पटना को भाया को-वर्किंग का कॉन्सेप्ट, 250 रुपये में एक दिन के लिए मीटिंग
पटना [रोशन कुमार राहुल]। दिल्ली और मुंबई मेट्रो शहरों की तरह पटना में भी एक नया ट्रेंड छा रहा है। ये
पटना [रोशन कुमार राहुल]। दिल्ली और मुंबई मेट्रो शहरों की तरह पटना में भी एक नया ट्रेंड छा रहा है। ये है को-वर्किंग स्टूडियो। यानी एक छत के नीचे दर्जनों दफ्तर और उसमें काम करते युवा प्रोफेशनल। ये देखने में बाहर से किसी एक ऑफिस का रूप भले ही लगता है, मगर इसमें कई दफ्तर चलते हैं। युवा उद्यमियों को ये नया कॉन्सेपट बहुत भा रहा है।
अमृत मयंक। इन्होंने स्टार्टअप किया है। कुछ दिनों पहले पटना में अपना पहली ऑफिस खोलने के लिए इधर-उधर भटक रहे थे। कहीं लोकेशन पसंद आ रही थी तो ऑफिस का महंगा किराया मयंक के अरमानों पर पानी फेर देता था। कुछ जगह ऑफिस का इंटीरियर पसंद आया, किराया भी बजट में था, मगर लोकेशन से मयंक खुश नहीं थे। बात कहीं बन नहीं रही थी। अंत में उन्हें किसी ने बताया कि पटना में कुछ जगह को-वर्किंग स्टूडियो का कॉन्सेप्ट नया-नया खुला है। वहां पर ऑफिस खोला जा सकता है। मयंक को आइडिया पसंद आया, उन्होंने को-वर्किंग स्टूडियो में अपना नया ऑफिस डाला है। सबकुछ अमृत के मनमाफिक। किराया, लोकेशन और ऑफिस का इंटीरियर सब मयंक को पसंद आया है।
क्या है को-वर्किंग स्टूडियो
पटना के लिए ये बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट है। इसमें एक छत के नीचे कई सारे दफ्तर होते हैं। बाहर से ये देखने में किसी एक दफ्तर का भव्य स्वरूप लगता है, मगर वास्तविक रूप में इसमें कई सारे ऑफिस होते हैं। सभी की प्रोफेशनल को एक सीट मुहैया कराई जाती है। केबिन की मांग करने वाले को अलग से चैंबर भी उपलब्ध कराया जाता है। को-वर्किंग स्टूडियों में अपना ऑफिस खोलने वाले युवाओं को निश्शुल्क कॉफ्रेंस हॉल और मीटिंग रूम उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही इन्हें अपने ऑफिस में अलग से ऑफिस ब्यॉय रखने की जरूरत नहीं। प्रबंधन अपनी ओर से ये सुविधा मुहैया कराता है।
कंकड़बाग में युवा उद्यमियों की टीम ने खोला को-वर्किंग स्टूडियो
कंकड़बाग में आधा दर्जन युवाओं की टीम ने को-वर्किंग ऑफिस खोला है। इस टीम के सदस्य प्रख्यात कश्यप बताते हैं, हमारा को-वर्किंग स्पेश बिहार में सबसे विशाल है। हमने करीब 3,000 वर्ग फीट का विशाल को-वर्किंग स्टूडियो बनाया है। इसमें छोटे-बड़े करीब 90 दफ्तर हैं। जरूरत के हिसाब से लोग यहां स्पेस बुक कराते हैं'। कंकड़बाग में यह को-वर्किंग स्टूडियो महज तीन महीने पहले खुला है, मगर यहां 30 से ऊपर युवा उद्यमियों ने अपना ऑफिस खोला है। पटना के युवाओं को यह कॉन्सेप्ट पसंद आ रहा है। उन्हें यहां किफायती रेंट पर अच्छे लोकेशन पर ऑफिस खोलने की सुविधा मिल रही है। दिलचस्प बात यह कि को-वर्किंग स्टूडियो में ऑफिस खोलने वाले लोगों को प्रबंधन की ओर से दिल्ली, बेंगलुरु और नोएडा आदि बड़े शहरों मीटिंग के लिए निश्शुल्क में मीटिंग हॉल उपलब्ध कराया जाता है।
250 से 5500 रुपये में बुक कराइए ऑफिस
प्रख्यात व उनकी टीम ने युवा बिजनेसमैन को आकर्षित करने के लिए कई सारे प्लान बनाए हैं। उनकी टीम ने कोशिश की है, जो लोग नया ऑफिस खोलना चाह रहे हैं उन्हें उनके बजट में दफ्तर मुहैया कराया जाए। उनके पास 250 रुपये से लेकर 5500 रुपये तक के प्लान हैं। प्रख्यात बताते हैं, यदि कोई चाहता है वह किसी मीटिंग या खास कॉफ्रेंस के लिए एक दिन के लिए ही ऑफिस बुक कराए तो हमारे यहां यह सुविधा उपलब्ध है। 250 रुपये के प्लान में कोई भी एक दिन के लिए पूरे 3,000 वर्ग फीट एरिया का इस्तेमाल कर सकता है। मीटिंग में आने वाले लोगों के लिए कॉफी निश्शुल्क उपलब्ध कराया जाता है। वहीं 3500 के प्लान में ऑफिस खोलने के लिए सीट मिलती है और 5500 रुपये के प्लान में एक पूरा केबिन मिलता है। हालांकि इसके साथ मीटिंग और कॉफ्रेंस हॉल निश्शुल्क है।
बिहार आंत्रप्रेन्योरशिप एसोसिएशन में भी को-वर्किंग ऑफिस
एसकेपुरी में बिहार आंत्रप्रेन्योरशिप एसोसिशन में भी पिछले एक साल से को-वर्किंग स्टूडियो कार्य कर रहा है। यहां की कम्युनिकेशन मैनेजर अंजु सिंह बताती हैं, हमारे यहां अभी 18 को-वर्किंग ऑफिस हैं। बहुत जल्द इसकी संख्या 40 हो जाएगी। हमारा को-वर्किंग स्टूडियो फुली एसी और वाई-फाई युक्त है। यहां ऑफिस लेने वाले युवाओं को सिर्फ कहने के लिए एक सीट मिलती है, मगर वे कॉफ्रेंस व मीटिंग हॉल का भरपूर इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां पर महज 1500 रुपये में ऑफिस खोला जा सकता है। वहीं जो केबिन युक्त ऑफिस की मांग करते हैं हमलोगों ने इसकी भी व्यवस्था की है। हालांकि केबिन वाले ऑफिस का किराया करीब 15,000 है। यहां पर ऑफिस खोलने वाले युवा उद्यमी सुबह के दस बजे से लेकर शाम के साढ़े छह बजे तक तक काम कर सकते हैं। उन्हें अलग से मेंटनेंस या बिजली बिल देने की जरूरत नहीं है।