आइजीआइसी में सीटी कोरोनरी जांच शुरू, पहले दिन दो रोगियों पर परीक्षण
पहले दिन परीक्षण के तौर पर ट्रेडमिल टेस्ट में पाजिटिव पाए गए दो रोगियों की मुफ्त में जांच की गई। इस दौरान संस्थान के निदेशक डा. सुनील कुमार डा. बीएन प्रसाद डा. बीके सिंह डा. अनिल ठाकुर डा. अनिल कुमार लोकसूचना पदाधिकारी डा. अमिताभ कुमार की उपस्थिति में डा. ऋषिकांत सिन्हा ने टेक्नीशियन डोमा प्रसाद व प्रमोद झा की मदद से रोगियों की स्कैनिग की।
पटना। आइजीआइसी (इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान) में सोमवार से सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी सुविधा मरीजों को मिलने लगी है। करीब 10 करोड़ की यह अत्याधुनिक मशीन बिना शरीर में कोई तार डाले या सर्जरी किए हृदय, रक्तकोशिओं में ब्लाकेज के अलावा केल्सीफाइड प्लेक्स की जानकारी देगी। अबतक सरकारी संस्थानों में सिर्फ एम्स और आइजीआइएमएस में इस जांच की सुविधा है। पहले दिन परीक्षण के तौर पर ट्रेडमिल टेस्ट में पाजिटिव पाए गए दो रोगियों की मुफ्त में जांच की गई। इस दौरान संस्थान के निदेशक डा. सुनील कुमार, डा. बीएन प्रसाद, डा. बीके सिंह, डा. अनिल ठाकुर, डा. अनिल कुमार, लोकसूचना पदाधिकारी डा. अमिताभ कुमार की उपस्थिति में डा. ऋषिकांत सिन्हा ने टेक्नीशियन डोमा प्रसाद व प्रमोद झा की मदद से रोगियों की स्कैनिग की। दोनों की रिपोर्ट सामान्य आई है।
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एंजियोग्राफी से कम में
होगी सीटी कोरोनरी जांच
निदेशक डा. सुनील कुमार ने बताया कि अबतक संस्थान में हृदय में ब्लाकेज की जानकारी के लिए एंजियोग्राफी जांच की सुविधा थी। उसमें तार डाल कर जांच की जाती थी। सीटी कोरोनरी स्कैन मशीन आने से अब नसों में एक इंजेक्शन देकर हृदय, रक्तकोशिकाओं में ब्लाकेज के साथ केल्सिफाइड प्लेक्स की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। एंजियोग्राफी की जांच रियायती दर में पांच हजार में की जाती है। अभी स्वास्थ्य विभाग ने इसका शुल्क तय नहीं किया है लेकिन एंजियोग्राफी की तुलना में यह काफी कम होगा। यह ब्लाकेज जानने का एक सुरक्षित व आधुनिक तरीका है।
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चार और लोगों का आज
होगा डेमो, डेढ़ घंटे में रिपोर्ट
डा. सुनील ने बताया कि मंगलवार को चार और मरीजों की जांच परीक्षण के तौर पर की जाएगी। सभी रोगी पहले से निर्धारित हैं। करीब 10 से 15 मिनट में जांच प्रक्रिया पूरी हो जाती है और डेढ़ घंटे में रोगियों को ब्लाकेज की विस्तृत रिपोर्ट मिल जाती है। रिपोर्ट सामान्य होने पर रोगी उसी दिन घर जा सकते हैं। जांच के दौरान रोगियों को अपनी धड़कन नियंत्रित करनी होती है। सीटी स्कैन मशीन के अंदर रोगियों को कब सांस लेनी है और कब छोड़नी है इसके निर्देश माइक से दिए जाते हैं। रिपोर्ट में कितने प्रतिशत ब्लाकेज है या कितनी मात्रा में केल्सिफाइड प्लेक्स है इसकी सटीक जानकारी मिल जाती है। रोगियों को इसकी फोटो भी दी जाती है, इसे साधारण व्यक्ति भी आसानी से समझ सकता है।
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सीटी कोरोनरी स्कैन के फायदे
- अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है।
- एक से दो घंटे में हृदय की धमनियों में ब्लाकेज है कि नहीं, इसकी जानकारी हो जाती है।
- सिर्फ एक इंजेक्शन देकर बिना तार डाले या सर्जरी किए यह जांच की जाती है।
- अब जिन्हें दिक्कत है या उम्र ज्यादा है वे एंजियोग्राफी के बजाय सीटी कोरोनरी स्कैन करा सकते हैं।