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बिहार बोर्ड12th रिजल्ट: सवालों के घेरे में साइंस टॉपर कल्पना, बोर्ड ने दिया ये जवाब

इंटर परीक्षा में विज्ञान संकाय की टॉपर कल्पना के अटेंडेंस को लेकर बिहार बोर्ड फिर से सवालों के घेरे में आ गया, लेकिन बोर्ड ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि ये बेवजह की बातें हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 09:35 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 11:13 PM (IST)
बिहार बोर्ड12th रिजल्ट: सवालों के घेरे में साइंस टॉपर कल्पना, बोर्ड ने दिया ये जवाब
बिहार बोर्ड12th रिजल्ट: सवालों के घेरे में साइंस टॉपर कल्पना, बोर्ड ने दिया ये जवाब

पटना [जेएनएन]। बिहार की इंटर परीक्षा में विज्ञान संकाय की टॉपर कल्पना के दिल्ली प्रवास और शिवहर के स्कूल में न्यूनतम उपस्थिति के बहाने बिहार की स्कूली व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि बिहार बोर्ड की परीक्षा में जो लड़की टॉप हुई है, वह नियमित रूप से स्कूल नहीं गई होगी क्योंकि नीट की तैयारी के लिए दिल्ली में रहती थी। नीट में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर एक कोचिंग संस्थान के दिल्ली सेंटर ने कल्पना अपना नियमित विद्यार्थी बताया है। 

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सिमुलतला स्कूल के प्राचार्य के सवाल से उपजा विवाद 

बिहार इंटरमीडिएट का रिजल्ट घोषित होने के बाद सबसे पहले बिहार के प्रतिष्ठित सिमुलतला आवासीय विद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव रंजन ने पूछा कि कल्पना जब अपने स्कूल की नियमित छात्रा थी, तो दिल्ली स्थित निजी कोचिंग संस्थान में उसने नियमित ढंग से पढ़ाई कैसे की?

दरअसल, डॉ राजीव रंजन ने अपने स्कूल के छात्र अभिनव आदर्श के पक्ष में यह सवाल खड़ा किया, जो साइंस का दूसरा टॉपर है। उनकी दलील थी कि अभिनव ही असली टॉपर है।  

बोर्ड ने कहा, न्यूनतम उपस्थिति को लेकर कोई प्रावधान नहीं 

हालांकि, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कल्पना की योग्यता और वैधता पर पूरा भरोसा जताया है। बिहार बोर्ड ने साफ कहा है कि कल्पना के टॉपर होने पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता। बोर्ड के सचिव अनूप कुमार ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की नियमावली में विद्यालयों में न्यूनतम उपस्थिति के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है।

कल्पना की योग्यता नहीं स्कूली सिस्टम पर उठ रहे सवाल 

कल्पना इस वर्ष नीट की टॉपर हुई है। वह बुधवार को इंटर साइंस की टॉपर भी हो गईं। किसी ने उनकी योग्यता पर सवाल नहीं उठाया। दरअसल, यह इसलिए पूछा जा रहा क्योंकि बिहार के अधिकांश स्कूलों के बच्चे कोचिंग और बेहतर पढ़ाई के लिए कोटा और दिल्ली में रहते हैं, जबकि उनका नाम यहां के स्कूलों में चलता है और परीक्षा देने ही वे यहां आते हैं।

कल्पना के मामले में भी यह आशंका जताई जा रही है कि वह अपने स्कूल की कक्षा में नियमित उपस्थित नहीं हुई होगी। वह दिल्ली में रहती थी तो शिवहर के वाईकेजेएम कॉलेज, तरियानी में नियमित रूप से कक्षा में कैसे उपस्थित हुई।


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