अब नहीं करना होगा इंतजार, पटना में एक मई से एप पर मिलेगी कूड़ा गाड़ी की लोकेशन
एक मई से राजधानीवासियों को डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों का लोकेशन मालूम होती रहेगी। इससे कूड़ा फेकने के लिए घंटों इंतजार नहीं करना होगा।
By Edited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 01:32 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 08:50 AM (IST)
पटना, जेएनएन। कूड़े उठाने वालों के लिए अब सुबह-सुबह उठकर लंबा इंतजार नहीं करना होगा। केवल एप डाउनलोड कर कूड़ा गाड़ी के आने की जानकारी मिल जाएगी। एक मई से राजधानीवासियों को डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों का लोकेशन उनके मोबाइल पर उपलब्ध हो जाएगी। इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली आधी से अधिक गाड़ियों की जिओ फेंसिंग का काम पूरा हो चुका है।
यह उपग्रह की सहायता से किसी इलाके को चिह्नित करने की तकनीक है। पहले से ही निगम की गाड़ियों को जीआइएस और जीपीएस से लैस कर दिया गया है। वहीं आइटी इंजीनियरों की टीम एप बनाने में जुटी है। गाड़ियों की जिओ फेंसिंग और एप बनते ही उसका पहले ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद इसे डाउनलोड करने के लिए गूगल प्ले स्टोर में डाला जाएगा।
15 अप्रैल से मिलनी थी सुविधा
इस संबंध में अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी ने कहा कि यह व्यवस्था 15 अप्रैल से ही शुरू होने वाली थी। कुछ तकनीकी कारणों से शुरू नहीं हो सकी। लिहाजा एक मई को टारगेट में रखकर टीम इस दिशा में काम कर रही है। इस एप के माध्यम से राजधानी वासियों को कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की पूरी जानकारी मिलेगी। गाड़ियां कहां और किस समय आएंगी, इसकी पूरी जानकारी लोगों को रहेगी। इससे लोग अपने घर के कचरे को गाड़ी में आसानी से डाल सकेंगे।
प्ले स्टोर से डाउनलोड हो सकेगा एप
जिन लोगों को यह शिकायत होती है कि उन्हें यह पता नहीं चलता कि गाड़ियां कब उनके घर के सामने से गुजरी, उनके लिए यह एप काफी कारगर होगा। एप को मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद गाड़ियों की पल-पल की जानकारी उन्हें मिलती रहेगी। लिहाजा वे लोग अपनी सुविधा के मुताबिक कचरे को गाड़ियों तक पहुंचा सकेंगे। इसे लेकर निगम मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है।
शहर वासियों को कभी-कभी ऐसी शिकायत रहती है कि किसी इलाके में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां नहीं पहुंच रही है। साथ ही गाड़ियां किस समय आएंगी इसका लोगों को इंतजार करना पड़ता है। एक समय पर गाड़ियां नहीं पहुंचती है। एप हो जाने से यह समस्या दूर हो जाएगी। और लोग आसानी से अपने यहां की डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की पल पल की जानकारी लेते रहेंगे।
यह उपग्रह की सहायता से किसी इलाके को चिह्नित करने की तकनीक है। पहले से ही निगम की गाड़ियों को जीआइएस और जीपीएस से लैस कर दिया गया है। वहीं आइटी इंजीनियरों की टीम एप बनाने में जुटी है। गाड़ियों की जिओ फेंसिंग और एप बनते ही उसका पहले ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद इसे डाउनलोड करने के लिए गूगल प्ले स्टोर में डाला जाएगा।
15 अप्रैल से मिलनी थी सुविधा
इस संबंध में अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी ने कहा कि यह व्यवस्था 15 अप्रैल से ही शुरू होने वाली थी। कुछ तकनीकी कारणों से शुरू नहीं हो सकी। लिहाजा एक मई को टारगेट में रखकर टीम इस दिशा में काम कर रही है। इस एप के माध्यम से राजधानी वासियों को कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की पूरी जानकारी मिलेगी। गाड़ियां कहां और किस समय आएंगी, इसकी पूरी जानकारी लोगों को रहेगी। इससे लोग अपने घर के कचरे को गाड़ी में आसानी से डाल सकेंगे।
प्ले स्टोर से डाउनलोड हो सकेगा एप
जिन लोगों को यह शिकायत होती है कि उन्हें यह पता नहीं चलता कि गाड़ियां कब उनके घर के सामने से गुजरी, उनके लिए यह एप काफी कारगर होगा। एप को मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद गाड़ियों की पल-पल की जानकारी उन्हें मिलती रहेगी। लिहाजा वे लोग अपनी सुविधा के मुताबिक कचरे को गाड़ियों तक पहुंचा सकेंगे। इसे लेकर निगम मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है।
शहर वासियों को कभी-कभी ऐसी शिकायत रहती है कि किसी इलाके में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां नहीं पहुंच रही है। साथ ही गाड़ियां किस समय आएंगी इसका लोगों को इंतजार करना पड़ता है। एक समय पर गाड़ियां नहीं पहुंचती है। एप हो जाने से यह समस्या दूर हो जाएगी। और लोग आसानी से अपने यहां की डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की पल पल की जानकारी लेते रहेंगे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें