कैनवास पर उकेरी छत पर फुदकती गौरैया
किसी ने गौरैया को डाल पर फुदकते हुए दिखाया तो किसी ने नन्हीं सी चिड़िया की दुर्दशा पर मार्मिक
किसी ने गौरैया को डाल पर फुदकते हुए दिखाया तो किसी ने नन्हीं सी चिड़िया की दुर्दशा पर मार्मिक पेंटिंग की। कोई गौरैया को बचाने का संदेश दे रहा था तो किसी ने पानी में अठखेलियां करते हुए दिखाया। मौका था विश्व गौरैया दिवस पर कुमुदिनी एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता का।
मंगलवार को अनीसाबाद स्थित शिशु विद्या मंदिर में आयोजित प्रतियोगिता में पचास की संख्या में बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने गौरैया पर एक से बढ़कर एक कलाकृतियां कैनवास पर उकेरीं। गौरैया को कैसे बचाया जाए? इन्हें किस तरह फिर से शहर में बुलाया जा सकता है? एक व्यक्ति गौरैया के संरक्षण के लिए क्या कर सकता है? इन सवालों का जवाब पेंटिंग के माध्यम से दिया गया। कार्यक्रम में पहली क्लास से लेकर सातवीं क्लास तक की छात्र-छात्राओं ने जोर शोर से भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था की चेयरपर्सन ऊषा कुमारी ने दीप जलाकर की। उन्होंने कहा कि गौरैया हमारे पारिवारिक सदस्य होती थी लेकिन आज इनकी चहचहाहट कहीं खो गई है। हम इसके लिए जिम्मेदार हैं। हमें इनके संरक्षण के लिए आगे आना होगा। अंत में सभी बच्चों को पुरस्कृत किया गया। मौके पर ट्रस्ट की चेयरपर्सन ऊषा कुमारी, सचिव सरस्वती देवी, कुमुदिनी शिशु विद्या मंदिर की प्राचार्या अंकिता कुमारी, संयोजक रीता कुमारी अन्य ट्रस्ट और विद्यालय के पदाधिकारी मौजूद मौजूद रहे। (जासं)