अगस्त तक बिहार के सभी विश्वविद्यालयों का कामन डाटाबेस अनिवार्य, दो आधार पर होगा मूल्यांकन
शिक्षा विभाग ने अगस्त तक सभी संस्थानों का एक कामन डाटाबेस तैयार कराने का फैसला लिया है। विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों का आंतरिक मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है। इससे सूचनाओं को डाटाबेस का हिस्सा बनाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, पटना : सरकार अब सभी विश्वविद्यालयों में डिजिटल टेक्नोलाजी की व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने जा रही है। शिक्षा विभाग ने अगस्त तक सभी संस्थानों का एक कामन डाटाबेस तैयार कराने का फैसला लिया है। विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों का आंतरिक मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है। इसके आधार पर जो सूचनाएं हासिल होंगी, उसे डाटाबेस का हिस्सा बनाया जाएगा।
- - शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों का आंतरिक मूल्यांकन करने का निर्देश दिया
- - बिहार में उच्चतर शिक्षा व्यवस्था का किया जाएगा डिजिटलीकरण
- - इससे उच्च शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाने में मदद मिलेगी
उच्च शिक्षा में नामांकन दर में वृद्धि हेतु शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिया है। साथ ही, उच्च शिक्षा व्यवस्था का संपूर्ण डिजिटलीकरण का कार्य पूरा करने को भी कहा है। आदेश के मुताबिक राज्य में संचालित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए स्टेट लेवल कामन डाटाबेस बनाने का कार्य अनिवार्य है। इससे उच्च शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाने में मदद मिलेगी। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय में एक एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (युनिफाइड-एमआइएस) स्थापित किया जाएगा। इस प्रणाली से उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के नामांकन, शिक्षक, कर्मचारी, एकेडमिक कैलेंडर, शिक्षण कार्य, परीक्षाफल, वित्तीय आदि की अद्यतन स्थिति का तुरंत पता लग सकेगा।
दो आधार पर होगा शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन
शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन दो आधार पर होगा। शैक्षणिक व शोध गतिविधियों पर मूल्यांकन के अतिरिक्त आधारभूत ढांचे का भी आकलन होगा। शैक्षणिक गतिविधियों के तहत संस्थान का एकेडमिक कैलेंडर, परीक्षाफल, स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम, शुल्क, सेमेस्टर, वाॢषक या पार्टटाइम कोर्सेज, सिलेबस रिविजन, प्रोजेक्ट वर्क, शैक्षणिक कार्य दिवस, छात्र-शिक्षक अनुपात, शिक्षकों की योग्यता, फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, ब्रिज कोर्स, शोध कार्य, रिसर्च पब्लिकेशन, प्रशासन एवं नेतृत्व क्षमता का आकलन होगा।