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Bihar Assembly Election: महागठबंधन में अधिक सीटें झटकने को प्रेशर पॉलिटिक्‍स में जुटी कांग्रेस

Bihar Assembly Election आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन में अधिक सीटों को झटकने के लिए कांग्रेस अपनी रणनीति पर चल रही है। आइए डालते हैं इसपर नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 09:28 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 11:45 PM (IST)
Bihar Assembly Election: महागठबंधन में अधिक सीटें झटकने को प्रेशर पॉलिटिक्‍स में जुटी कांग्रेस
Bihar Assembly Election: महागठबंधन में अधिक सीटें झटकने को प्रेशर पॉलिटिक्‍स में जुटी कांग्रेस

पटना [एसए शाद]। अगले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में कांग्रेस (Congress) अपने लिए अधिक सीटें जुटाने के लिए दबाव की रणनीति (Pressure Politics) पर अमल कर रही है। पार्टी ने सभी 243 सीटों पर संगठन सुदृढ़ करने की पहल की है। मगर, इस पहल को महागठबंधन (Grand Alliance) के सबसे बड़े दल (RJD) पर दबाव बनाने का प्रयास माना जा रहा है। मजबूत संगठन के नाम पर अधिक सीटों के लिए बेहतर सौदेबाजी हो सकती है। अधिक सीटों की चाहत इस कारण भी परवान चढ़ी है, क्योंकि JDU के बाहर हो जाने के बाद महागठबंधन में कांग्रेस अब दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

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कांग्रेस के मजबूत होने से महागठबंधन को मिलेगी मजबूती 

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर (Rajesh Rathod) ने कहा कि सभी सीटों पर संगठन मजबूत होने से अंतत: महागठबंधन को ही होगा। हमारा प्रयास है कि मजबूत संगठन के बल पर हम अपने हिस्से की सीट तो जीते ही, साथ ही अन्य सीटों पर अपने सहयोगी दलों की जीत सुनिश्चित कराएं। अपनी पार्टी के संगठन को मजबूत करना किसी दूसरी पार्टी को आंख दिखाना नहीं है।  पिछले विधानसभा चुनाव में राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने 101-101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि कांग्रेस के हिस्से में 41 सीटें आई थी। 

बीते चुनाव में जेडीयू से कुछ ही कम स्‍ट्राइक रेट का दावा 

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि पिछले चुनाव में उनका स्ट्राइक रेट जेडीयू से थोड़ा ही कम रहा था। जेडीयू की सीट जीतने की दर जहां 70.29 फीसद थी, वहीं कांग्रेस की दर 65.85 प्रतिशत आंकी गई थी। पार्टी अब जेडीयू के हिस्से की सीटों पर नजरें गड़ाए है। हालांकि, जेडीयू के बाहर होने के बाद महागठबंधन में तीन अन्य दल राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) , हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) और विकासशील इनसान पार्टी (VIP) शामिल हो चुके हैं। 

कांग्रेस ने आंदोलनात्‍मक कार्यक्रम भी किए तेज 

अधिक सीटों पर दावेदारी की रणनीति के तहत कांग्रेस ने आंदोलनात्मक कार्यक्रम भी तेज कर दिए हैं। देखा जाए तो केंद्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ पिछले एक डेढ़ माह में कांग्रेस से अधिक आंदोलनात्मक कार्यक्रम चलाए हैं। आरजेडी ने पिछले माह केवल बिहार बंद का एक कार्यक्रम चलाया था। आरजेडी तब वाम दलों के बंद में शरीक नहीं हुआ था। जबकि, कांग्रेस ने आरजेडी और वाम दलों द्वारा आहूत बंद में सक्रिय भूमिका निभाई थी। 

लालू के जेल में रहने से पहले जैसी स्थिति में नहीं आरजेडी! 

कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि पिछले चुनाव में खुद लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी की कमान संभाल रखी थी, लेकिन उनके फिलहाल जेल में रहने के कारण पार्टी पहले जैसी स्थिति में नहीं है।


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