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जितनी बिजली जलाएंगे उतना ही लगेगा पैसा, बिहार में चुनाव के पहले हर घर में प्रीपेड मीटर

बिहार के हर घर में अगले वर्ष 15 अगस्त तक हर घर में प्रीपेड मीटर लग जाएगा। सीएम नीतीश ने कहा कि वह यह नहीं चाहते कि चुनाव में प्रचार को वे जाएं तो कोई गलत बिल आने की शिकायत करे।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 03:28 PM (IST)
जितनी बिजली जलाएंगे उतना ही लगेगा पैसा, बिहार में चुनाव के पहले हर घर में प्रीपेड मीटर
जितनी बिजली जलाएंगे उतना ही लगेगा पैसा, बिहार में चुनाव के पहले हर घर में प्रीपेड मीटर

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के हर घर में अगले वर्ष 15 अगस्त के पहले बिजली के पारंपरिक मीटर बदल जाएंगे और उनकी जगह प्री पेड मीटर लग जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह यह नहीं चाहते कि अगले वर्ष जब वह विधानसभा चुनाव के प्रचार को ले किसी सभा में हों तो कोई तेज आवाज में बिजली का बिल लेकर सामने आ जाए और यह कहे कि मैैं एक ही बल्ब जलाता हूं, पर बिल आ गया है एक हजार का। प्री पेड मीटर लग जाने का फायदा यह होगा कि वे जितनी बिजली उपभोग करेंगे, उस हिसाब से पैसा लगेगा। स्थानीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की 692.74 करोड़ की योजनाओं के कार्यारंभ व उद्घाटन के बाद यह बात कही। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव भी इस मौके पर मौजूद थे।

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बिजली के क्षेत्र में काफी काम हुआ

मुख्यमंत्री ने कहा बिजली के क्षेत्र में बिहार में काफी काम हुआ है। बिजली कंपनी से उनकी अब सिर्फ यह अपेक्षा है कि पंद्रह अगस्त के पहले सूबे के हर घर में प्री पेड मीटर लग जाए. हर इच्छुक किसान को उसके खेत तक बिजली का कनेक्शन इस साल के अंत तक पहुंच जाए और सभी जर्जर बिजली के तारों को बदलने का काम इस वर्ष पूरा हो जाए। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना यह कहा कि बहुत से लोगों की आदत होती है कि कुछ भी कहो। हमलोगों की आदत है कि जो भी कहा उसे करते हैैं।

कंपनी को सब्सिडी देने की जरूरत नहीं 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्री पेड मीटर लग जाने से वितरण कंपनी को सब्सिडी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केवल उपभोक्ताओं को ही सब्सिडी देने की बात रहेगी। प्री पेड मीटर बहुत जरूरी है। किसानों को उसके खेत तक बिजली का कनेक्शन मिल जाने का यह फायदा होगा कि डीजल से जिस रकबे के पटवन को 100 रुपए लगते हैैं, वह बिजली से मात्र पांच रुपए में सिंचित हो जाएगा। कृषि फीडर की और अधिक जरूरत है तो बिजली कंपनी उसे तैयार करे। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहले बिहार के गांवों में बिजली नहीं थी। इमरजेंसी के समय भूमिगत होने के चक्कर में मैैं एक गांव में था। उस समय मुझे याद है कि गांव में 14 घंटे बिजली थी। बाद के दिनों में स्थिति खराब हो गई। 

सीएम का अगला लक्ष्य अक्षय ऊर्जा

सोलर ऊर्जा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य अक्षय ऊर्जा है। पहले संस्थानों से शुरू से करेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में वह कुछ ऐसी जगहों पर गए थे जहां विभिन्न योजनाओं पर हो रहा था। हम फिर वहां पहुंचेंगे। कार्यक्रम तैयार हो रहा है। 

चुनाव में मिली बड़ी सफलता में बिजली की भूमिका

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मौके पर कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली इस बड़ी सफलता के पीछे बिजली की बड़ी भूमिका है। चुनावी सभाओं में बिजली के सवाल पर सबसे अधिक ताली बजती थी। बिजली के सेक्टर में हुआ काम और उपलब्धि मुख्यमंत्री के दूरदृष्टि का परिणाम है। उन्‍होंने कहा कि सबसे अधिक ताली लोग कृषि फीडर की चर्चा पर बजाते थे। बिहार में सरकार ने विगत पांच वर्षों में बिजली के क्षेत्र में 55 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैैं। ऊर्जा महकमे की उपलब्धि यह रही कि उसे जितना आवंटन था, उससे अधिक उसने खर्च किया। यही नहीं, 2018-19 में बिजली कंपनी ने 9072 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह भी किया।

हर मामले में बिहार कीर्तिमान स्थापित कर रहा : बिजेंद्र

ऊर्जा विभाग के कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार हर मामले में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बिजली के क्षेत्र में पिछले चौदह साल में हम कहां थे और अब कहां आ गए। उन्‍होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं के लिए सिंगल विंडो हेल्पडेस्क सुविधा को भी आरंभ किया गया है। अभी यह बारह बिजली प्रमंडलों में शुरू किया गया है। उपभोक्ताओं की शिकायत पर उन्हें मोबाइल से एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाएगी। शिकायतकर्ता अपने शिकायत का अपडेट 1912 डायल कर प्राप्त कर सकेंगे।

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