बिहार में पंचायत चुनावों के जरिये जमीन वापस करने की कोशिश में जुट सकती है कांग्रेस
Bihar Politics News विधानसभा चुनाव में पराजित कांग्रेस के विरोधी खेमे ने कहा पार्टी लड़े पंचायत चुनाव नेताओं का दावा पंचायत चुनाव के जरिए पार्टी ग्रामीण इलाकों में होगी मजबूत प्रमुख दल भाजपा करती रही है इस रणनीति पर काम
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर चुनाव लड़कर 51 सीटों पर हार का सामना करने वाली कांग्रेस को उसके नेताओं ने पंचायत चुनाव लड़ने की सलाह दी है। पार्टी को सलाह देने वाले वे नेता हैं जिनका मानना है कि बिहार कांग्रेस अपने सहयोगियों के दबाव में काम करती है और उसके इशारे पर ही तमाम फैसले भी लेती है।
मंगलवार को प्रदेश नेतृत्व से नाराज खेमे के नेताओं ने एक बैठक कर प्रदेश नेताओं को पंचायत चुनाव लड़ने की सलाह दी है। नाराज नेताओं की बैठक की अध्यक्षता पूर्व उपनेता विरोधी दल विधान पार्षद विजय शंकर मिश्र ने की। पूर्व विधायक जनार्दन शर्मा के आवास पर हुई बैठक में होने वाले पंचायत चुनाव में कांग्रेस की भूमिका पर गहन विचार विमर्श हुआ।
जिला परिषद जहानाबाद के पूर्व अध्यक्ष अजय सिंह टुन्नू ने एक प्रस्ताव पेश किया कि कांग्रेस को पंचायत चुनाव में सीधे रूप से शामिल होना चाहिए। जिला स्तर पर उम्मीदवारों का एलान हो और पार्टी उसे जिताने के हर संभव प्रयास करे। जनार्दन शर्मा ने कहा की इससे कांग्रेस की नीति और सिद्धांत का प्रचार गांव गांव तक होगा और पंचायती राज व्यवस्था का जो स्वप्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देखा था वह सपना भी जमीन पर उतारा जा सकेगा।
प्रदेश प्रवक्ता प्रभात सिंह ने मांग की की पार्टी का वर्तमान प्रदेश नेतृत्व उक्त विषय पर सदाकत आश्रम में जिला और प्रखंड अध्यक्षों का दो दिनों का कार्यशाला आयोजित करे।ऐसा करने से ही कांग्रेस गांव गांव पहुंच सकेगी। पूर्व विधायक भारत ने इसका समर्थन किया। बैठक में शामिल अन्य नेताओं ने कहा पार्टी की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में काफी खराब है। पंचायत चुनाव लड़ने से ऐसे क्षेत्रों में पार्टी की ताकत बढ़ेगी और इसके बाद 2025 के विधानसभा और इसके पहले 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी। बैठक में सुरेश मिश्रा, राज कुमार राजन यादव,अभय सिंह अमरेंद्र सिंह मोतीलाल शर्मा,आज़मी वारी, इंतखाब आलम, सुरेश शर्मा नीरज ने भी अपने विचार रखे।