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सीएम नीतीश ने बच्चों को सुनाई कहानियां, पंगत में किया भोजन, कही ये बात

सीएम नीतीश कुमार ने जेपी जयंती और चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष समारोह के दूसरे चरण के उद्घाटन सत्र कहा कि हमें महात्‍मा गांधी के विचारों को अपनाने और सीखने की जरूरत है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 11 Oct 2017 08:21 PM (IST)Updated: Wed, 11 Oct 2017 08:34 PM (IST)
सीएम नीतीश ने बच्चों को सुनाई कहानियां, पंगत में किया भोजन, कही ये बात
सीएम नीतीश ने बच्चों को सुनाई कहानियां, पंगत में किया भोजन, कही ये बात

पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि गांधी भगवान नहीं, इंसान हैं। उन्हें पूजने की जरूरत नहीं। जरूरत हैं उनके विचारों को अपनाने की उनसे सीखने की। यदि दस से पन्द्रह प्रतिशत लोगों ने भी उनके विचारों को अपना लिया तो देश में परिवर्तन आ जाएगा। मुख्यमंत्री बुधवार को जेपी जयंती और चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष समारोह के दूसरे चरण के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गांधी कथा वाचन और बापू आपके द्वार कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान समारोह में मौजूद पटना समेत राज्य भर के स्कूलों से आए बच्चों के बीच बापू से जुड़ी दो कहानियों का पाठ किया और बाद में उनके साथ पंगत में बैठ भोजन भी किया।

नस्लवाद ने बदल दी बापू की जिन्दगी
उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने बापू के जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर अपने विचार रखे। बापू का जीवन एक साधारण व्यक्ति के रूप में शुरू हुआ। दक्षिण अफ्रीका में उनके साथ हुए नस्लवाद ने उनकी जिन्दगी बदल दी।

मुख्यमंत्री ने बापू की चंपारण यात्रा का भी उल्लेख किया और कहा कि चंपारण में उनके सत्याग्रह से निलहे किसानों को तीन कठिया प्रथा से मुक्ति तो मिली ही, इस आंदोलन का असर देश पर ऐसा हुआ कि तीस साल बाद ही देश को आजादी मिल गई। पर अंत में क्या हुआ, उनकी हत्या कर दी गई। पर मारने वाले ये नहीं जानते कि बापू के विचारों को कभी नहीं मारा जा सकता।

मानव श्रृंखला भावनाओं का प्रकटीकरण
मुख्यमंत्री ने चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के राजकीय आयोजन पर कहा कि गांधी के विचार लोगों के अंतर जागृति पैदा कर देते हैं। स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अंदर यह जागृति आए इसलिए हमने स्कूलों में कथा वाचन का फैसला किया।

सीएम ने कहा कि गांधी जी शराब के भी विरोधी थे। इसलिए बिहार ने पिछले वर्ष अप्रैल में शराबबंदी कानून लागू किया। अब हम इससे एक कदम आगे नशामुक्ति की ओर जा रहे हैं। जनवरी में चार करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई, यह उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण था। 

बाल विवाह के कारण बढ़ रहा है बौनापन
मुख्यमंत्री ने इस दौरान दहेज प्रथा और बाल विवाह की भी चर्चा की। बोले, आज 39 फीसद शादियां बाल विवाह के तहत हो रही हैं। कमउम्र में विवाह होने के कई नुकसान हैं। बिहार में बौनापन बढ़ रहा है। उन्होंने बिहार में महिलाओं के साथ अत्याचार के आंकड़े काफी कम हैं। देश में हम 26वें स्थान पर  हैं, लेकिन देहज हत्या के मामले में हम देश में दूसरे स्थान पर हैं।

पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश है। देहज प्रथा बुराई है और इसका प्रचलन नीचे तक फैल रहा है। दहेज प्रथा की वजह से भी बाल विवाह होते हैं। उन्होंने हमारा संकल्प है इसके खिलाफ अभियान चलाएंगे और दो अक्टूबर से हमने यह अभियान प्रारंभ भी कर दिया। यह बापू की प्रति हमारी सच्ची प्रतिबद्धता है।

धारा 375 को असंवैधानिक बताने पर प्रसन्नता
मुख्यमंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा धारा 375 को असंवैधानिक करार दिए जाने पर कहा कोर्ट ने भी अब तक मान लिया है कि पन्द्रह से अठारह वर्ष की विवाहित स्त्री के साथ शारीरिक संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में आएगा। उन्होंने कहा कोर्ट के इस फैसले से बाल विवाह पर रोक लगेगी।

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