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कांग्रेस की दो टूक: लालू से जेल-अस्पताल में जाकर सीट शेयरिंग पर नहीं होगी कोई बात

राजद और कांग्रेस के बीच समझौते की कोई बातचीत रांची के अस्पताल या जेल में नहीं होगी। हालांकि कांग्रेस को यह भी उम्मीद है कि लालू जल्द बाहर आएंगे। पढ़ें पड़ताल करती रिपोर्ट।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 05:14 PM (IST)
कांग्रेस की दो टूक: लालू से जेल-अस्पताल में जाकर सीट शेयरिंग पर नहीं होगी कोई बात
कांग्रेस की दो टूक: लालू से जेल-अस्पताल में जाकर सीट शेयरिंग पर नहीं होगी कोई बात

पटना [अरुण अशेष]। राजद और कांग्रेस के बीच समझौते की कोई बातचीत रांची के अस्पताल में नहीं होगी। सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद इन दिनों अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। कहने को तो यह अस्पताल है, लेकिन वहां जेल का ही कायदा चलता है। नियम के तहत सप्ताह में एक दिन तीन लोगों को उनसे मिलने की इजाजत है।

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महागठबंधन के घटक दलों के नेता वहीं जाकर राजद सुप्रीमो से मुलाकात करते हैं। लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, उदय नारायण चौधरी, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी, रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा और नागमणि वहां जाकर सीटों के बारे में बातचीत कर रहे हैं। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह और डा. शकील अहमद ने भी रांची में लालू से मुलाकात की है। लेकिन, यह महागठबंधन के दूसरे नेताओं की तरह आधिकारिक मुलाकात नहीं थी। मतलब ये दोनों आलाकमान के प्रतिनिधि के तौर पर राजद सुप्रीमो से नहीं मिले। अखिलेश सिंह ने पहली मुलाकात उन दिनों की जब उनका राज्यसभा वाला मामला चल रहा था। वे बाद में भी मिले। 

इसी तरह डा. शकील अहमद की मुलाकात को उनके लोकसभा चुनाव लड़ने से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, इनमें से एक नेता से मुलाकात के दौरान लालू प्रसाद की अहमद पटेल से मोबाइल पर बातचीत हुई थी। मगर, वह सेहत से जुड़़ी थी। 

इधर, एनडीए इन मुलाकातों पर हमलावर है। उसके रुख को देखते हुए कांग्रेस ने तय किया है कि सीटों के समझौते की उसकी कोई बातचीत रांची जेल में नहीं होगी। वैसे उम्मीद जाहिर की जा रही है कि खरमास से पहले लालू के मामले में कोई शुभ समाचार आ सकता है। यह नहीं हुआ तो संवादवाहक के माध्यम से सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी। संवादवाहक की भूमिका में अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावा राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह हो सकते हैं। 

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस संगठन से जुड़ा कोई आधिकारिक व्यक्ति जेल या अस्पताल नहीं जाएगा। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी राजद के बारे निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं। राजद का जनाधार उन्हें स्वीकार कर रहा है। फिर भी लालू प्रसाद के रणनीतिक कौशल के समकक्ष खड़ा होने में उन्हें वक्त लगेगा। लिहाजा, महागठबंधन का हरेक घटक दल लालू प्रसाद से बातचीत के बाद ही इत्मीनान होना चाहता है। 

पार्टी के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि लालू प्रसाद राजद के मामले में अंतिम ऑथरिटी हैं। सीटों के मसले में निर्णायक बातचीत में अभी समय है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही वे बाहर आएंगे। उन्होंने जेल में जाकर बातचीत के सवाल पर कहा-अभी बहुत समय है।


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