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Citizenship Amendment Bill: JDU में दो फाड़, प्रशांत किशोर के साथ ही उठे विरोध के सुर

Citizenship Amendment Bill पर जदयू के स्टैंड को लेकर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर नाराजगी जतायी जिसके बाद जदयू में दो फाड़ हो गया है। पार्टी के दो नेता उनके सपोर्ट में आ गए हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 02:22 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 11:03 PM (IST)
Citizenship Amendment Bill: JDU में दो फाड़, प्रशांत किशोर के साथ ही उठे विरोध के सुर
Citizenship Amendment Bill: JDU में दो फाड़, प्रशांत किशोर के साथ ही उठे विरोध के सुर

 पटना, जेएनएन। Citizenship Amendment Bill, लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किए जाने पर जदयू नेता प्रशांत किशोर ने अपनी नाराजगी जतायी थी। अब इसे लेकर उन्हें पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं का भी समर्थन मिला है। इस तरह से देखें तो इस बिल को लेकर जदयू के भीतर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पार्टी दो भागों में बंटती नजर आ रही है।

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इस बिल को लेकर जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि Citizenship Amendment Bill का पार्टी लोकसभा के साथ-साथ राज्य सभा में भी समर्थन करेगी। साथ ही उन्होंने प्रशांत किशोर के ट्वीट पर कहा यह उनका निजी विचार हो सकता है पार्टी का वही रुख है जो नीतीश कुमार जी ने कहा है।

अब प्रशांत किशोर के साथ ही जदयू के वरिष्ठ नेता पवन कुमार वर्मा ने भी ट्वीट कर पार्टी के इस फैसले का विरोध किया है और इस बिल को देश की एकता और सद्भाव के लिए खतरा बताया है। 

पवन वर्मा ने ट्विटर पर लिखा, मैं श्री नीतीश कुमार से राज्यसभा में Citizenship Amendment Bill को समर्थन पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं। विधेयक जदयू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ होने के अलावा असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता और सद्भाव के खिलाफ है। अगर आज गांधीजी होते तो वे भी इसका कड़ा विरोध करते।

प्रशांत किशोर और पवन कुमार वर्मा के साथ ही पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और  पूर्व आइपीएस एनके सिंह ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक पर पार्टी के स्टैंड का विरोध किया है। पार्टी के नेशनल एग्जीक्यूटिव के सदस्य और रिटायर्ड आईपीएस एन के सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, कल आजादी के बाद का काला दिन था। कल दिन गांधी, नेहरू और पटेल के धर्मनिरपेक्ष बहुलतावादी, लोकतांत्रिक भारत को पीछे छोड़ते हुए, गोलवलकर, सावरकर और आरएसएस के एक हिन्दू राष्ट्र की ओर पहला कदम बढ़ा दिया गया।

बता दें कि इसके पहले जदयू राज्य कार्यकारिणी के सदस्य ग़ुलाम गौस ने भी इशारों में इस बिल को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि नागरिकता संशोधन बिल एक धर्म विशेष के ख़िलाफ़ है। देश भर में इस बिल को लेकर लोगों में शंका है। कई विवादास्पद मुद्दों को उठा बीजेपी ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। एक सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा था कि जदयू ने इस पर समर्थन क्यूं दिया ये तो जदयू के बड़े नेताओं से ही पूछिए। 


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