Move to Jagran APP

कंपनियों ने पटना ने बनवा दिया शौचालय पर पानी तक जुटा नहीं पाया नगर निगम

अधिकारी बताते हैं कि शौचालय में पानी का कनेक्शन नहीं होने की वजह से उसे उपयोग में नहीं लाया गया। इसकी वजह से लोग बगल की दीवार पर पेशाब करते हैं। हद तो तब हो गई जब शौचालय से सटकर लिट्टी-चोखा के ठेले लग गए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 04:06 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 04:06 PM (IST)
कंपनियों ने पटना ने बनवा दिया शौचालय पर पानी तक जुटा नहीं पाया नगर निगम
पटना नगर निगम का बाहरी परिसर। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, पटना: पटना शहर को चकाचक रखने के लिए सीएसआर (कामन सोशल रिस्पिांसिबिलटी) के तहत प्रमुख स्थानों पर सामुदायिक शौचालय बनवा कर पटना नगर निगम को सौंपा था। इनमें से एक जगह पटना जंक्शन गोलंबर भी है, जहां से हर रोज हजारों की संख्या में लोग गुजरते हैं। टाटा कंपनी और एचडीएफसी ने सीएसआर फंड से यहां शौचालय बनवाया था मगर एक साल बाद भी नगर निगम उसे सुचारू नहीं कर सका। शौचालयों के गेट पर ताले लटके हैं। अधिकारी बताते हैं कि शौचालय में पानी का कनेक्शन नहीं होने की वजह से उसे उपयोग में नहीं लाया गया। इसकी वजह से लोग बगल की दीवार पर पेशाब करते हैं। हद तो तब हो गई, जब शौचालय से सटकर लिट्टी-चोखा के ठेले लग गए हैं। शौचालय के पास बेंच लगाकर लोग स्वादिष्ट व्यंजन का लुत्फ उठाते हैं।

loksabha election banner

वर्तमान में जंक्शन गोलंबर के पास बने छह सेट के तीन माड्युलर शौचालय में से दो में ताला लगा है, जबकि एक के बाहर गंदगी का अंबार है। आटो चालक मुकेश, रामजी, बैजनाथ सिंह, सोनू बताते हैं कि यह दो शौचालयों में ताले लगे हैं। एक खुला है, लेकिन पानी का इंतजाम नहीं होने की वजह से वह काफी गंदा है। लोग उसके बाहर ही पेशाब और शौच कर देते हैं। 

25 करोड़ के सीएसआर फंड से बने थे माड्यूलर शौचालय

टाटा कंपनी और एचडीएफसी बैंक के सीएसआर फंड से 2017 में माड्यूलर शौचालय बनाए गए थे। इस पर 25 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। शौचालय निर्माण के दो सालों तक ये शोभा की वस्तु बने रहे। जब चालू किए गए तो कई स्थानों पर पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई। दिसंबर 2020 में नगर निगम ने इनमें से कुछ को उपयोगी बनाया था। इसका इस्तेमाल करने पर कोई शुल्क नहीं लगता। शहर के 50 स्थानों पर 200 माड्युलर शौचालय बने हैं। इनका रखरखाव एवं संचालन नगर निगम को कराना है। मार्केट क्षेत्र, मुख्य सड़कों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में शौचालय नहीं रहने से महिलाओं को काफी परेशानी होती है। दर्शन के लिए महावीर मंदिर आने वाले श्रद्धालु अथवा जंक्शन से बाहर निकलने वाले यात्री शौचालय के लिए परेशान रहते हैं। 

यहां कर सकते शौचालय का इस्तेमाल

गांधी मैदान और बोरिंग कैनाल रोड में शौचालय हैं, जबकि बोरिंग रोड, बेली रोड, फ्रेजर रोड, एक्जीविशन रोड, कंकड़बाग ओल्ड बाइपास, अशोक राजपथ सहित अन्य मार्केट वाले क्षेत्रों में न तो शौचालय है और न ही यूरिनल लगाए गए हैं।

मुझे इस मामले की जानकारी नहीं थी। अब संज्ञान में आया है तो जंक्शन पर बने शौचालय अविलंब उपयोगी बनाए जाएंगे। शहर के सभी शौचालयों के रखरखाव के लिए एजेंसी का जल्द चयन होगा। नागरिकों को शौचालय से संबंधित परेशानियां नहीं होने दी जाएगी।

- अनिमेश कुमार पराशर 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.