इस नवरात्र राष्ट्र को समर्पित करें कन्या पूजन का खर्च
कोरोना वायरस का असर चैती नवरात्र के साथ शहर के प्रमुख मंदिरों पर भी पड़ा है।
पटना। कोरोना वायरस का असर चैती नवरात्र के साथ शहर के प्रमुख मंदिरों पर भी पड़ा है। बुधवार को नवरात्र की अष्टमी तिथि है। ऐसे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन करने की परंपरा देश में रही है। धर्म शास्त्र में ऐसा कहा गया है कि कन्या मा भगवती का रूप होती है। उनके पूजन से सभी प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है। लेकिन इन दिनों कोरोना के कारण कन्या पूजन व रामनवमी के दिन लंगूर भोजन कराना संभव नहीं है। लॉक डाउन में घर से बाहर निकलना और बाहर के किसी व्यक्ति को घर बुलाना मकसद को कोरोना पर नियंत्रण के मकसद को विफल कर सकता है।
शहर के छोटी पटन देवी के पुजारी बाबा विवेक द्विवेदी ने कहा कि ईश्वर श्रद्धा के वशीभूत हैं। खासकर मां अपने भक्तों की मुश्किलों को समझती हैं। इसलिए आप कन्या पूजन के विकल्प के तौर पर भोजन निकाल कर उसे गौ को समर्पित कर दें। इससे पुण्य का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन दिनों देश त्रासदी से गुजर रहा है ऐसे में कन्या पूजन पर होने वाले खर्च को भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कर गरीब और लाचार व्यक्ति की सेवा करने के साथ देश की सेवा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री राहत कोष में कर सकते मदद
पंडित द्विवेदी ने कहा कि देश भी एक मा की तरह है। हमारे यहां राष्ट्र और स्थान पूजन की परंपरा है। ऐसे में राष्ट्र को कोरोना के संकट से उबारने के लिए हम कन्या पूजन के बराबर की राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में भी दे सकते हैं।
देश सेवा कुंवारी पूजन के समान
बास घाट काली मंदिर के पुजारी संजय तिवारी ने कहा कि देश की सेवा करना कुंवारी पूजन करने के समान है। ऐसे भक्त अपने मन को अधीर न करें। पूजन के दौरान होने वाले खर्च को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कर देश की सेवा करने का मौका न चूके। क्योंकि शास्त्रों में कहा कि मातृ भूमि की सेवा करने से बड़ा पुण्य का कार्य नहीं।