हर क्षेत्र में बढ़ गई है प्रतियोगिता, खुद को करना होगा साबित
निमकी मुखिया के ससुर से खास बातचीत
पिंटू कुमार, पटना। आजकल हर क्षेत्र में प्रतियोगिता बढ़ गई है। आपको खुद को साबित करने के लिए हमेशा लगे रहना पड़ेगा। आपको सही मंच मिल गया, इसका मतलब ये मत समझ लीजिए कि काम खत्म हो गया। आपका काम यही से शुरू होता है। समय के साथ अपडेट होते रहना पड़ेगा। नहीं तो आप पीछे छूट जाएंगे। ये बातें लोकप्रिय धारावाहिक (सीरियल) निमकी मुखिया में ससुर (तेतर सिंह) का किरदार कर चुके विजय कुमार ने कहीं। वो प्रयास नाट्य उत्सव में खुद के निर्देशन में बनाए नाटक 'आधे-अधूरे' के लिए पटना में आये हुए थे। उन्होंने दैनिक जागरण से खास बातचीत में बताया कि पहले की अपेक्षा बिहार में बदलाव आया है। बिहार के कलाकार अब रंगमंच में भी आगे आ रहे हैं। आपने अपने कॅरियर की शुरुआत कहां से की?
- कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1986 में दिल्ली पहुंचकर की। यहां पर मैने पांच साल तक जमकर नाटक किया। बाद में 1991 में एनएसडी में नामांकन हुआ। अभिनय का ख्याल कहां से आया?
- बचपन से ही अभिनय का शौक था। खूब फिल्में देखा करता था। सिनेमा देखकर मन में अभिनय का ख्याल आया। अन्य राज्यों की अपेक्षा बिहार के रंगमंच को आप कहां देखते हैं?
- बिहार के रंगमंच में अलग ताकत है। दृष्टि है, खास तरह की दिशा है, यहां जुनून नहीं पागलपन है। सबकुछ जोशीला है। यहां का रंगमंच सबसे आगे है। दर्शक और अभिनेता के बीच में दूरी बहुत कम है। बॉलीवुड में काम मिल पाना कितना मुश्किल है?
- वहां कलाकारों की संख्या ज्यादा है और काम कम है। एक सीरियल में मोटे तौर पर 15 कलाकार ही लिए जाते हैं। हर क्षेत्र में आज यही स्थिति है। प्रतियोगिता बढ़ गई है। आपको सफलता कब मिली?
- मैं पहले दिन से ही सफल हूं। हर वो व्यक्ति पहले दिन से सफल है जो अपना काम मन से कर रहा है। बिहार रंगमंच को आपने क्या दिया?
- वर्ष 1993 में में हमने एक संस्था का निर्माण किया। इस संस्था ने कितने ही कलाकारों का सही मंच पर पहुंचा दिया। बिहार रंगमंच ने भी मुझे भी बहुत कुछ दिया। निमकी मुखिया सीरियल की चर्चा की, क्या विशेष वजह है?
निमकी मुखिया का जो लेखन हुआ है वह बहुत ही बेहतर ढंग से किया गया है। यही वजह है कि ये सीरियल इतनी चर्चा में है। पहले और अब के बिहार में क्या बदलाव देखते हैं?
- बिहारी लोगों का बिहार के प्रति जुड़ाव बढ़ा है। पहले बिहार के लोग बाहर जाते थे तो कहते थे कि हमारे यहां ये नहीं है, वो नहीं है। लेकिन अब चीजें बदली हैं। बिहार में लोग अब पूंजी निवेश कर रहे हैं। साफ-सफाई भी यहां दिखती है। आपको लोकप्रियता कब मिली?
- मुझे नहीं लगता है कि मैं अभी लोकप्रिय हुआ हूं। मैंने जिस हिसाब से मेहनत की मुझे उस हिसाब से पहचान नहीं मिली। इसके लिए मुझे लगता है कि कुछ काम और बाकी रह गया है, जिसे पूरा करना है। आगे की क्या योजना है?
अनुराग कश्यप की फिल्म बंफर, चार चप्पलें आने वाली है। साथ ही महेश भट्ट की वेब सिरीज भी आने वाली है।