सामुदायिक संक्रमण रोकने को होगी सामूहिक जांच
कोविड-19 को खतरनाक होने से रोकने के लिए अब सरकार सामूहिक रूप से जांच करा रही है।
पटना । कोविड-19 को खतरनाक होने से रोकने के लिए अब सरकार यह जांच करा रही है कि कहीं संक्रमण समुदाय स्तर तक तो नहीं पहुंच गया है। इसके लिए सरकार ने दोहरी जांच व्यवस्था करते हुए हर हाल में सभी सिविल सर्जन को इसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है। सामान्य यानी हर नमूने की अलग-अलग जांच और ग्रुप सैंपलिंग यानी पांच-पांच लोगों के नमूने को मिलाकर सामूहिक जांच होनी है। इसके लिए तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। पटना जिले से हर दिन 180 नमूनों की जांच की जानी है। इसमें से सौ की जांच ग्रुप सैंपलिंग विधि से और 80 अन्य सामान्य तरीके से जांच की जाएगी। सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने इस तरह की व्यवस्था की पुष्टि की है।
इन लोगों की होगी ग्रुप सैंपलिंग :
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार बाहर से आने का सिलसिला 31 मई को थम जाएगा। इस बीच समाज में कुछ ऐसे कोरोना संक्रमित नहीं हो जिनकी अब तक पहचान नहीं हुई, उनके लिए ग्रुप सैंपलिंग की विधि अपनाई जा रही है। इसके तहत सब्जी मंडी के व्यापारियों, बाहर से आए लोगों और बिना लक्षण वाले बुजुर्गो, बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं के नमूनों की जांच कराई जाएगी। इसमें पांच-पांच लोगों के नमूने मिलाकर एक सैंपल बनाकर उसकी जांच कराई जाएगी। यदि पॉजिटिव आया तो पांचों नमूनों की अलग-अलग जांच कराई जाएगी। इस विधि से सिर्फ 20 नमूनों से सौ लोगों की जांच हो जाएगी। इनके नमूनों की होगी अलग-अलग जांच: कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लोगों या जिन लोगों में कोरोना के लक्षण उनके नमूनों की अलग-अलग सामान्य विधि से जांच कराई जाएगी। इसके अलावा जो लोग अन्य राज्यों से आए हैं और उन्हें होम क्वारंटाइन किया गया था, उनके भी नमूनों की जांच कराई जाएगी।