बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर कई नेताओं में असंतोष, नतीजों को बताया- 'संगठन की पूर्ण विफलता'
बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन से कई नेता नाखुश हैं। उन्होंने परिणामों को संगठन की विफलता बताया है। नेताओं का मानना है कि पार्टी की जमीनी पकड़ कमजोर हुई है और संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की जरूरत है। कार्यकर्ताओं में भी निराशा है, और वे नेतृत्व से कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी केवल 6 सीटें जीत सकी, जो कि तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले वाले महागठबंधन की सहयोगी पार्टी के रूप में उसके लिए बेहद निराशाजनक परिणाम है। इस चुनाव में कांग्रेस ने 61 सीटों पर चुनावी ताल ठोकी थी, लेकिन पार्टी दहाई का आंकड़ा भी नहीं पार कर सकी।
कांग्रेस की इस चुनावी नतीजों को लेकर पार्टी के भीतर भी असंतोष झलक रहा है। कई नेताओं ने इसे संगठन की पूर्ण विफलता करार दिया है, जबकि कुछ ने कहा कि गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका सहायक दल जैसी रह गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि यह पार्टी के संगठनात्मक कमजोरी को उजागर करता है। हर चुनाव में किसी भी पार्टी की सबसे बड़ी ताकत उसका संगठन होता है।
जब संगठन मजबूत न हो और प्रभावी ढंग से काम न कर पाए, तो नतीजों पर असर पड़ना स्वाभाविक है। हमारे उम्मीदवार योग्य थे, लेकिन और भी बेहतर उम्मीदवार हो सकते थ।
पूर्व आईपीएस अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा के पुत्र आनंद सिन्हा ने टिप्पणी की कि संगठन को अधिक समझदारी और रणनीति के साथ काम करना चाहिए था।
हर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति बनाए रखना जरूरी था। यह साफ तौर पर संगठन की असफलता है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यदि हमारा संगठन सशक्त होता, तो नतीजे काफी अलग होते।”
कांग्रेस नेता और दिवंगत अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने भी ईमानदार प्रतिक्रिया दी। X पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि कोई बहाना नहीं, कोई दोषारोपण नहीं, कोई आत्मनिरीक्षण नहीं, अब समय है अपने भीतर झाँककर सच्चाई को स्वीकार करने का।
अनगिनत वफादार जमीनी कार्यकर्ता, जो हर मुश्किल हालात में पार्टी के साथ रहे हैं। कब तक सफलता का इंतजार करेंगे, बल्कि सत्ता कुछ ऐसे लोगों के हाथों में केंद्रित होने के कारण, जो जमीनी हकीकत से पूरी तरह कटे हुए हैं और बार-बार इस महान पुरानी पार्टी की दुर्गति और पराजय के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्हें लगातार असफलता ही हाथ लगेगी। और मेरे शब्दों पर ध्यान दीजिए, इन्हीं लोगों को बार-बार पुरस्कृत किया जाएगा क्योंकि उन्होंने अपने नियंत्रण और शक्ति से खुद को अपरिहार्य बना लिया है।
No excuses ,No blame game No introspection , it’s time to look within and accept reality. Till when will countless loyal ground workers who have stayed with the party through thick and thin …wait to see success … instead it’s failure after failure due to power concentrated in…
— Mumtaz Patel (@mumtazpatels) November 14, 2025
वहीं सत्ता में मौजूद एनडीए जातीय समीकरणों और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रिय छवि के कारण बड़े बहुमत के साथ दोबारा सत्ता संभालने की ओर बढ़ रहा है। वहीं महागठबंधन अपने सबसे खराब प्रदर्शन के चलते कठिन परिस्थिति में दिखाई देता है।

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