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AES को लेकर सीएम नीतीश बोले- इस्तीफे से नहीं होगा समस्या का समाधान

एईएस से बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष द्वारा मांगे जा रहे इस्तीफे पर विधान परिषद में नीतीश कुमार ने दी नसीहत। कहा- इस्तीफे से समस्या का समाधान नहीं होगा हो सकता है बिगड़ जाए।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 11:15 PM (IST)
AES को लेकर सीएम नीतीश बोले- इस्तीफे से नहीं होगा समस्या का समाधान
AES को लेकर सीएम नीतीश बोले- इस्तीफे से नहीं होगा समस्या का समाधान

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार विधान परिषद में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को जमकर नसीहत दी। कहा कि विपक्षी सदस्य एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) से बच्चों की मौत को लेकर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, लेकिन मैं समझता हूं कि इस्तीफे से समस्या का समाधान नहीं होगा, हो सकता है कि स्थिति और बिगड़ जाए। 

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मानसून सत्र का तीसरा दिन

मुख्यमंत्री मानसून सत्र के तीसरे दिन विधान परिषद में एईएस से बच्चों की मौत पर विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्ताव पर बोल रहे थे। कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने बच्चों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि दुख व्यक्त करना ही काफी नहीं होगा, बल्कि हमें भविष्य की चिंता भी करनी होगी। एईएस से बचाव के लिए जितने पैसे की जरूरत होगी, दिया जाएगा।

सात निश्चय पर विस्तार से जिक्र

नीतीश ने सात निश्चय का विस्तार से जिक्र किया। योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं में हुए सुधार के बारे में बताया। कहा कि जनता को पीने का शुद्ध पानी और शौचालय सुविधा मुहैया करा दिया जाए तो 90 फीसद बीमारी अपने आप खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार को स्वास्थ सेवा के क्षेत्र में शीर्ष पांच राज्यों की श्रेणी खड़ा करना हमारा लक्ष्य है।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट होगी सार्वजनिक 

मुख्यमंत्री ने कहा कि एईएस से इस बार बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है। समस्या को जड़ से मिटाने के लिए सरकार प्रभावित क्षेत्र में आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है। हम पता लगा रहे हैं कि यह बीमारी होती क्यों है। वर्ष 2014 से ही रिसर्च जारी है। अभी तक नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। सबकी राय अलग-अलग है। मैंने अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की। सबसे बात की। मैंने पाया कि ज्यादातर पीडि़त गरीब परिवारों से हैं और उनमें भी बच्चियों की संख्या अधिक है। ऐसे में सामाजिक-आर्थिक सर्वे जरूरी है, ताकि पता चल सके कि यह बीमारी गरीब बच्चों को ही क्यों हो रही है। उन्होंने गया, औरंगाबाद और नवादा जिले में लू  से हुई मौत पर भी चिंता जताई। 

विपक्ष को जवाब- हम चुप नहीं बैठे हैं

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चुप नहीं बैठे हैं। हमने कई बैठकें की हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दौरा किया। जागरूकता पर काम किया जा रहा है। संयुक्त कमेटी बनाई जा रही है। 2015 में एम्स पटना में विस्तृत चर्चा की गई थी। तीन घंटे तक चली इस बैठक में मौत की वजहों पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय थी। किसी ने लीची को जिम्मेवार बताया तो किसी ने कुछ और कहा। अमेरिका भी भेजकर जांच कराई गई।  


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