Citizenship Amendment Bill: JDU में दो फाड़, प्रशांत किशोर के साथ ही उठे विरोध के सुर
Citizenship Amendment Bill पर जदयू के स्टैंड को लेकर प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर नाराजगी जतायी जिसके बाद जदयू में दो फाड़ हो गया है। पार्टी के दो नेता उनके सपोर्ट में आ गए हैं।
पटना, जेएनएन। Citizenship Amendment Bill, लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किए जाने पर जदयू नेता प्रशांत किशोर ने अपनी नाराजगी जतायी थी। अब इसे लेकर उन्हें पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं का भी समर्थन मिला है। इस तरह से देखें तो इस बिल को लेकर जदयू के भीतर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पार्टी दो भागों में बंटती नजर आ रही है।
इस बिल को लेकर जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि Citizenship Amendment Bill का पार्टी लोकसभा के साथ-साथ राज्य सभा में भी समर्थन करेगी। साथ ही उन्होंने प्रशांत किशोर के ट्वीट पर कहा यह उनका निजी विचार हो सकता है पार्टी का वही रुख है जो नीतीश कुमार जी ने कहा है।
अब प्रशांत किशोर के साथ ही जदयू के वरिष्ठ नेता पवन कुमार वर्मा ने भी ट्वीट कर पार्टी के इस फैसले का विरोध किया है और इस बिल को देश की एकता और सद्भाव के लिए खतरा बताया है।
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
पवन वर्मा ने ट्विटर पर लिखा, मैं श्री नीतीश कुमार से राज्यसभा में Citizenship Amendment Bill को समर्थन पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं। विधेयक जदयू के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ होने के अलावा असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता और सद्भाव के खिलाफ है। अगर आज गांधीजी होते तो वे भी इसका कड़ा विरोध करते।
I urge Shri Nitish Kumar to reconsider support to the #CAB in the Rajya Sabha. The Bill is unconstitutional, discriminatory, and against the unity and harmony of the country, apart from being against the secular principles of the JDU. Gandhiji would have strongly disapproved it. — Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) December 10, 2019
प्रशांत किशोर और पवन कुमार वर्मा के साथ ही पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और पूर्व आइपीएस एनके सिंह ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक पर पार्टी के स्टैंड का विरोध किया है। पार्टी के नेशनल एग्जीक्यूटिव के सदस्य और रिटायर्ड आईपीएस एन के सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, कल आजादी के बाद का काला दिन था। कल दिन गांधी, नेहरू और पटेल के धर्मनिरपेक्ष बहुलतावादी, लोकतांत्रिक भारत को पीछे छोड़ते हुए, गोलवलकर, सावरकर और आरएसएस के एक हिन्दू राष्ट्र की ओर पहला कदम बढ़ा दिया गया।
Yesterday , a black day in post-Independence era:Leaving behind an India of Gandhi,Nehru&Patel of secular pluralistic,democratic India, a first step towards a HINDU Rashtra of Golwalkar, Savarkar & RSS:Towards , a HINDU Pakistan:But signs they won’t succeed.— N.K.Singh,IPS(retd) (@NKSingh19) December 10, 2019
बता दें कि इसके पहले जदयू राज्य कार्यकारिणी के सदस्य ग़ुलाम गौस ने भी इशारों में इस बिल को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि नागरिकता संशोधन बिल एक धर्म विशेष के ख़िलाफ़ है। देश भर में इस बिल को लेकर लोगों में शंका है। कई विवादास्पद मुद्दों को उठा बीजेपी ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। एक सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा था कि जदयू ने इस पर समर्थन क्यूं दिया ये तो जदयू के बड़े नेताओं से ही पूछिए।