लगातार जाम से पटना के महात्मा गांधी ब्रिज पर बढ़ा वाहनों का बोझ, ओवरलोडिंग से घट सकती है उम्र
बीते कुछ दिनों से पटना व वैशाली के बीच गंगा पर बने महात्मा गांधी सेतु पर वाहनों का बोझ बढ़ गया है। इससे पुल पर जाम भी लग रहा है। ओवरलोडिंग व जाम के कारण पुल की उम्र कम हो जाने की आशंका जताई गई है।
पटना, जेएनएन। उत्तर व दक्षिण बिहार की संपर्क कड़ी तथा बिहार की लाइफलाइन (Lifeline of Bihar) पटना व वैशाली के बीच गंगा नदी पर स्थित महात्मा गांधी ब्रिज (Mahatma Gandhi Bridge) पर कई दिनों से लगातार लग रहे जाम (Jam) के कारण क्षमता से अधिक वाहनों का बोझ बढ़ गया है। सवारी वाहनों के साथ प्रतिबंधित लोडेड वाहनों का परिचालन भी जारी है। एक साथ सैकड़ों लोडेड वाहनों का ठहराव होने से ब्रिज के स्पैन की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे ब्रिज की उम्र घटने की आशंका जताई गई है।
बड़े व भारी वाहनों के परिचालन के होंगे घातक परिणाम
पुल निर्माण विभाग की चिंता इस बात से बढ़ी है कि जल्द ही 12 चक्का से अधिक पहिया वाले प्रतिबंधित खाली और लोडेड वाहनों का परिचालन नहीं रोका गया तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं। विभागीय अभियंता का कहना है कि महात्मा गांधी ब्रिज के स्पैन पर क्षमता से अधिक लोड का दबाव पड़ रहा है। यह लोड लगातार बना रहा तो इसका स्पैन पर बुरा असर पड़ेगा। पुराने पाया व आधार पर नया सुपर स्ट्रक्चर तैयार किया गया है। एक साथ कई वाहनों का ठहराव होने और अचानक परिचालन शुरू होने से पुल स्पैन में घुमाव आता है। यह ब्रिज की आधुनिक तकनीक से जुड़ा मामला है, लेकिन जाम से उत्पन्न होने वाले हालात के लंबे समय तक जारी रहने से ब्रिज की उम्र घट सकती है।
600 टन तक का भार वहन कर सकता ब्रिज का एक स्पैन
गांधी ब्रिज पर लोडेड ट्रकों के अलावा कंटेनर और 12 से अधिक चक्का वाले लंबे मालवाहक वाहनों पर क्षमता से तीन-चार गुणा अधिक तक लोड रहता है। ऐसे वाहनों के परिचालन और जाम में रुकने से ब्रिज की सेहत जल्द बिगड़ सकती है। विभागीय अभियंता ने बताया कि गांधी ब्रिज के नवनिर्मित पश्चिमी लेन का आरंभ 31 जुलाई 2020 को होने से करीब 20 दिन पहले एक स्पैन पर लोडेड 600 टन तक के लोडेड वाहनों को 72 घंटों तक रोक कर स्पैन की क्षमता की जांच की गई थी। इससे अधिक बोझ स्पैन पर नहीं पड़ना चाहिए।