नक्सल प्रभावित राज्यों के सम्मेलन में बोले CM नीतीश, वाम उग्रवाद के खिलाफ और मदद करे केंद्र
दिल्ली में वाम उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र के समक्ष कई मांगें रखीं। बैठक की अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह ने की।
पटना [राज्य ब्यूरो]। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत फिलहाल केंद्र सरकार 60 और 40 के अनुपात सहायता दे रही है। इसका अनुतात 90:10 किया जाए। बिहार जैसे सीमित संसाधनों वाले राज्यों के लिए यह आवश्यक है। इस योजना के स्वरूप में परिवर्तन की आवश्यकता है। इसे वार्षिक योजना की जगह दीर्घकालिक योजना में परिवर्तित किया जाना चाहिए।
हमें अब 40 की जगह मिल रहे 30 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह संभव नहीं कि पुलिस पुराने तरीकों से असमाजिक तत्वों पर काबू करे। जरूरी है कि पुलिस को आधुनिकतम यंत्र एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाएं। अधिक साधन देने के बदले केंद्र पुलिस आधुनिकीकरण योजना के मद में कटौती कर दी है। वर्ष 2000-2001 से 2014-2015 तक केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष बिहार को औसतन 40 करोड़ रुपए इस मद में दिए जाते थे। अब यह राशि 30 करोड़ हो गई है। यह बहुत कम है। इसे कई गुणा बढ़ाने की जरूरत है।
नहीं बंद कीजिए विशेष संरचना योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित राज्यों में सुरक्षा बलों के क्षमता संवर्धन और क्षेत्रीय विषमता को दूर करने के लिए विशेष संरचना योजना शुरू हुई थी। इसके काफी अच्छे परिणाम मिले हैं। यह बात सामने आ रही कि केंद्र द्वारा इस योजना को 2019-20 तक ही चलाया जाएगा। योजना के बंद होने से प्रभावित जिलों में उग्रवाद नियंत्रण पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। यह जरूरी है कि केंद्र इस योजना को पहले की तरह जारी रखे। अत्यधिक वामपंथ उग्रवाद प्रभावित जिले औरंगाबाद, गया, जमुई एवं लखीसराय के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना के अंतर्गत सड़क, विद्यालय, पेयजल, सिंचाई, स्वास्थ्य, सामुदायिक भवन, स्टेडियम व रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण से संबंधित 353 योजनाओं का कार्यान्वयन हो रहा है। केंद्र से इस मद में 2019-20 का आवंटन अभी नहीं मिला है।
नहीं हो वापस हो सीआरपीएफ बटालियन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्रों में नए पुलिस थाने बनाए जा रहे हैं। अभी भी प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसौनिक बलों की आवश्यकता है। बिहार में 9.5 बटालिन केंद्रीय अर्धसैनिक बल उपलब्ध हैं। इनमें से 80 फीसद की प्रतिनियुक्ति बिहार-झारखंड के सीमावर्ती जिलों में की गई है। सीआरपीएफ की दो बटालियन अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। उन्हें वापस भेजने का का प्रस्ताव मिला है। इन दोनों बटालियनों को बिहार में रहने देने की जरूरत है।
बिहार को अलग से मिले हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से बिहार हेलीकॉप्टर तैनाती के लिए अनुरोध करता रहा है। गृह मंत्रालय हमें झारखंड में तैनात हेलीकॉप्टर से ही सहयोग लेने को कहता रहा है। गृह मंत्रालय इस पर पुनर्विचार कर बिहार में भी हेलीकॉप्टर की स्थाई तैनाती करेे।
आर्थिक बोझ केंद्र व राज्य दोनों करें
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के आखिर में कहा कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के बाद बिहार के संसाधनों में भारी कमी हुई है। वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध लड़ाई केंद्र व राज्य सरकार दोनों की है। इसलिए इसका आर्थिक बोझ भी केंद्र व राज्यों के बीच बांटकर वहन किया जाना चाहिए।