉर एस्ट्रोनोमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, सेंटर फॉर नन- कन्वेंशनल एनर्जी एवं सेंटर फॉर एजुकेशन को मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया।

कुलपति डॉ. एके अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में बताया। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रो. एके अग्रवाल, प्रतिकुलपति डॉ. एमएस करीम, कुलसचिव डॉ. अजय प्रताप, उप कुलसचिव डॉ. अंजना कुमारी ने किया। इस दौरान पूर्व कुलपति प्रो. शंभु नाथ गुहा, डॉ. समरेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य भी मौजूद थे। इस अवसर पर 14 टॉपरों में 10 ही स्वर्ण पदक प्राप्त करने के लिए समारोह में मौजूद थे। 

समाज के निचले तबके तक पहुंचेगी शिक्षा

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि चिकित्सा को समाज के निचले तबके तक पहुंचाने की कवायद चल रही है। इसके लिए आधुनिक जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों के इलाज में देशी चिकित्सा पद्धति के चिकित्सा पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधन किया जाएगा। प्राकृतिक फलों एवं सब्जियों का इस्तेमाल रोगों को पनपने नहीं देता। कुछ फलों और सब्जियों से दवाइयां बनाने को लेकर भी शोध कार्य किया जा सकता है।

कोर्स   -              टॉपर
एमएड               सना फातिमा
एमडी स्किन          लालनूनपरी सैलो
एमडी रेडियोलॉजी     अंजली
एमएस जीएस    विजय शंकर प्रसाद सिंह
एमएस ऑप्थो.        आकांक्षा कुमारी
रेडियो- डायग्नोसिस    योगेश आनंद
रेडियो - डायग्नोसिस    अभिजीत भौमिक
एमबीबीएस रिसर्च      प्रतीक प्रशांत
बीएससी नर्सिंग         दीपा सिंह
बीटेक (मेकेनिकल)     रोहित कुमार सिंह
बीफॉर्मा           पंकज कुमार
बीबीए             दिव्यांशु भूषण
बीसीए             सरिता कुमारी
बीकॉम            मनीषा सोरेंग


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