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Bihar Assembly Election: चुनाव को लेकर सियासत में असमंजस का माहौल, LJP के रुख से विपक्ष को हौसला

Bihar Assembly Election चुनाव को लेकर एनडीए में चिराग पासवान के रुख से विपक्ष का हौसला बढ़ा है। उधर जदयू चुनाव के लिए तैयार है तो भाजपा ने इसे चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 10:05 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 12:33 PM (IST)
Bihar Assembly Election: चुनाव को लेकर सियासत में असमंजस का माहौल, LJP के रुख से विपक्ष को हौसला
Bihar Assembly Election: चुनाव को लेकर सियासत में असमंजस का माहौल, LJP के रुख से विपक्ष को हौसला

अरविंद शर्मा, पटना। Bihar Assembly Election: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर अभी असमंजस का माहौल है। जदयू पूरी तरह तैयार है। भाजपा ने चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है। राजद ने सख्त विरोध किया है। लोजपा भी पक्ष में नहीं है। चिराग पासवान के रुख से विपक्ष का हौसला बढ़ा है। पप्पू यादव ने चुनाव रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रखी है। कई तरह की बातें हो रही हैं, किंतु इन सबके बीच चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी की रफ्तार बढ़ा रखी है।

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सवाल है कि कोई दल चुनाव के लिए तैयार है तो क्यों और कोई टालना चाहता है तो क्यों? प्रत्यक्ष तौर पर विपक्ष की ओर से कोरोना बताया जा रहा है, लेकिन परोक्ष तौर पर लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में लौटे कामगारों और बेहाल लोगों पर सरकार की रहमत से बने सकारात्मक माहौल का डर सता रहा है। केंद्र सरकार की मुफ्त अनाज योजना और राज्य सरकार की ओर से कामगारों को एक-एक हजार रुपये की मदद एवं वृद्धजन पेंशन की अग्रिम राशि के असर को लेकर विपक्ष अभी से आशंकित है।

बहरहाल, पांच साल पहले 2015 में निर्वाचन आयोग ने नौ सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी थी। इस लिहाज से राजनीतिक दलों के पास अब गठबंधन, तालमेल, सीट बंटवारे और प्रचार की तैयारियों के लिए समय नहीं है। पिछली बार अबतक दोनों तरफ के गठबंधनों की तस्वीर साफ हो गई थी। राजग और महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का फार्मूला लगभग तय हो चुका था। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई प्रमुख नेताओं की जनसभाओं की तिथियां भी तय हो गई थीं। अबकी अबतक सारी गतिविधियां ठहरी हुई दिख रही हैं।

अपनी धुन में चुनाव आयोग

सियासी किचकिच का असर चुनाव आयोग पर तनिक भी नहीं है। वह अपने धुन में तैयारियों को अंजाम दे रहा है। सभी दलों से परामर्श कर लिया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए सुरक्षित मतदान के लिए बूथों की संख्या को 73 हजार से बढ़ाकर एक लाख छह हजार कर दिया है। विभिन्न राज्यों से पर्याप्त संख्या में इवीएम मंगा ली है। 65 साल से ज्यादा उम्र वाले वोटरों को बैलेट पेपर से मतदान की सुविधा दे दी गई है। 

आयोग तय करेगा, हमलोग कौन होते हैं

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना तो बहाना है। राजद को हार दिखाई दे रही है। इसलिए पीछा छुड़ाना चाहता है। चुनाव कब होगा, नहीं होगा, यह हमलोग तय नहीं कर सकते हैं। हालांकि हम चाहते हैं कि चुनाव समय पर हो।

जो टालना चाह रहे, उन्हें दिन में तारे नजर आ रहे

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि जिन्हें दिन में तारे नजर आ रहे, वही चुनाव टालने की बात कर रहे हैं। लोकतंत्र में चुनाव अनिवार्य होता है। मतदान के अधिकार से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता।

बिहार में चुनाव कराने के हालात अभी नहीं 

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि आखिर सरकार को चुनाव कराने की इतनी बेताबी क्यों है? जाहिर है, जदयू को सत्ता चाहिए। उसे कुर्सी प्यारी है। नीतीश कुमार को डर लग रहा है कि देर होगी तो राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। फिर उन्हें सत्ता से बाहर रहकर चुनाव का सामना करना पड़ेगा।

हम सही वक्त पर सही चुनाव चाहते हैं, फर्जी नहीं

बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, आप 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डाक से वोट देने की बात करते हैं। किंतु कोई गुंडा उनपर अपनी पसंद थोपेगा तो हम ऐसा चुनाव नहीं चाहते हैं। 


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