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पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस का तबादला, CJ एपी शाही की जगह लेंगे संजय करोल

Chief Justice of Patna High Court transferred पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस एपी शाही का तबादला हुआ है। त्रिपुरा हाइकोर्ट के CJ संजय करोल पटना हाइकोर्ट के नये चीफ जस्टिस होंगे।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 05:23 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 10:23 PM (IST)
पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस का तबादला, CJ एपी शाही की जगह लेंगे संजय करोल
पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस का तबादला, CJ एपी शाही की जगह लेंगे संजय करोल

पटना, जेएनएन। Chief Justice of Patna High Court transferred, Justice Sanjay Karol will be the new Chief Justice of Patna High Court: पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस एपी शाही (AP Shahi) का तबादला हुआ है। त्रिपुरा हाइकोर्ट (Tripura High Court) के चीफ जस्टिस संजय करोल (Sanjay Karol) पटना हाइकोर्ट के नये चीफ जस्टिस होंगे। पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) के वर्तमान चीफ जस्टिस एपी शाही मद्रास हाइकोर्ट (Madras High Court) के चीफ जस्टिस होंगे। इसी तरह, जस्टिस राकेश कुमार का तबादला आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट किया गया है। बता दें कि जस्टिस राकेश कुमार सेवानिवृत आइएएस केपी रमैया के मामले को लेकर विवादों में आए थे। तब चीफ जस्टिस एपी शाही ने 11 जजों की बेंच में सुनवाई कर जस्टिस राकेश के फैसले पर राेक लगा दी थी। 

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लंबे समय तक चर्चा में रहे मुख्य न्यायाधीश एपी शाही का स्थानांतरण मद्रास हाइकोर्ट कर दिया गया है। वहीँ जस्टिस राकेश कुमार को स्थानांतरित कर आंध्र प्रदेश भेजा गया है, जबकि न्यायाधीश संजय करोल पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए हैं। पटना हाइकोर्ट से स्थानांतरित होकर पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट गए न्यायाधीश डा. रवि रंजन को झारखण्ड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। फिलहाल स्थानांतरण संबंधी अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा की गई है। कॉलेजियम की इस अधिसूचना पर केंद्र सरकार की मुहर लगनी अभी बाकी है।

न्यायाधीश संजय करोल त्रिपुरा हाइकोर्ट से स्थानांतरित होकर पटना हाइकोर्ट आने वाले मूलतः हिमाचल प्रदेश के हैं। 25 अप्रैल 2017 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय में उन्हें न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वहां से पदोन्नति पाकर उन्हें त्रिपुरा हाइकोर्ट भेज दिया गया था। 

स्थानांतरण की चर्चा बहुत पहले से चल रही थी, लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर इसे प्रकाशित कर दिया गया। जस्टिस राकेश कुमार तब विवादों में आ गए थे, जब उन्होंने सेवानिवृत आइएएस केपी रमैया को जमानत पर छोड़े जाने पर उन्होंने आपत्ति की थी। उन्होंने जमानत प्रकरण की जांच का भी आदेश दिया था। न्‍यायाधीश राकेश कुमार ने अपने एक आदेश में न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर भी सवाल खड़ा किया था। न्‍यायाधीश कुमार ने पटना सिविल कोर्ट में रिश्वत के मामले को लेकर भी गंभीर सवाल उठाया था। उन्होंने रिश्वतखोरी के मामले को सीबीआई से जांच कराने का भी आदेश दिया था। इस पर मुख्य न्यायाधीश एपी शाही ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।

मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस राकेश कुमार के आदेश को 11 जजों के बेंच द्वारा निरस्त कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश शाही का कहना था कि जस्टिस राकेश कुमार द्वारा कार्यवाही चलाने का फैसला ही गलत था। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पूर्ण पीठ ने इस बात पर भी आपत्ति की थी कि निष्पादित मामले की दोबारा सुनवाई बिना मुख्य न्यायाधीश की अनुमति के नहीं हो सकती है। इतना ही नहीं, मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने जस्टिस राकेश कुमार के कार्य करने पर भी रोक लगा दिया था। न्यायपालिका की इस अंदरूनी लड़ाई को लेकर मुख्य न्यायाधीश शाही एवं न्यायाधीश राकेश कुमार लंबे समय तक चर्चा में रहे। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी विवाद को लेकर दोनों न्यायाधीशों का स्थानांतरण किया गया। 

दूसरी ओर न्यायाधीश डा. रवि रंजन जो पटना हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट गए थे। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने पदोन्नति देते हुए झारखण्ड हाइकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है । वे 19 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत होंगे। मालूम हो कि 2008 में रवि रंजन पटना हाइकोर्ट में वकील से जज बने थे और पिछले साल 23 नवंबर को उनका स्थानांतरण पंजाब और हरियाणा  हाइकोर्ट कर दिया गया था।


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