अपनों से मिली बेरुखी, इटली में मिलेगी मां की ममता
अपनों की बेरुखी के शिकार एक मासूम को जल्द ही इटली में ममता की शीतल छांव नसीब हो जाएगी। इसकी कानूनी प्रक्रिया चल रही है। इजाजत मिलते ही बच्चे को इटली के एक दंपती को सौंपा जाएगा।
वैशाली [गंगेश गुंजन]। अपनों की बेरुखी के शिकार एक मासूम को जल्द ही इटली में ममता की शीतल छांव नसीब हो जाएगी। इसकी कानूनी प्रक्रिया चल रही है। हाजीपुर फैमिली कोर्ट से इजाजत मिलते ही बच्चे को इटली के दंपती को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल मासूम हाजीपुर स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रहा है।
साढ़े पांच वर्ष के मासूम को जन्म लेते ही मां ने लावारिस अवस्था में फेंक दिया था। नवजात को चाइल्ड लाइन टीम ने बरामद किया। कुछ दिन पटना के चाइल्ड केयर होम में रखा और फिर उसे हाजीपुर स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में भेज दिया। गत अक्टूबर माह में यहां पल रहे इस मासूम का चयन इटली के एक दंपती ने गोद लेने के लिए कर लिया।
गत 31 अक्टूबर को फैमिली कोर्ट में आदेश के लिए केस फाइल किया गया। जनवरी के पहले हफ्ते में कोर्ट से आदेश मिलते ही बच्चे को इटली के दंपती को प्री-एडॉप्शन केयर के लिए सौंप दिया जाएगा। इसके कुछ दिन बाद सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद कोर्ट के द्वारा बच्चे के माता-पिता को कानूनी तौर पर बच्चे की पूरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
बच्चियों को भी गोद ले रहे दंपती
लावारिस फेंके बच्चों को मां की ममता दिलाने में चाइल्ड लाइन व विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान वरदान साबित हो रहा है। ऐसे बच्चों के प्रति लोगों की सोच में भी बदलाव आया है। निस्संतान दंपती इन्हें अपनी ममता की छांव दे रहे हैं। नवंबर 2016 में यहां खुले नारायणी सेवा संस्थान द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान से अब तक चार बच्चों को देश के विभिन्न राज्यों के दंपतियों ने गोद लिया है। सुखद ये है कि परिजन की ठुकराई बच्चियों को भी यहां ममता की छांव मिल रही है।
इन दंपतियों ने गोद ली बच्ची
- हावड़ा के दंपती ने समस्तीपुर से मिली बच्ची को 29 मई 2017 को गोद लिया।
- केरल के दंपति ने वैशाली में मिले बच्चे को 07 जून 2017 को ।
- यूपी के इलाहाबाद के दंपती ने वैशाली से मिली बच्ची को को 5 अक्टूबर 2017 को।
- छत्तीसगढ़ के दंपती ने वैशाली जिले से मिली बच्ची को 26 दिसंबर 2017 को
- इटली के दंपती द्वारा पटना से मिले बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया चल रही है।
ऑनलाइन होने से बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। इच्छुक दंपती को केंद्रीय दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर बच्चा दंपती को सौंप दिया जाता है।
- रितुराज, डायरेक्टर, चाइल्ड लाइन वैशाली।