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कांग्रेस बोली- शराबबंदी से बिहार को हो रहा नुकसान, सीमित संख्या में जारी किया जाए लाइसेंस

कांग्रेस ने फिर शराबबंदी कानून की समीक्षा और सीमित संख्या में शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करने की मांग की। विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने सोमवार को कहा कि शराबबंदी पूरी तरह फेल है। इससे राज्य को नुकसान हो रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 08:09 PM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 09:51 AM (IST)
कांग्रेस बोली- शराबबंदी से बिहार को हो रहा नुकसान, सीमित संख्या में जारी किया जाए लाइसेंस
कांग्रेस ने फिर शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की मांग उठाई है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना: कांग्रेस ने फिर शराबबंदी कानून की समीक्षा और सीमित संख्या में शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करने की मांग की। विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने सोमवार को कहा कि शराबबंदी पूरी तरह फेल है। इससे राज्य को नुकसान हो रहा है। वे राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में युवा और छात्र शराब की तस्करी से जुड़ गए हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है। तस्करी से अर्जित काले धन का उपयोग समाज विरोधी कार्यों में किया जा रहा है।

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उठाया विधायकों के सम्मान का मामला

अजित शर्मा ने विधायकों के मान सम्मान का मामला भी उठाया। कहा कि मुख्य सचिव ने अफसरों को पत्र लिखकर हिदायत दी है कि वे किसी भी विधायक के पत्र का तुरंत संज्ञान लें। अधिकतम एक महीने के भीतर पत्र पर की गई कार्रवाई की सूचना संबंधित विधायक को दें। इसका पालन नहीं हो रहा है। प्रखंड स्तर के अधिकारी भी विधायक के पत्र की नोटिस नहीं लेते हैं। बहस की शुरुआत करते हुए भाजपा के विधायक प्रेम कुमार ने राज्य सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर सफलतापूर्वक काम कर रही है। कोरोना के संकट को सरकार ने बड़ी सावधानी से दूर किया। जदयू के नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज के हर हिस्से की बेहतरी के लिए काम कर रही है। भाकपा माले के संजीव सौरभ ने कहा कि सरकार की खराब नीतियों के चलते आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है। 

राजद को सबसे अधिक समय

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद के प्रस्ताव पर बहस के लिए सबसे अधिक समय मुख्य विपक्षी दल राजद को दिया है। राजद सबसे बड़ा दल है। उसे बोलने के लिए 74 मिनट का समय दिया गया है। विधानसभा में दूसरे नम्बर की पार्टी भाजपा को 73 मिनट दिया गया है। जदयू को 33 और कांग्रेस को 19 मिनट मिला है। भाकपा माले को 12 मिनट का समय दिया गया है। छोटे दलों में एमआइएम को पांच, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी को चार-चार और भाकपा-माकपा-लोजपा को दो-दो मिनट का समय दिया गया है। मंगलवार को धन्यवाद के प्रस्ताव पर बहस और सरकार का जवाब निर्धारित है। 


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