बिहार में खुले देश के पहले खादी मॉल में दो दिनों में 25 लाख की बिक्री, सीएम नीतीश ने भी दिया नाप
बिहार राज्य खादी बोर्ड द्वारा पटना में स्थापित खादी मॉल में जबर्दस्त भीड़ चल रही है। उद्घाटन के दूसरे दिन बुधवार को ही कई काउंटरों के माल कम पड़ गए। सीएम भी काफी उत्साहित हैं।
पटना, जेएनएन। बिहार राज्य खादी बोर्ड द्वारा पटना में स्थापित खादी मॉल में जबर्दस्त भीड़ चल रही है। उद्घाटन के दूसरे दिन बुधवार को ही कई काउंटरों के माल आउट ऑफ स्टॉक हो गए। खादी मॉल में जबर्दस्त हो रही बिक्री से दुकानदार गदगद हैं। बताया जाता है कि महज दो दिनों में ही 25 लाख की बिक्री हो गई है। पहले दिन 12 लाख ताे दूसरे दिन 13 लाख की बिक्री हो गई। उधर, सीएम नीतीश कुमार ने मॉल के भीतर टेलर काॅर्नर गए और अपनी बंडी का नाप दिया। काॅर्नर के ठीक सामने उन्होंने बंडी के कुछ कपड़े भी देखे। उन्हें लाइट ग्रीन और पिंक कपड़ा चाहिए था। बता दें कि यह देश का पहला खादी मॉल है और यह करीब 15 हजार वर्गफीट में फैला हुआ है। इस चार मंजिले मॉल का उद्घाटन मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने किया था।
खादी के साबुन और शैैंपू की सीएम ने की सराहना
खास बात कि पटना में खुले देश के पहले खादी मॉल को लेकर सीएम नीतीश कुमार काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा भी कि मैैं बहुत उत्साहित हूं। यह मॉल लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। खूब पसंद आएगा। इसकी वजह यह है कि यहां इन उत्पादों के निर्माण में मशीन का प्रयोग नहीं हुआ है। वे चारों मंजिलों पर खुद गए और लिफ्ट के बदले सीढ़ी से गए। वे चौथे फ्लोर पर भी गए, जहां कैफेटेरिया बनाया गया है। उन्हाेंने खादी के साबुन और शैैंपू तथा जूते के काॅर्नर की काफी सराहना की।
बता दें कि खादी मॉल बिहार के बुनकरों को सीधे बाजार से जोड़ दिया है। इसके लिए बोर्ड बुनकरों के बीच जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। मॉल में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों को एक छत के नीचे बाजार मिल गया है। प्रदेश के बुनकरों को अपने उत्पाद बेचने के लिए खादी संस्थाओं के पास अब भटकना नहीं होगा। वे सीधे मॉल में अपना माल देंगे।
बिहार के बुनकरों को मिला बड़ा बाजार
बिहार राज्य खादी बोर्ड के सीईओ बीएन प्रसाद के अनुसार खादी मॉल के रूप में राज्य के गरीब बुनकरों को बड़ा बाजार मिल गया है। ग्राहकों को भी एक विश्वसनीय प्लेटफॉर्म मिल गया है। यहां पर बिकने वाले उत्पादों की शुद्धता की गारंटी होगी। इतना ही नहीं, प्रदेश में रेशमी वस्त्र तैयार करने वाले बुनकरों को भी बड़ा बाजार मिल रहा है। रेशम बुनकर खादी ग्रामोद्योग संघ के सचिव अलीम अंसारी का कहना है कि रेशम का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। रेशमी वस्त्रों की बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म की जरूरत थी। यह मिल गया है। हबीबुल्ला ग्रामीण विकास एवं खादी ग्रामोद्योग संघ के राजिक अंसारी का कहना है कि राज्य में उत्पादित मधुबनी की मसलिन खादी अब राजधानीवासियों तक आसानी से पहुंचेगी। इसके साथ ही खादी मॉल में अब कॉस्मेटिक सामग्री भी उपभोक्ताओं को मुहैया कराई जाएगी। तुलिना ग्रामोद्योग संघ के सचिव अरुण प्रकाश ने कहा कि यहां फेसवाश, साबुन, एलोवेरा जेल, चंदन पाउडर सहित कई उत्पाद लोगों को मुहैया कराए जाएंगे। बुधवार को भी ग्राहकों की उमड़ती भीड़ से दुकानदार काफी खुश हैं।
बिहार के खादी वस्त्रों पर 20 फीसद की छूट
खादी मॉल के मैनेजर ने बताया कि बिहार के अलावा कश्मीर, हरियाणा, पंजाब आदि जगहों की सामग्री को यहां रखी गई है। बिहार के खादी वस्त्रों पर लोगों को 20 फीसद की छूट मिल रही है वही अन्य राज्यों के खादी वस्त्रों के उत्पादों पर 10 फीसद की छूट दी जा रही है। वही बिहार एवं अन्य राज्यों के ग्रामोद्योग उत्पाद पर लोगों को किसी प्रकार की कोई छूट नहीं मिल रही है।
तसर एवं भागलपुरी सिल्क महिलाओं की पसंद
पटना खादी मॉल के ग्राउंड फ्लोर पर खादी और सिल्क साड़ी के स्टॉल लगे हैं। एक ओर जहां पुरुषों के लिए खादी और सिल्क के कपड़े तो दूसरी ओर महिलाओं के लिए तसर, भागलपुरी सिल्क, मूंगा एवं मटका साड़ी की दुकानें लगी हैं। बोङ्क्षरग रोड से आई नम्रता ने कहा कि एक छत के नीचे देसी उत्पादों का मिलना पटना के लिए सबसे बड़ी बात है। महिलाओं को साड़ी दिखाती हुए खादी बोर्ड के कर्मचारी ने बताया कि यहां पर 2500 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये की साड़ी है। सिल्क, तसर, मूंगा, भागलपुरी सिल्क आदि साडिय़ों पर 20 फीसद की छूट दी जा रही है। ज्यादातर महिलाएं भागलपुरी सिल्क साड़ी को पसंद कर रही हैं।
युवाओं के बीच खादी कपड़ों का क्रेज
पटना खादी मॉल में खादी और सिल्क के कपड़े युवाओं को अपनी ओर खूब आकर्षित कर रहे हैं। चरखा का निशान वाली खादी की शर्ट युवाओं को काफी पसंद आ रही है। खगौल से आए हंसराज बताते हैं कि अब खादी के कपड़े पहनना नेताओं की निशानी नहीं रही। अब आम लोग भी इसे पसंद कर रहे हैं। हंसराज ने कहा कि खादी की शर्ट और बंडी काफी आकर्षक है। बापू ने खादी को भी खूब बढ़ावा दिया था। उनके सपने को साकार करने के लिए पटना खादी मॉल सरकार की ओर से अच्छी पहल है। वही युवाओं के बीच हरियाणवी बंडी का भी क्रेज खूब दिखा। काफी संख्या में इन कपड़ों की खरीदारी युवा करते नजर आए। हरियाणा की बंडी 2800 रुपये से लेकर तीन हजार तक है। इस पर 10 फीसद की छूट दी जा रही है। युवाओं के लिए सूती ट्राउजर अलग-अलग डिजाइन और रंगों में है। इसकी कीमत नौ सौ रुपये से लेकर 1300 रुपये तक है। इस पर 20 फीसद की छूट दी जा रही है।
बिहार की शिल्प कलाकृतियां बनी लोगों की पहली पसंद
पटना खादी मॉल के दूसरे तल पर बिहार की शिल्प कला से जुड़ी कलाकृतियों के अलावा हैंडीक्राफ्ट के कई सामग्री मौजूद हैं। उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान एवं विभिन्न जिलों में स्थापित कॉमन फैसिलिटी सेंटर से निर्मित शिल्प की विभिन्न कलाकृतियों को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। स्टोर की इंचार्ज रोमिला भारती ने बताया कि सबसे ज्यादा बांस और जूट से बनी कलाकृतियों की बिक्री हो रही है। वही मेटल क्राफ्ट और मधुबनी पेंटिंग के प्रति लोगों का खास उत्साह रहा। रोमिला ने बताया कि 15 हजार रुपये का कारोबार हुआ है। वे बताती हैं कि पटना खादी मॉल खुलने से यहां पर बिक्री के लिए रखी गई शिल्प कलाकृतियां लोगों को बहुत पसंद आ रही हैं। वे बताती हैं कि ज्यादातर युवा जूट की फाइल और महिलाएं जूट के थैले की खरीदारी किए हैं। जूट की फाइल पर मधुबनी पेंटिंग लोगों को आकर्षित कर रही है, जिसकी कीमत 110 रुपये है वही थैले की कीमत 190 रुपये है।
देसी उत्पाद लोगों की पहली पसंद
मॉल के ऊपरी तल पर फूड प्रोडक्ट की रेंज उपलब्ध है। इसमें भागलपुर का कतरनी चावल, चूड़ा, दरभंगा का मखाना सहित आटा, सत्तु, अदौरी, पापड़, अचार आदि की बिक्री खूब हुई। स्टोर के मैनेजर नेबू लाल चौरसिया ने कहा कि लोगों ने खाने-पीने की चीजों की जमकर खरीदारी की है। इसके कारण सारी सामग्री उद्घाटन के पहले दिन ही समाप्त हो गई है। खाद्य-सामग्री को लेकर आर्डर दिया गया है, जो जल्द मॉल परिसर में मिलने लगेगी। स्टोर मैनेजर ने कहा कि भागलपुर का कतरनी चावल-चूड़ा के साथ मुजफ्फरपुर के किसान चाची का अचार लोगों की डिमांड रहा।
मिट्टी के दीये से पीतल के बर्तन तक
मॉल में उपरी तल पर मिट्टी के बर्तनों में दीये, गुल्लक, फ्लावर पॉट, सुराही, घड़े सहित कई सामग्री है। वही पीतल के बर्तनों का भी अपना क्रेज है। पीतल के बर्तनों में तवा से लेकर थाली तक अलग-अलग दाम में मौजूद है। वही पत्थर के बने मसाला पीसने वाले सिलॉट युवा पीढ़ी के लिए आकर्षण का केंद्र बना है।
बापू की प्रतिमा बनी सेल्फी प्वाइंट
मॉल के ग्राउंड फ्लोर पर बापू की प्रतिमा और चरखा रखा गया है। मॉल से खरीदारी करने के बाद युवाओं में सेल्फी का क्रेज खूब दिखा। जो भी लोग मॉल परिसर में आते, वो एक पल के लिए इस जगह पर रुककर सेल्फी लेते रहे।