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बाढ़-सुखाड़ को लेकर सीएम नीतीश गंभीर, जिलों के डीएम से शनिवार को करेंगे बात

बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की तबाही जारी है। बाकी जिलों में सुखाड़ के आसार नजर आ रहे हैं। इसे लेकर नीतीश सरकार काफी चिंतित है। वे शनिवार को समीक्षा बैठक करेंगे। डीएम से बात करेंगे।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 04:43 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 10:13 PM (IST)
बाढ़-सुखाड़ को लेकर सीएम नीतीश गंभीर, जिलों के डीएम से शनिवार को करेंगे बात
बाढ़-सुखाड़ को लेकर सीएम नीतीश गंभीर, जिलों के डीएम से शनिवार को करेंगे बात

पटना, जेएनएन। बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की तबाही जारी है। लगभग 200 लोगों की बाढ़ की चपेट में आकर जान चली गई है। हालांकि सरकारी आंकड़े इससे कहीं कम है। वहीं दूसरी ओर बाकी जिलों में सुखाड़ की स्थिति बनती जा रही है। नीतीश सरकार बाढ़-सुखाड़ को लेकर काफी अलर्ट है और पीडि़तों को हर संभव मदद कर रही है। एक बार फिर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़-सुखाड़ को लेकर प्रदेश के वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।  उधर, बाढ़ पीडि़तों के बैंक अकांउट में छह हजार की दर से राशि भेजी जा रही है।  शुक्रवार को विधानसभा में मुख्‍यमंत्री नीतीश ने बाढ़ पर अपना बयान दिया तथा कहा कि बाढ़ पीडि़ताें को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है।   

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जानकारी के अनुसार मुख्‍यमंत्री नीतीश शनिवार को बाढ़-सुखाड़ की समीक्षा करेंगे। जिन जिलों में बाढ़ का प्रकोप है, वहां के डीएम से अद्यतन स्थिति से अवगत होंगे। बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम का कितना पालन किया जा रहा है, इसकी भी जानकारी मुख्‍यमंत्री लेंगे। इसी तरह, सुखाड़ वाले जिलों के डीएम से भी नीतीश कुमार बात करेंगे। वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़-सुखाड़ के बारे में ताजा हालात पर आवश्‍यक दिशा-निर्देश देंगे। 

वहीं विधानसभा में शुक्रवार को  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार बाढ़ पीडि़तों को हर संभव मदद मुहैया करा रही है और राहत कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। हमने केंद्र सरकार से भी जल्द सहयोग करने को कहा है। अभी प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए सारा काम बिहार सरकार ही कर रही है। केंद्र सरकार से मदद के लिए एक 'मेमोरैंडम' भेजा जाता है, जिसकी तैयारी चल रही है। इसके बाद केंद्र से एक टीम आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के आकलन के लिए बिहार आएगी और वह टीम आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुई क्षति का आकलन करेगी और फिर सहयोग राशि देने पर फैसला करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो बाढ़ प्रभावित इलाके हैं, वहां पूरा सीजन खतरा बना है। जो भी प्रयास किए जा सकते थे, वह किए जा रहे हैं। जो पहले से आकलन किया गया था उससे ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। ये दुष्प्रभाव इतनी जल्दी खत्म नहीं होने वाला है। एनडीएआरएफ की जितनी टीमें बिहार में थीं, उतने से काम नहीं चला तो केंद्र से अतिरिक्त एनडीआरएफ की टीम  बुलाए गए। आपदा प्रभावित इलाकों में सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है। हेलिकॉप्टर से भी फूड पैकेट्स पहुंचाए जा रहे हैं। 

गौरतलब है कि बिहार में गहराते बाढ़ के संकट को देखते हुए मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने राहत व बचाव को लेकर 14 जुलाई को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में बाढ़ के हालात को देखते हुए मुख्‍यमंत्री ने कई महत्‍वपूर्ण निर्देश दिए। इतना ही नहीं, उन्‍होंने बैठक के तुरंत बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा भी लिया। इसके अलावा, सुखाड़ वाले जिलों पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार संबंधित जिलों के डीएम को निर्देश दे रहे हैं, ताकि किन्‍हीं को कोई परेशानी नहीं हो।

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